आमतौर पर त्वचा की प्रकृति का निर्धारण आनुवंशिकता पर निर्भर करता है। वहीं कुछ अन्य कारण भी हैं जो आपकी त्वचा में तेल उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं। इसलिए यदि आपको अपने चेहरे पर अचानक बहुत अधिक चिपचिपापन दिखाई पड़ता हैं। आइए जानते हैं उनके कारणों के बारे में जिनसे आपकी स्किन ऑयली हो जाती है।
इन कारणों से बदलते हैं तिल और मस्से अपना आकार!
पीरियड्स
यह आपके मुंहासों के निकलने का एक प्रमुख कारण हो सकता है। हर महीने जब आपका शरीर हार्मोन के उत्पादन के नियमित चक्र से गुजरता है, तो हार्मोनल स्तरों में उतार-चढ़ाव आपकी तेल ग्रंथियों को उत्तेजित कर सकता है और आपकी त्वचा oily बन सकती है।
तनाव
शारीरिक और भावनात्मक तनाव के कारण आपकी तेल ग्रंथियों द्वारा तेल के उत्पादन में वृद्धि हो सकती हैं। इसीलिए योग और ध्यान करें। इससे आपके तनाव को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और आपकी स्किन को ऑयली होने से बचाएगा।
यौवन
प्यूबर्टी के दौरान, अस्थिर हार्मोन के कारण एण्ड्रोजन के स्तर में वृद्धि हो सकती है जो आपकी त्वचा को ऑयली बना सकते हैं। एण्ड्रोजन स्तर बढ़ने से त्वचा की तैलिय या सिबेशस (sebaceous) ग्रंथियों को परिपक्वता के संकेत देती है, और जैसे-जैसे ग्रंथि परिपक्व हो जाती है, त्वचा ऑयली बनने लगती है।
मौसम
हालांकि आपकी पसीना बनानेवाली ग्रंथियों की गतिविधि मौसम के लिहाज से बहुत ज्यादा नहीं बदलती, लेकिन गर्म और अधिक आर्द्र मौसम में, आपका चेहरे पर अधिक चिपचिपापन दिखायी पड़ सकता है।
मेकअप
मेकअप चेहरे के चिपचिपेपन और पिम्पल्स को कवर करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही भारी मेकअप आपकी त्वचा को ऑयली बना सकता है। कॉस्मेटिक उत्पादों को खरीदते समय, ऑयल-फ्री और नॉन-कॉमेडोजेनिक मेकअप ही चुनें।
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