Symptoms Causes And Prevention Of Osteoarthritis In Youth In Hindi: ऑस्टियोअर्थराइटिस एक दर्दनाक स्थिति होती है, जो अकसर जीवन के शुरुआती दिनों में विकसित होती है। यह आपकी गतिशीलता को सीमित करके और अत्यधिक दर्द और सूजन पैदा करके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। दरअसल जोड़ों का गंभीर रूप से नुकसान ही ऑस्टियोअर्थराइटिस है। ऑस्टियोअर्थराइटिस शरीर के जोड़ों के साथ-साथ कूल्हों और हाथों को भी प्रभावित करता है। समय के साथ समस्या विकराल हो जाती है। हाल ही में यह देखा गया है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस 35 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है, जो चिंता का कारण बन रहा है। जहां पहले इस आयु वर्ग के लोग ऑस्टियोअर्थराइटिस से केवल 5-6 प्रतिशत ही प्रभावित होते थे, वहीं अब ये प्रतिशत बढ़कर 20-25 हो गया है।
ऑस्टियोअर्थराइटिस के संभावित कारण
सीताराम भारतीय इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च और नई दिल्ली स्थित हॉली फैमिली हॉस्पिटल के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक व ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. बीरेन नाडकर्णी ने इस संबंध में बताया कि आजकल ओपीडी में स्टेज -2 डिजनरेशन वाले युवा मरीज बड़ी संख्या में दिख रहे हैं। महामारी के कारण, पिछले दो वर्षों में वर्क फ्रॉम होम कल्चर को चुना गया है। 6 घंटे से अधिक समय तक स्क्रीन के सामने बैठे रहना, व्यायाम की कमी, वजन बढ़ना, खान-पान में ध्यान न देना और सूरज की रोशनी का कम संपर्क युवाओं में ऑस्टियोअर्थराइटिस के मुख्य कारण हैं।‘ इसके अलावा निम्न कारण भी हैं, जैसे-
- गतिहीन या निष्क्रिय जीवनशैली
- लंबे समय तक बैठे रहना
- भारी सामान उठाते रहना जैसे वेट लिफ्टिंग इत्यादि
- एक जगह पर बहुत लंबे समय तक बैठे रहने पर जैसे कि ऑफिस आदि
- अधिक वजन या मोटा होना
- किसी समस्या के होने के बाद भी बहुत अधिक सक्रिय होना
- रग्बी या फुटबॉल जैसे खेलों के दौरान लगने वाली गंभीर चोट, जिस पर उस दौरान ध्यान नहीं दिया गया हो
- जोड़ो की चोट
- जन्म विकृति जैसे हिप डिस्प्लेसिया आदि
- हार्मोन संबंधी समस्याएं जो विकास को प्रभावित करती हैं
- मधुमेह
- पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस का पारिवारिक इतिहास
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संकेत और लक्षण
ऑस्टियोअर्थराइटिस तब होता है जब जोड़ों में कार्टिलेज खराब होने लगता है। बच्चों में अक्सर पुरानी, अनुपचारित चोटें होती हैं। लेकिन हम 30 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों में बहुत अधिक मामले देख रहे हैं। ऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे जंक फूड और तले हुए खाद्य पदार्थ कार्टिलेज के लिए खराब हैं। मोटापा भी पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। इसके संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं-
- जोड़ के आसपास बेचैनी, सूजन या लाली होना
- गतिशीलता में अचानक कमी
- जोड़ के पास तनाव
- थकावट (ऊर्जा की कमी) या कमजोरी
- डिप्रेशन
- बुखार
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बचाव के तरीके
पहले जहां, ऑस्टियोअर्थराइटिस का विकास 55 से 60 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में देखा जाता था, अब वहीं इसमें बदलाव आया है। अगर जल्द इस बीमारी का पता चल जाए, तो दवा, फिजियोथेरेपी, जीवनशैली में बदलाव करके इस रोग की प्रगति को रोका सकता है। इस संबंध में डॉ. बिरेन नाडकर्णी ने जोर देते हुए कहा, ‘यह सलाह दी जाती है कि ऑस्टियोअर्थराइटिस से जुड़े किसी भी तरह के लक्षण देखकर, उसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। यदि किसी को चलने में, रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत हो, तो तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए।’
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