
जानी मानी कंपनी ऐप्पल के सह संस्थापक और सीईओ स्टीव जॉब्स की बीते दिनों मृत्यु हो गई। स्टीव जॉब्स की यह कोई साधारण मृत्यु नहीं थी बल्कि वे अस्वस्थ थे और पैंक्रियाटिक कैंसर से कई सालों से जूझ रहे थे। कोई नहीं जानता था कि जीवन में अपनी शर्तों पर जीने वाले स्टीव जॉब्स का निधन किसी बीमारी के चलते होगा। स्टीव जॉब्स को हालांकि अपनी बीमारी के परिणामों का अंदाजा था, लेकिन फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने काम को कैंसर होने के बावजूद पूरे जज्बे और जुनून से अंजाम देते रहें। उसी का परिणाम था कि उनकी मौत से एक दिन पहले ही एप्पल कंपनी ने नया आई फोन बाजार में उतारा। इस उपकरण ने मोबाइल संपर्क का अंदाज ही बदल डाला है। आइए जानें आखिर क्यों हुई स्टीव की मौत।
- अग्नाशयी यानी पैंक्रियाज़ कैंसर में अग्नाश्य के अंदर एक घातक ट्यूमर का विकास होता हैं। आमतौर पर इस कैंसर के बारे में जल्दी पता नहीं चल पाता। पाचन प्रणाली में यह सबसे घातक कैंसर है।
- पैंक्रियाज़ कैंसर में आप खाने को ठीक तरह से पचा पाने में सक्षम नहीं होते, जिससे शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है और यह शरीर को नकारात्मपक रूप से प्रभावित करता हैं।
- पैंक्रियाज़ कैंसर का इलाज संभव है लेकिन इलाज भी पैंक्रियाज़ कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। पैंक्रियाज़ कैंसर का इलाज उपलब्ध होने के बावजूद पैंक्रियाज़ कैंसर की गंभीर स्थितियों में मौत का जोखिम बरकरार रहता है।
- स्टीव की मौत का मुख्य कारण श्वास प्रक्रिया में आई दिक्कतें थीं और इसका मूल कारण था उनका पैंक्रियाज़ कैंसर।
- स्टीव का पैंक्रियाटिक कैंसर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल गया था और अंतत इससे श्वास प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई और जॉब्स की मौत हुई।
- दरअसल, जॉब्स 2004 से ही पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे और उन्होंने 2004 में ही दुनिया को अपने पैंक्रियाटिक कैंसर के बारे में बताया था।
- इस कैंसर के इलाज के दौरान सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने उन्हें ठीक कर दिया। इसके बाद लीवर संबंधी बीमारियों के चलते उनका 2009 में लीवर ट्रांसप्लांट भी करवाया गया। लेकिन इसके बाद भी जॉब्स ने अपने काम से कोई लंबी छुट्टी नहीं ली।
- जनवरी 2011 के बाद से वे अकसर छुट्टी पर रहने लगे थे और एप्पल के बड़े कार्यक्रम में ही दिखाई पड़े थे लेकिन जुलाई 2011 में ज्यादा तबियत बिगड़ने से आखिरकार जॉब्स ने अपने काम से मेडिकल छुट्टी ले ली थी और अगस्त महीने में उन्होंने सीईओ का पद भी छोड़ दिया था।
- गैजेट की दुनिया में शानदार मोबाइल फोन और आईपॉड लाने वाले स्टीव जॉब्स पहले भी गंभीर रूप से बीमार पड़ चुके थे। लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं आई थी कि वे कंपनी के किसी बड़े कार्यक्रम में मौजूद न हो लेकिन सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे जॉब्स आईफोन के लॉंच के समय नहीं आ पाए।
- गौरतलब है कि स्टीव जॉब्स ने अपने एक स्कूली मित्र के साथ सिलिकॉन वैली गैराज में 1976 में एप्पल कंपनी की शुरूआत की थी।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version