नया साल बहुत जल्द आने वाला है। ऐसे में नए साल के साथ ही रिश्तों में भी नयापन होना चाहिए। हर कपल चाहता है कि उसका रिलेशन हमेशा मजबूत और हैप्पी रहे। लेकिन बिजी लाइफस्टाइल और घरेलू काम के दबाव के चलते ऐसा हो पाना कभी कभी बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर आप जॉब या फिर किसी और कारण के चलते अपने रिश्ते को समय नहीं दे पाते हैं तो आने वलो साल में वो गलतियां ना करें। आज हम आपको एक हैप्पी रिलेशनशिप चलाने की टिप्स बता रहे हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो—
- आमतौर पर लोग सफल शादी की कुंजी आर्थिक रूप से मजबूत होने को मानते है। और हां यह सही भी है। लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं। सफल शादी का राज वास्तव में आपस में एक-दूसरे को अधिक से अधिक समय देना है। पति-पत्नी यदि एक-दूसरे के साथ समय बिताएंगे तो ही वे अधिक से अधिक खुश रह पाएंगे।
- शारीरिक अंतरंगता, कैरियर में सफलता ही सफल शादी का राज नहीं बल्कि पति-पत्नी का आपस में एक-दूसरे के प्रति सौहार्दपूर्ण भाव रखना, एक-दूसरे को समझना और आपसी समस्याओं को सुलझाना जरूरी है।
- कई बार किन्ही कारणों से पति-पत्नी एक-दूसरे के विपरीत होने और अलग विचार होने के कारण आपस में सौहार्द नहीं बना पाते। शादी के बंधन में बंधने से पहले ऐसी बातों पर उनका ध्यान नहीं जा पाता। ऐसे में जरूरी हो जा ता है कि दोनों को एक-दूसरे की सोच और विचारों का सम्मान करते हुए एक दूसरे को समझना।
- एक-दूसरे के काम को महत्व देना और उसकी अहमियत समझ उसमें अपनी साझेदारी दिखाना भी सफल शादी की कुंजी है।
- सिर्फ जिम्मेदारियां निभाने से शादी सफल नहीं होती बल्कि एक-दूसरे को बाहर ले जाना, कुछ सरप्राइज पार्टी देना, कोई ऐसा काम करना जिससे आपके साथी को खुशी हो, और ऐसा करके भी शादी को सफल बनाया जा सकता है।
- सफल शादी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि आप अपने साथी के साथ किसी तीसरे व्यक्ति के सामने दुर्व्यवहार न करें बल्कि अकेले में उसे उसकी गलती का अहसास कराएं।
- कई बार किसी एक साथी का जरूरत से ज्यादा घर से बाहर रहना या फिर हर समय काम पर फोकस करने से रिश्ते में दरार आ जाती हैं। ऐसे में रिश्ते को बचाये रखने के लिए जरूरी है कि कम से कम साल में दो-तीन बार चार-पांच दिन के लिए बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाएं।
- शादी की सफलता का श्रेय दोस्ताना व्यवहार को भी जाता है। आपको अपने साथी के साथ दोस्ताना व्यवहार करना चाहिए । तभी आपका साथी अपने मन की बात बेझिझक आपसे कर पाएगा।
- शारीरिक सुख रिश्ते में घनिष्ठता लाता है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि आप हर समय शारीरिक सुख के बारे में ही सोचते रहें। कई बार शारीरिक सुख से ज्यादा इमोशनल अटैचमेंट भी जरूरी हो जाता है।
- पति-पत्नी को चाहिए कि वे एक-दूसरे की जरूरतों और उनके अहसास को महसूस कर उसे पूरा करने की कोशिश करें।
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