स्ट्राेक क्या हाेता है? स्ट्राेक के लक्षण क्या है? और स्ट्राेक कितने प्रकार का हाेता है? अकसर लाेगाें के मन में ये सभी सवाल रहते हैं। स्ट्राेक अवरुद्ध धमनी, रक्त वाहिकाओं के फूटने या मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह अस्थायी विघटन के कारण हाे सकता है। स्ट्राेक तीन प्रकार का हाेता है और अलग स्ट्राेक के प्रकार के अलग कारण हाे सकते हैं। स्ट्राेक की संभावना और इसे राेकने के तरीकाें के बारे में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 29 अक्टूबर काे विश्व स्ट्राेक दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज काे बढ़ावा देता है। आज विश्व स्ट्राेक दिवस 2021 के मौके पर हमने स्ट्राेक के प्रकाराें और इनके लक्षणाें के बारे में जानने के लिए डॉक्टर एम.के.सिह से बातचीत की-
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स्ट्राेक क्या है? (What is Stroke)
स्ट्राेक एक ब्रेन अटैक है। यह (स्ट्राेक-Stroke) तब हाेता है, जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित, प्रतिबंधित या कम हाे जाता है। स्ट्राेक मस्तिष्क काे पाेषक तत्वाें और ऑक्सीजन से वंचित रखता है, जिससे धीरे-धीरे मस्तिष्क की काेशिकाएं नष्ट हाे जाती हैं। खराब जीवनशैली, अनुवांशिकी, उच्च रक्तचाप, काेराेनरी हृदय राेग, मधुमेह, शारीरिक सक्रियता की कमी और हाई काेलेस्ट्रॉल स्ट्राेक के मुख्य कारण हैं। यह समस्या अधिक 50-55 साल की उम्र के बाद शुरू हाेती थी, लेकिन आजकल कम उम्र के लाेगाें में भी यह समस्या देखने काे मिल रही है। हाइपरटेंशन स्ट्राेक का मुख्य जाेखिम कारक है।
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स्ट्राेक के प्रकार (Types of Stroke)
स्ट्रोक के तीन मुख्य प्रकार हाेते हैं। इसमें इस्केमिक स्ट्राेक या इस्केमिक आघात, हीमाेरहागिक स्ट्राेक या रक्तस्त्रावी स्ट्राेक और Transient Ischemic Attack या क्षणिक इस्केमिल हमला शामिल हैं। क्षणिक इस्केमिक हमले काे एक चेतावनी के तौर पर लिया जाता है, इसलिए इसे मिनी स्ट्राेक (Mini Stroke) कहा जाता है।
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1. इस्केमिक स्ट्राेक (Ischemic Stroke)
इस्केमिक स्ट्राेक बेहद सामान्य है। अधिकांश स्ट्राेक इस्केमिक स्ट्राेक हाेते हैं। इस्केमिक स्ट्राेक कुल स्ट्राेक के 87 प्रतिशत हाेता है। इस्केमिक स्ट्राेक तब हाेता है, जब मस्तिष्क काे ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी से रक्त प्रवाह अवरुद्ध हाे जाता है। इस स्ट्राेक में रक्त के थक्के रुकावटे पैदा करते हैं, यह इस्केमिक स्ट्राेक का कारण बनते हैं। इस्केमिक स्ट्राेक की स्थिति हार्ट अटैक के समान हाेती है, जिसमें रक्त के थक्के हृदय में रक्त प्रवाह काे राेकते हैं।
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इस्केमिक स्ट्राेक दाे तरह के हाेते हैं। इसमें अन्त: शलयीय स्ट्राेक और थ्राेम्बाेटिक स्ट्राेक शामिल हैं। अन्त: शलयीय स्ट्राेक में रक्त के थक्के अन्य भागाें से मस्तिष्क तक जाते हैं। अकसर ये थक्के हृदय में हाेते हैं और रक्त वाहिकाओं की मदद से मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं। अन्त: शलयीय स्ट्राेक में हृदय अनियमित रूप से धड़कता है। वही थ्राेम्बाेटिक स्ट्राेक में मस्तिष्क की रक्त वाहिका में खून के थक्के बनने लगते हैं।
2. हीमाेरहागिक स्ट्राेक (Hemorrhagic Stroke)
हीमाेरहागिक स्ट्राेक, स्ट्राेक का दूसरा प्रकार है। इसे रक्तस्त्रावी स्ट्राेक भी कहा जाता है। रक्तस्त्रावी स्ट्राेक तब हाेता है, जब मस्तिष्क में एक धमनी रक्त का रिसाव करती है या फिर फट जाती है। इस दौरान लीक हुआ खून या रक्त मस्तिष्क की काेशिकाओं पर अधिक दबाव डालता है, जिससे उन्हें नुकसान पहुंचता है। जब मस्तिष्क में रक्त वाहिका टूट जाती है, ताे रक्त आस-पास के ऊतकाें में फैलने लगता है, इसे हीमाेरहागिक स्ट्राेक कहा जाता है। उच्च रक्तचाप, धमनीविस्फार रक्तस्त्रावी स्ट्राेक का कारण बन सकते हैं।
