इन 7 तरह के लोगों को नहीं खानी चाहिए हल्दी, होगा नुकसान

आपको लगता है कि इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है तो यह कहना गलत होगा। चक्कर आना, मतली, पेट दर्द और दस्त का भी कारण हो सकता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि हल्दी का इस्तेमाल कब करना चाहिए और कब नहीं। साथ ही किस प्रकार के लोगों के लिए यह सुरक्षित है और किस-किस के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। यहां जानते हैं:
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इन 7 तरह के लोगों को नहीं खानी चाहिए हल्दी, होगा नुकसान


हल्दी उन सबसे ज्यादा लोकप्रिय मसालों में से एक है जो कि स्वास्थय लिहाज से भी कई मायने में बहुत ज्यादा उपयोगी है। इसके सीमित मात्रा में सेवन से हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है तो ज्यादा सेवन भी परेशानी खड़ी कर सकता है। लेकिन आमतौर पर लोग यही जानते हैं कि सभी को हल्दी खानी चाहिए ताकि स्वस्थ रह सकें। लेकिन आपको लगता है कि इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है तो यह कहना गलत होगा। चक्कर आना, मतली, पेट दर्द और दस्त का भी कारण हो सकता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि हल्दी का इस्तेमाल कब करना चाहिए और कब नहीं। साथ ही किस प्रकार के लोगों के लिए यह सुरक्षित है और किस-किस के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। यहां जानते हैं:

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इससे बचना चाहिए

हल्दी को भोजन में कम मात्रा में लिया जाए तो गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान कोई परेशानी नही हैं। लेकिन इस समय पर ज्यादा सेवन या इसका दवाई के रूप में सेवन खतरनाक हो सकता है। इससे यह गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है जिससे गर्भ गिर भी सकता है और मासिक धर्म की अवधि को बढ़ा सकता है।

पित्ताशय की समस्या से जूझ रहे लोगों को

अगर कोई पित्ताशय से जुड़ी किसी समस्या से ग्रसित है तो हल्दी का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। यूं तो हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन पित्ताशय के कैंसर की संभावना को कम करने और पित्ताशय की पथरी को बनने से रोकता है लेकिन बायनेरी ट्रैक्ट ऑब्सट्रेक्शन वाले मरीजों को हल्दी का प्रयोग किसी भी रूप में नहीं करना चाहिए।

जिन्हें किडनी स्टोन्स हो

अगर आप रोजाना ज्यादा हल्गी खाते हैं तो किडनी स्टोन होने का जोखिम बढ़ जाता है। हल्दी में घुलनशील ऑक्सालेट के उच्च स्तर होते हैं जो आसानी से कैल्शियम से जुड़ सकते हैं और अघुलनशील कैल्शियम ऑक्सलेट बना सकते हैं। अघुलनशील कैल्शियम ऑक्सालेट 75% सभी किडनी स्टोन समस्याओं के कारण होता है। किडनी स्टोन बनाने की प्रवृत्ति वाले लोगों को रोजाना 40-50 मिलीग्राम से कम डाइटरी आक्सीलेट के सेवन को सीमित करते हैं, जिसका मतलब है कि हल्दी एक चम्मच से अधिक नहीं।

जिनकी सर्जरी हुई है

यह खून पतला करती है। जिनकी सर्जरी हुई हैं, उन्हें ज्यादा हल्दी खाने से बचना चाहिए।

जिन्हें खून की कमी है

इससे बॉडी में आयरन अब्जॉर्बशन बढ़ सकता है और एनीमिया हो सकता है।

एसिडिटी और गैस के मरीज

अगर किसी को एसिडिटी और गैस है या पेट का अल्सर है तो उन्हें हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसमें मौजूद करक्यूमिन गैस, एसिडिटी की समस्या बढ़ाता है।

रक्त का थक्का या रक्त को पतला करने की दवा लेने वाले

हल्दी खून को पतला करती है और खून का थक्का बनने से रोकती है। इसलिए अगर कोई खून पतला करने की दवा ले रहा हो तो हल्दी का प्रयोग न करें।

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