
बदलती लाइफस्टाइल, खानपान के कारण लोगों की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। ये शरीर में कई बीमारियों का कारण बन रहा है। लाइफस्टाइल में हो रहे बदलावों के कारण हो रही बीमारियों में से एक है मलाशय में सूजन होना। आसान भाषा में कहें तो मलाशय में होने वाली सूजन आंतों से जुड़ी एक बीमारी है। इसमें मलाशय (colon) और मलनाली (rectum) में छाले हो जाते है। मलाशय में सूजन के लक्षणों को वक्त रहते ठीक न किया जाए तो ये बढ़ सकती है और इसका इलाज नमुमकिन हो जाता है। आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं मलाशय में होने वाली सूजन के लक्षण और उससे बचाव करने के उपायों के बारे में।
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मलाशय में सूजन होने पर दिखते हैं ये लक्षण
मायो क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक मलाशय में सूजन होने पर व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :
1. पेट में दर्द और ऐंठन
2. मलाशय (रेक्टल) का दर्द
3. मलाशय से ब्लीडिंग- मल के साथ हल्का खून आना
4. शौच की तीव्र इच्छा
5. थकान और बुखार होना
मलाशय में सूजन के प्रकार
अल्सरेटिव प्रोक्टाइटिस : सूजन गुदा (rectum) के आसपास तक सीमित होती है और मलाशय से खून आना बीमारी का एकमात्र संकेत हो सकता है।
प्रोक्टोसिग्मोइडिटिस : मलाशय में और सिग्मॉइड कोलोन (पेट के सबसे नीचे की ओर) सूजन होती है। इसके लक्षणों में खूनी दस्त, पेट में ऐंठन और दर्द, और शौच त्यागने की तीव्र इच्छा के बावजूद शौच करने में असमर्थता (tenesmus) शामिल हैं।
बायीं तरफा कोलाइटिस : इसमें सूजन सिग्मॉइड कोलोन के सबसे नीचे की ओर से लेकर मलद्वार तक फैली होती है। संकेत और लक्षणों में खूनी दस्त, पेट में ऐंठन और बाईं ओर दर्द, तथा शौच त्यागने की तीव्र इच्छा शामिल हैं।
पैनकोलाइटिस : इस प्रकार का अल्सरेटिव कोलाइटिस अक्सर पूरे सिग्मॉइड कोलोन को प्रभावित करता है, जो खूनी दस्त का गंभीर कारण बनता है, जिससे पेट में ऐंठन व दर्द, थकान और वजन कम होना जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।
मलाशय की सूजन को कैसे कम करें?
मलाशय में सूजन के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इस वजह से यह बेहद ही जरूरी हो जाता है कि मरीज को हाईड्रेट किया जाए यानी उसके शरीर में होने वाली पानी की कमी को पूरा किया जाए। ऐसे मरीजों को दिनभर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी जरूर पीनी चाहिए। पानी के अलावा डाइट में नारियल पानी, जूस जैसी चीजों का शामिल करना चाहिए। मायो क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, मलाशय में सूजन की समस्या न हो इसके लिए पाचन को दुरुस्त रखना बहुत जरूरी है। इसलिए डाइट में पर्याप्त मात्रा में फाइबर को जरूर शामिल करें।
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