नाक, मस्तिष्क व आंखों के अंदरूनी भाग में बची थोड़ी खोखली जगह को साइनस कहते हैं। साइनस के मार्ग के रुकने पर बलगम निकलने में परेशानी होती है, इसे 'साइनोसाइटिस' कहते हैं। आमतौर पर साइनस की समस्या का मुख्य कारण धूल और प्रदूषण होता हैं। लेकिन बदलते मौसम से भी साइनस की समस्या काफी बढ़ जाती है। जरूरी सावधानियों को अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं। इसके लिए आपको साइनस के लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए।
थोड़े समय तक रहने वाले साइनस को गंभीर (एक्यूट) साइनस कहते है। गंभीर साइनस आमतौर पर सर्दी या एलर्जी के कारण होता है। लेकिन साइनस के लक्षण आठ सप्ताह या इससे अधिक तक रहने पर क्रोनिक साइनस होता है। साइनस के कई लक्षण एक्यूट और क्रोनिक दोनों में आम होते हैं। संक्रमण के सही कारणों का पता लगाने के लिए और सही इलाज के लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
साइनस के लक्षण
दर्द
साइनस के सबसे सामान्य लक्षणों में अक्सर होने वाला दर्द शामिल है। आपकी आंखों के ऊपर और नीचे और कान के पीछे कई प्रकार के साइनस होते हैं। साइनस संक्रमण होने पर इनमें से किसी में भी दर्द उत्पन्न हो सकता हैं। सूजन और जलन में दर्द की शुरुआत सुस्त दबाव के साथ होती है। इसमें दर्द का अनुभव ऊपरी जबड़े और दांत, आंखों के बीच, नाक के दोनों तरफ और माथे में भी हो सकता है।
साइनस डिस्चार्ज
साइनस की समस्या होने पर अक्सर नाक से हल्के हरे-पीले रंग की बलगम निकलती है। यह बलगम संक्रमित साइनस से निकलकर नाक मार्ग से बाहर आती है। यह बलगम नाक से निकलने के अलावा गले में भी प्रवाहित भी होती है। और इससे आप गले में गुदगुदी और खुजली जैसा महसूस कर सकते हैं। इसे पोस्टनेसल ड्रिप भी कहते है।
सिरदर्द
साइनस में बहुत अधिक दबाव और सूजन के कारण आपका सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है। सिरदर्द के अलावा आपके दांत, कान, जबड़े ओर गालों में भी दर्द का अनुभव हो सकता है। बलगम के रात भर एकत्रित होने के कारण, साइनस में होने वाला सिरदर्द सुबह के समय अक्सर बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसके साथ ही मौसम के कारण तापमान में आने वाले परिवर्तन से भी सिरदर्द की समस्या बहुत बढ़ जाती है।
गले में खराश
पोस्टनेसल ड्रिप में जलन गले में खराश का कारण बनती है। हालांकि इसकी शुरूआत कष्टप्रद गुदगुदी से शुरू होती है, लेकिन यह बदतर भी हो सकती है। संक्रमण के कुछ सप्ताह या उससे अधिक रहने पर बलगम में जलन और गले में दर्दनाक खराश के कारण गले में दर्द होने लगता है।
कन्जेशन
साइनस में सूजन आने के कारण नाक के माध्यम से सांस लेने में परेशानी होती है। संक्रमण साइनस के साथ नासिका मार्ग में सूजन का कारण भी बनता है। नाक में कन्जेशन के कारण आपकी गंध और स्वाद लेने की भावना का अनुभव भी बहुत कम हो जाता है।
खांसी
लंबे समय तक रहने वाली साइनस की समस्या में निकलने वाला बलगम, गले के नीचे जाकर जलन पैदा करने लगता है। इसके कारण आपको लगातार और कष्टप्रद खांसी होने लगती है। साइनस खांसी विशेष रूप से उत्तेजक होती है, और रात में तो और भी बदतर हो जाती है जिससे सोना भी मुश्किल हो जाता है। थोड़ा सीधा होकर सोना खांसी की आवृत्ति और तीव्रता को कम करने में मदद करता है।
इन सब लक्षणों को जानकर आप साइनस जैसी समस्या का आसानी से निदान कर उपचार कर सकते हैं।
Image Courtesy : Getty Images
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