
Spate of Viral Infections And Cough: सर्दियों का मौसम खत्म होते ही उत्तर भारत में वायरल इन्फेक्शन और खांसी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अस्पतालों में वायरल इन्फेक्शन और लंबे समय से खांसी की समस्या से परेशान लोगों की बढ़ती भीड़ ने डॉक्टरों को भी चौंका दिया है। आमतौर पर बदलते मौसम की वजह से लोगों में फीवर, खांसी और जुकाम के मामले होते थे, लेकिन मरीज जल्दी इन समस्याओं से ठीक भी हो जाता था। लेकिन अब जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें खांसी (खासतौर पर सूखी खांसी) और जुकाम के लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं। इलाज लेने के बाद भी खांसी और जुकाम के लक्षणों से मरीजों को आराम नही मिल पा रहा है। तेजी से बढ़ रहे वायरल इन्फेक्शन और खांसी के मामले बेहद चौंकाने वाले हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं तेजी से बढ़ रहे वायरल इन्फेक्शन और खांसी के मामलों के कारण और इनसे बचाव के टिप्स।
क्यों बढ़ रहे वायरल इन्फेक्शन और खांसी के मामले?- Viral Infections And Cough Causes in Hindi
सूखी खांसी और वायरल इन्फेक्शन के पीछे वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन प्रमुख कारण बताया जा रहा है। वायरल संक्रमण के ज्यादातर मामलों में श्वसन तंत्र से जुड़े इन्फेक्शन के मरीज ज्यादा हैं। श्वसन तंत्र में इन्फेक्शन के खारण सर्दी-जुकाम और लंबे समय तक बनी रहने वाली खांसी की समस्या हो रही है। डॉ. अनीता मैथ्यू, संक्रामक रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस अस्पताल के मुताबिक वायरल इन्फेक्शन और खांसी के मरीजों को ठीक होने में लगभग 2 से 3 सप्ताह लग रहे हैं और यह बेहद चिंताजनक है। ऐसा माना जा रहा है की खराब एयर क्वालिटी और वायरल इन्फेक्शन के कारण से ये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वायरल इन्फेक्शन के ये मामले किसी भी उम्र के लोगों में देखे जा रहे हैं और इसका मुख्य कारण अपर और लोअर रेस्पिरेटरी सिस्टम में होने वाले वायरल इंफ्लेमेटरी कैस्केड है। खांसी और जुकाम के मामले 3 सप्ताह से लेकर 3 महीने बने रह सकते हैं।
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डॉक्टर कहते हैं कि खांसी के बढ़ते मामले और पोस्ट वायरल इन्फेक्शन के लक्षण बने रहने के पीछे खराब एयर क्वालिटी भी जिम्मेदार है। एक तरफ जहां बदलते मौसम और तामपान में बदलाव के कारण लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो रही है, वहीं फ्लू, और वायरल संक्रमण की वजह से ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं। इन्फेक्शन के बाद वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से मरीज के श्वास नली में सूजन हो सकती है और इसकी वजह से परेशानियां लंबे समय तक बढ़ सकती हैं। सही समय पर इलाज और बचाव न लेने पर मरीज को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर परेशानियों का खतरा भी बना रहता है।
वायरल इन्फेक्शन और खांसी से कैसे करें बचाव?- Viral Infections And Cough Prevention Tips in Hindi
फ्लू और प्रदूषण की वजह से फेफड़ों तक हवा ले जानी वाली ब्रोन्कियल नलियों में सूजन की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ, सांस लेने में दिक्कत और खांसी की समस्या हो सकती है। ऐसे लोग जो पहले से सांस से जुडी समस्याओं से पीड़ित हैं उनमें इसका खतरा ज्यादा रहता है। इस समस्या से बचने के लिए खानपान में सुधार, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने वाले फूड्स का सेवन और सांस से जुड़े व्यायाम का अभ्यास बहुत जरूरी है। इसके अलावा भोजन में ऐसे फूड्स को शामिल करना चाहिए जो सर्दी-जुकाम में फायदेमंद माने जाते हैं।
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सर्दी-जुकाम और फ्लू के लक्षण दिखने पर इसे नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इन समस्याओं को नजरअंदाज करने से आप कई गंभीर परेशानियों का शिकार हो सकते हैं। इन्फेक्शन की चपेट में आने से बचने के लिए फेस मास्क का इस्तेमाल करें और ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचें, जो पहले से ही संक्रमित हैं।
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