Contact Lenses Side Effects Long-Term: आंख हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। इसके बिना हम कुछ भी देख नहीं सकेंगे इसलिए आंखों का खास ख्याल रखना जरूरी है। आंखों की रौशनी कमजोर होने पर चश्मे का सहारा लिया जाता है। मॉर्डन जमाने में हर कोई अब चश्मे की जगह कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करता है। कॉन्टैक्ट लेंस के गलत इस्तेमाल से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल कॉन्टैक्ट लेंस हमारी आंख के अंदर मौजूद कॉर्निया पर लगता है। अगर लेंस साफ नहीं होगा, तो आंख के अंदर बैक्टीरिया भी पनप सकते हैं। बैक्टीरिया ही आगे चलकर आंख में इंफेक्शन का कारण बनते हैं। संक्रमण के कारण आंख की रौशनी भी जा सकती है। कई बार कॉन्टैक्ट लेंस को साफ करने वाला सॉल्यूशन भी गंदा होता है जिसके कारण आंख संक्रमित (Eye Infection) हो सकती है। हाल ही में अमेरिका के फ्लोरिडा का एक मामला सामने आया है। एक शख्स कॉन्टैक्ट लेंस निकाले बगैर ही सो गया जिसके कारण उसकी एक आंख की रौशनी चली गई। आगे आपको बताएंगे पूरा मामला साथ ही कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सोने के नुकसान पर भी गौर करें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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पैरासाइट अटैक से चली गई आंख की रौशनी
यूनाइटेड स्टेट के फ्लोरिडा में रहने वाले 21 साल के युवा माइक क्रुमहोल्ज रात को कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सो गए। अगली सुबह उठे तो आंख में दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉक्टर के मुताबिक उनकी आंख में एकैंथअमीबा केराटाइटिस नाम का परजीवी यानी पैरासाइट विकसित हो गया जिसने माइक की आंख को खा लिया। इस कारण से माइक की एक आंख की रौशनी चली गई। माइक की आंख की सर्जरी की गई है और उन्हें रिकवर होने में लंबा समय लग सकता है।
कैंथअमीबा केराटाइटिस क्या है?- Acanthamoeba keratitis
कैंथअमीबा केराटाइटिस (Acanthamoeba keratitis) आंख का एक दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रमण है। ये संक्रमण कॉर्निया को नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण व्यक्ति अंधा हो सकता है। आंखों साफ-सफाई न रखने, गंदे कॉन्टैक्ट लेंस पहनने या ज्यादा देर के लिए कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के कारण ये बीमारी हो सकती है। स्विमिंग के दौरान भी कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से ये संक्रमण हो सकता है।
कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सोने से क्या नुकसान हो सकते हैं?- Contact Lenses Side Effects
अगर आप भी कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सो जाते हैं, तो कई नुकसान हो सकते हैं-
1. आंख में दर्द और रेडनेस- Eye Pain and Redness
कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सोने से आंख के कॉर्निया पर खरोंच पड़ सकती है। लेंस पहनकर रखने से नमी, कॉर्निया तक नहीं पहुंच पाती और कॉर्निया की ऑक्सीजन ब्लॉक हो जाती है। इस कारण से आंख में दर्द और रेडनेस हो सकती है। आंखों में रेडनेस होना, आई डैमेज की एक निशानी भी है। ये लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
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2. आंख का अल्सर- Corneal Ulcer
कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सो जाने से आंख का अल्सर हो सकता है। अल्सर होने पर कॉर्निया पर सफेद फोड़ा नजर आता है। ये बेहद दर्दनाक होते हैं। अल्सर के कारण आंखों की रौशनी भी छिन सकती है।
3. कॉर्नियल निओ वैस्क्युलराइजेशन- Corneal Neovascularization
आंख को फ्लूइड और ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण कॉर्निया के आसपास की नसें बढ़ जाती हैं। इस समस्या में धुंधला नजर आता है। अगर लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेंस पहने रहेंगे तो आंखों की रौशनी भी जा सकती है।
4. कंजेक्टिवाइटिस- Conjunctivitis
कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर सोते हैं, तो कंजेक्टिवाइटिस हो सकता है। ज्यादा देर लेंस पहनने से आई सूजन के कारण ये बीमारी होती है। इस बीमारी में आंख लाल होने लगती है, खुजली और जलन की समस्या होती है। कंजेक्टिवाइटिस की तरह ही एक बीमारी है केराटाईटिस जिसमें आंख के साथ-साथ कान भी डैमेज हो सकते हैं और गंभीर मामलों में कानों से सुनाई देना बंद हो सकता है। ये समस्या भी रातभर कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर सोने से हो सकती है।
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सीडीसी के सुझाए इन टिप्स को अपनाएं
कुछ सावधानियां बरतने से कॉन्टैक्ट लेंस से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। चलिए जानते हैं सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) द्वारा शेयर किए गए टिप्स-
- कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साबुन और पानी के साथ धो लें।
- हर बार कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से पहले और बाद में हाथों की सफाई करें।
- कॉन्टैक्ट लेंस के बॉक्स को नियमित रूप से बदलते रहें और साफ रखें।
- इसी तरह कॉन्टैक्ट लेंस के सॉल्यूशन को भी धूल-मिट्टी से बचाएं और एक्सपायरी डेट चेक करते रहें।
डॉक्टर रात को कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सोने की सलाह नहीं देते। सोने से पहले कॉन्टैक्ट लेंस को निकालकर ही सोएं।
image credit: shikshanews.com
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