
भारतीय दवा कंपनी की आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने से अमेरिका के एक दर्जन राज्यों में करीब 55 लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है। अन्य लोगों को आंख में संक्रमण हो गया है। वहीं कुछ की तो आंख की रौशनी ही चली गई है, ऐसे लोगों की संख्या 11 बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, लोगों ने ये दवा डॉक्टर से सलाह लिए बगैर केमिस्ट से मांगी थी। ये आसानी से हर मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध होती है। आपको बता दें इस आई ड्रॉप का नाम एजरीकेयर आर्टिफिशियल टियर्स है। इस दवा को चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने बनाया है।
आई ड्राप के आयात पर लगी रोक
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के मुताबिक वे अब आई ड्रॉप के आयात पर रोक लगाएंगे। एफडीए ने लोगों और डॉक्टरों को संभावित बैक्टीरियल संक्रमण के कारण एजरीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स आई ड्राप्स का इस्तेमाल तुरंत बंद करने को कहा है। चेन्नई स्थित कंपनी ने दवा का उत्पादन बंद कर दिया है। वहीं इस दौरान, यूएस सेंटर फार डिजीज कंट्रोल प्रिवेंशन, ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर द्वारा बनाई एजरीकेयर आर्टिफिशियल टियर्स आई ड्राप्स की बंद बोतलों का टेस्ट कर रहे हैं।
कफ सिरप भी हुआ था फेल
ये पहला मामला नहीं है जब कोई भारतीय दवा कंपनी फेल हुई है। कुछ समय पहले भी ये खबर आई थी कि नोएडा की फार्मास्युटिकल कंपनी मेरियन बायोटेक फार्मा ने जो खांसी की दवा बनाई थी उससे बच्चे बीमार हो गए थे। WHO ने चेतावनी दी थी कि इस कफ सिरप का इस्तेमाल न किया जाए। इस कफ सिरप में diethylene glycol or ethylene glycol की ज्यादा मात्रा पाई गई थी। इस कफ सिरप को पीने से 18 बच्चों की मौत हुई है, इसका दावा कई डॉक्टरों ने किया। हालांकि फिलहाल कोर्ट में ये साबित नहीं हुआ है कि कफ सिरप के कारण ही बच्चों की मौत हुई या नहीं।
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क्या ये दवा भारत में उपलब्ध है?
नहीं, ये दवा भारत में उपलब्ध नहीं है। ये दवा अमेरिकी बाजार में सप्लाई की जाती है। ये दवा भारत में नहीं बेची जाती। ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने कहा है कि वो आई ड्रॉप्स के सैंपल जो यूएस गए थे, उन्हें वापस ले रही है। यूएस में डॉक्टरों ने स्यूडोमोनास एरुगिनोसा के एक प्रकोप के प्रति अलर्ट जारी किया है।
दवाओं के फेल होते नमुने हमें सीख देते हैं कि डॉक्टर की सलाह लिए बगैर किसी भी दवा का सेवन न करें। केवल प्रशिक्षित डॉक्टर और अस्पताल से ही सलाह लें।
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