हीमाेरहागिक स्ट्राेक भी इस्केमिक स्ट्राेक की तरह ही दाे प्रकार का हाेता है। इसमें इंट्रासेरब्रल रक्तस्राव (Intracerebral hemorrhage) और सबाराकनॉइड हैमरेज (Subarachnoid hemorrhage) शामिल हैं। Intracerebral hemorrhage रक्तस्त्रावी स्ट्राेक का सबसे आम प्रकार है। यह तब हाेता है, जब मस्तिष्क में एक धमनी फट जाती है, जिससे आसपास के ऊतक रक्त से भर जाते हैं। वही subarachnoid hemorrhage रक्तस्त्रावी स्ट्राेक का दूसरा प्रकार है। यह रक्तस्त्रावी स्ट्राेक का एक कम सामान्य प्रकार है। यह तब हाेता है, जब मस्तिष्क औऱ इसे ढकने वाले पतले ऊतकाें के बीच के क्षेत्र में रक्तस्त्राव हाेता है।
3. क्षणिक इस्केमिक हमला- Transient Ischemic Attack (TIA)
क्षणिक इस्केमिक हमला (टीआईए) काे कभी-कभी मिनी स्ट्रोक भी कहा जाता है। यह स्ट्राेक के इस्केमिक स्ट्राेक प्रकार से बिल्कुल अलग है। इसमें मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह केवल थाेड़े समय के लिए ही अवरुद्ध हाेता है। कहा जाए, ताे आमतौर पर इस स्थिति में 5 मिनट के लिए रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हाे जाता है।
क्षणिक इस्केमिक हमला (टीआईए) भविष्य में हाेने वाले स्ट्राेक का संकेत है। यह भी अन्य स्ट्राेक के प्रकाराें की तरह ही एक एमरजेंसी कंडीशन है। इस स्थिति में भी मरीज काे आपातकालीन देखभाल की जरूरत हाेती है। शुरुआत में इस बात का पता लगाना थाेड़ा मुश्किल हाेता है कि स्ट्राेक का यह लक्षण टीआईए से है या फिर किसी अन्य प्रकार के स्ट्राेक का। इस्केमिक स्ट्राेक की तरह ही रक्त के थक्के क्षणिक इस्केमिक हमले यानी टीआईए का भी कारण बनते हैं। अगर किसी व्यक्ति काे टीआईए है और उनका इलाज समय से नहीं हाेता है, ताे एक वर्ष के अंदर उन्हें बड़ा स्ट्राेक हाेने का खतरा रहता है।
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स्ट्राेक के लक्षण (Stroke Symptoms)
स्ट्राेक हाेने पर व्यक्ति में शुरुआत में कुछ लक्षण नजर आते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना बिल्कुल ठीक नहीं है। स्ट्राेक का इलाज समय पर करना बहुत जरूरी हाेता है, अन्यथा मरीज की जान पर भी खतरा बना रहता है। स्ट्राेक के इन लक्षणाें काे बिल्कुल नजरअंदाज न करें-
- बाेलने की गति धीमी हाेना या बाेलने में परेशना हाेना
- बाताें और चीजाें काे समझने में कठिनाई महसूस हाेना
- पैर, चेहरे, बांह का एक हिस्सा सुन्न हाे जाना। यानी इसमें शरीर का एक हिस्सा पूरी तरह से सुन्न हाे जाता है।
- आंखाें के आगे अंधेरा छा छाना या देखने में परेशानी हाेना। कभी-कभी हर चीज दाे-दाे नजर आना
- सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आना
- शरीर का संतुलन बनाने में परेशानी हाेना
- चलने में कठिनाई हाेना
स्ट्राेक दिमाग से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। इसलिए इन लक्षणाें काे गलती से भी नजरअंदाज न करें, क्याेंकि बाद में यह समस्या गंभीर हाे सकती है। साथ ही स्ट्राेक से बचाव के लिए अपनी जीवनशैली पर भी ध्यान देना जरूरी हाेता है। स्ट्राेक से बचने के लिए आपकाे उच्च रक्तचाप काे नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है, क्याेंकि यह स्ट्राेक का एक मुख्य जाेखिम है। हेल्दी डाइट लें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। तंबाकू, धूम्रपान और एल्काेहल के सेवन से बचें। साथ ही काेलेस्ट्रॉल लेवल काे भी कंट्राेल में रखें। इन सभी तरीकाें काे आजमाकर आप स्ट्राेक से अपना बचाव कर सकते हैं।
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