हार्टअटैक पीड़ितों के लिए स्टेमसेल इंजेक्शन

वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही स्टेम सेल स्टेमसेल इंजेक्शन बाजा़र में आयेगा।
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हार्टअटैक पीड़ितों के लिए स्टेमसेल इंजेक्शन


Heart attackलंदन। वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही एकल स्टेम सेल से बना इंजेक्शन बाजार में आएगा, जिसकी मदद से दिल के दौरे के बाद हृदय को हुए नुकसान को कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि युवाओं की रीढ़ की हड्डी के स्टेम सेल से बना यह इंजेक्शन दिल के दौरे के बाद मरीजों के हृदय को हुए नुकसान को कम करने में मददगार साबित होगा। यह इंजेक्शन पांच साल के भीतर मरीजों की पहुंच में होगा। डेली एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इसे ‘रिवास्कोर’ नाम दिया गया है और जल्द ही इस पर अग्रिम क्लीनिकल परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा। इसे किसी भी मरीज पर इस्तेमाल किया जा सकता है और इससे हार्ट अटैक से हुए नुकसान को 40 प्रतिशत से भी ज्यादा तक कम किया जा सकेगा।

 

आस्ट्रेलियाई कंपनी के लिए इसे विकसित करने वालों ने शुरुआती परीक्षणों में गंभीर हार्ट अटैक के रोगियों में इससे 50 फीसद तक नुकसान की भरपाई दर्ज की। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक स्टेम सेल से एपीसीएस नामक लाखों स्टेम सेल बनाई जा सकती हैं। यह दिल के दौरे के बाद हृदय को सहारा देंगी और उसकी मांससपेशियों को मजबूत बनाएंगी। यह इंजेक्शन उन मरीजों को दिया जाएगा जो हार्ट अटैक आने के 12 घंटों के भीतर अस्पताल पहुंचकर बंद धमनियों को खुलवाने के लिए स्टेंट लगवाते हैं।

 

इसके बाद हर मरीज 1.25 करोड़ या 2.5 करोड़ सेल्स (कोशिकाएं) हासिल करेगा। चूंकि इन कोशिकाओं को शरीर का प्रतिरक्षातंत्र अस्वीकार नहीं करेगा, इसलिए इनका इस्तेमाल किसी भी मरीज में किया जा सकेगा। 30 मिनट के भीतर इन कोशिकाओं को कैथेटर के जरिए इंजेक्ट कराया जाएगा। ये कोशिकाए हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाएंगी, क्षति को कम करेंगी और रक्त प्रवाह बढ़ाएंगी।

 

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