
Chirata Benefits in Dengue: मानसून और बरसात के मौसम में वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में मच्छरों के काटने से डेंगू-मलेरिया के मामले बढ़ने लगते हैं। डेंगू और मलेरिया बुखार होने पर मरीज के शरीर में तेज दर्द, तापमान बढ़ना, बेचैनी जैसी समस्याएं होती हैं। डेंगू और मलेरिया के बुखार में आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में तमाम ऐसी औषधियां हैं, जिनका सेवन बुखार को कम करने और डेंगू-मलेरिया की वजह से हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए फायदेमंद मानी जाती हैं। डेंगू-मलेरिया के बुखार में चिरायता का सेवन भी बहुत फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं डेंगू-मलेरिया में चिरायता के फायदे और सेवन का तरीका।
डेंगू-मलेरिया में चिरायता के फायदे- Chirata Benefits in Dengue-Malaria in Hindi
डेंगू और मलेरिया जैसी समस्या में चिरायता का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदाचार्य डॉ एस के पांडेय के मुताबिक चिरायता में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो डेंगू-मलेरिया जैसी गंभीर समस्याओं में बहुत फायदेमंद होते हैं। बुखार उतारने और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आप चिरायता के काढ़े का सेवन कर सकते हैं। दरअसल चिरायता एक प्रभावी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। खांसी, वायरल संक्रमण और बुखार में इसका सेवन बहुत प्रभावी माना जाता है। अगर आप भी मलेरिया और डेंगू जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेकर चिरायता का सेवन कर सकते हैं।
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डेंगू-मलेरिया के लक्षण- Dengue-Malaria Symptoms in Hindi
डेंगू होने पर मरीज में ये लक्षण दिखते हैं-
- सिर में तेज दर्द
- बुखार आना
- आंखों में दर्द
- रैशेज की समस्या
- जोड़ों में तेज दर्द
- हड्डी या मसल्स पेन
- जी मिचलाना या उल्टी
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मलेरिया के लक्षण-
- सिर में तेज दर्द होना
- उल्टी होना या जी मचलना
- हाथ पैरों खासकर जोड़ों में दर्द होना
- कमजोरी और थकान महसून होना
- शरीर में खून की कमी होना
- आंखों की पुतलियों का रंग पीला होना
- पसीना निकलने पर बुखार कम होना
- तेज बुखार सहित फ्लू जैसे कई लक्षण सामने आना
डेंगू-मलेरिया में कैसे करें चिरायता का इस्तेमाल?
चिरायता का काढ़ा पीने से आपको डेंगू-मलेरिया बुखार में फायदा मिलता है। चिरायता का काढ़ा बनाने के लिए आप ये तरीके अपना सकते हैं-
1. सबसे पहले बराबर मात्रा में चिरायता और हरी धनिया के पत्तों को लें। अब इन्हें साफ पानी में डालकर अच्छी तरह से उबालें। अच्छी तरह से उबालने के बाद 1 कप काढ़ा पिएं।
2. चिरायता का काढ़ा बनाने के लिए आप चिरायता, पित्तपापड़ा, गुडूची और नागरमोथा को बराबर मात्रा में लेकर साफ पानी में अच्छी तरह उबालें। इसका सेवन करने से बुखार तुरंत कम होता है।
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इसके अलावा डेंगू या मलेरिया होने पर 2 से 3 ग्राम चिरायता का चूर्ण लेकर इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर खाने से भी फायदा मिलता है। डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बारिश के मौसम में ज्यादा बढ़ जाता है। इसके लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सही समय पर इलाज न लेने से यह समस्याएं जानलेवा हो जाती हैं।
(Image Courtesy- Freepik.com)
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