
कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी का कहर पूरी दुनिया में थमने का नाम नहीं ले रहा। हर रोज इस बीमारी के नए संकेत और लक्षण सामने आ रहे हैं। पूरी दुनिया में हर दिन इस नए-नए शोध हो रहे हैं, ऐसे में हाल ही में आया शोध चौकाने वाला है। दरअसल इस शोध की मानें, तो कोरोनावायरस से संक्रमित कुछ लोगों की सुनने की क्षमता (Coronavirus and hearing loss) खत्म हो गई है। हालांकि कि ये परेशानी हर कोरोना मरीज में सामने नहीं आई है, पर कुछ मरीजों में ये लक्षण दिखाई दिए हैं। साथ ही ये शोध कोरोना को लेकर और भी बहुत कुछ कहता है, आइए जानते हैं विस्तार से।
कोरोना के मरीजो में बहरापन (Corona virus infection caused deafness)
यूके में लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज द्वारा किए गए इस शोध में शोधकर्ताओं ने उन लोगों का अध्ययन किया जो कोरोना के दौरान कान से जुड़ी परेशानियों की शिकायत कर रहे थे। इस दौरान पता चला कि कुछ लोगों में, कोरोना के कुछ असंभावित दुष्प्रभाव भी नजर आ रहे हैं। यानी कि आमतौर पर कोरोना के कारण लोगों को फ्लू, बुखार, स्वाद का चले जाना, पैरों में छालें और रैशेज से लक्षण नजर आ रहे थे, वहीं अब लोगों की शिकायत है कि उनके सुनने की क्षमता कम हो गई है।
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बहरेपन को लेकर क्या कहते हैं शोधकर्ता?
इस शोध को प्रमाणित करने के लिए शोकर्तानों ने ऐसे मामलों का गहन अध्ययन किया है। इसके लिए बीएमजे केस रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में अस्थमा से पीड़ित एक 45 वर्षीय व्यक्ति के मामले का वर्णन किया गया है, जिसे ब्रिटेन के रॉयल नेशनल थ्रोट नोज एंड ईआर हॉस्पिटल में तब भेजा गया था, जब सीओवीआईडी के लिए इलाज के दौरान अचानक से बहरेपन का अनुभव करने लगे थे। वैज्ञानिकों के अनुसार, मरीज को COVID-19 के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो 10 दिनों से चल रहा था, जिसके दौरान उसे गहन चिकित्सा के लिए स्थानांतरित किया गया था क्योंकि उसे सांस से जुड़ी परेशानी भी हो रही थी।
क्या इस बहरेपन का कोई इलाज है (COVID-19 linked to hearing loss)?
अध्ययन में कहा गया कि इस व्यक्ति को 30 दिनों के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया था और अन्य जटिलताओं का अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस दौरान उन्हें एंटीवायरल ड्रग रेमेडिविर, स्टेरॉयड और ब्लड ट्रांसफ्यूजन के साथ इलाज किया गया था जिसके बाद वह बेहतर होने लगे। हालांकि, रोगी ने ब्रिदिंग ट्यूब के हटा देने के एक सप्ताह बाद अपने बाएं कान में रिंगिंग (टिनिटस) महसूस किया। वैज्ञानिकों के अनुसार, इनके कान की जांच की गई तो, पाया कि कोई रुकावट या सूजन नहीं थी, लेकिन एक सुनने की क्षमता का परीक्षण से पता चला कि वह बाएं कान की सुनने की क्षमता को काफी हद तक खो चुका था। अध्ययन में कहा गया कि स्टेरॉयड गोलियों और इंजेक्शनों से उसका इलाज किया गया, जिसके बाद उसकी सुनवाई आंशिक रूप से ठीक हो गई।
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अब इस घटना के बाद शोधकर्ता कोरोना के नए लक्षणों और संकेतों को लेकर काफी सचेत हो गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तरह से ये वायरस एक बड़ी आबादी को अपना शिकार बना चुका है, हमें हर छोटे और बड़े बदलावों पर नजर रखना होगा। इसके लिए उन्हें इस नए लक्षण का गहन अध्ययन करना होगा। वहीं शोध में डॉक्टरों को भी ये सलाह दी गई है कि कोई भी कोरोना मरीज जो उनके पास आता है, उनसे वो उनके सुनने की क्षमता के बारे में जरूर पूछें और हल्की सी परेशानी होने पर तुरंत जांच करें, ताकि व्यक्ति का तत्काल उपचार हो पाए।
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