
वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए प्रयोगशाला में मनुष्य के कृत्रिम शुक्राणु और अंडाणु बना लिये हैं। इन्हें बनाने में भ्रूण और त्वचा से ली गई स्टेम सेल का इस्तेमाल किया गया है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस खोज से फर्टिलिटी का इलाज और आईवीएफ तकनीक बेहद आसान हो जाएगा। यानी भविष्य में पुरुष और महिला की त्वचा की कोशिकायें लेकर उन्हें आईवीएफ तकनीक से माता-पिता बनाया जा सकेगा।
ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है। शोधकर्ता अजीम सुरानी के मुताबिक इस खोज के बाद स्टेम सेल के जरिये पांच छह दिन में ही प्राथमिक स्तर के शुक्राणु और अंडाणु बनाये जा सकते हैं। यह प्रक्रिया बेहद तेज है। यह खेाज मेडिकल की दुनिया को बदलकर रख देगी।
अगर यह प्रयोग अगले चरण में सफल रहता है, तो ब्रिटेन समेत दुनिया भर के देशों को कानून में भी बदलाव करना पड़ेगा क्योंकि सभी देशों में आईवीएफ में कृत्रिम सेक्स कोशिकाओं के प्रयोग की मनाही है। जर्नल सेल में यह शोध रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।
इससे पहले इस तरह के प्रयोगों में वैज्ञानिकों को असफलता मिली थी। वे चूहों और गिलहरी के शुक्राणु बनाने में कामयाब रहे थे, लेकिन मनुष्य के प्रयोग में उन्हे नाकामी मिली। 2012 में जापान के वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल से चूहों के अंडाणु बनाये थे। जबकि 2009 में न्यकैसल यूनिवर्सिटी ने मनुष्य के शुक्राणु बनाने का दावा किया था, लेकिन वह प्रयोग फर्जी निकला था।
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