Padma Awards 2020: चिकित्‍सा क्षेत्र के 7 दिग्‍गजों को मिला पद्म पुरस्कार, जानें उनके योगदान की कहानी

चिकित्सा क्षेत्र के दिग्गजों को प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया! आइए जानते हैं उनके बारे में
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Padma Awards 2020: चिकित्‍सा क्षेत्र के 7 दिग्‍गजों को मिला पद्म पुरस्कार, जानें उनके योगदान की कहानी


गणतंत्र दिवस 2020 के अवसर पर दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इस बार 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्म श्री दिए जाएंगे। चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान देने वाले दिग्‍गजों को उनके योगदान के लिए भी पुरस्‍कृत किया गया है। 

लद्दाख से डॉक्‍टर सेरिंग लैंडोल (पद्म श्री), देहरादून से डॉ योगी एरोन (पद्म श्री), उत्तर प्रदेश से डॉ पद्मावती बंदोपाध्याय (पद्म श्री), पश्चिम बंगाल से डॉ सुशोवन बनर्जी (पद्म श्री), चंडीगढ़ डॉ दिगंबर बेहरा (पद्म श्री), एमपी से डॉ लीला जोशी (पद्म श्री), यूपी से डॉ नरेंद्र नाथ खन्ना (पद्म श्री), असम से डॉ रवि कन्नन आर (पद्म श्री), पश्चिम बंगाल से डॉ अरुणोदय मंडल (पद्म श्री), डॉ गुरदीप सिंह से गुजरात (पद्म श्री), महाराष्ट्र से डॉ सैंड्रा देसा सूजा (पद्म श्री) को प्रतिष्ठित उपाधियों से सम्मानित किया गया है। इन दिग्गजों ने अपने-अपने राज्यों में चिकित्सा के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया है और दुनिया भर में अपने असाधारण काम के लिए जाने जाते हैं। ये नाम उन लोगों के लिए एक प्रेरणा श्रोत हैं जो चिकित्‍सा क्षेत्र में कुछ अच्‍छा करना चाहते हैं। 

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चिकित्‍सा क्षेत्र में क्‍या बदलाव किए इन महान दिग्‍गजों ने? 

डॉ सेरिंग लैंडोल: यह एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं जो लद्दाख हार्ट फाउंडेशन के साथ जुड़ी हैं। जो चैरिटी के तौर चिकित्सा सुविधा उपलब्‍ध कराती हैं। 

डॉ योगी एरोन: यह हिमालयन प्लास्टिक सर्जन जले हुए रोगियों का फ्री में इलाज करते हैं। यह मानवीय सेवाओं के लिए जाने जाते हैं 

डॉ पद्मावती बंदोपाध्याय: वह भारतीय वायु सेना (IAF) में पहली महिला एयर मार्शल हैं। 

डॉ सुषोवन बनर्जी: एक अनुभवी जनरल प्रैक्टिशनर, जो 1980 से कार्डियो डायबिटीज की प्रैक्टिस कर रही हैं। 

डॉ दिगंबर बेहरा: डॉ बेहरा ने पीजीआई में 42 साल बिताए हैं और उनका मानना है कि व्यक्ति को अपने काम के प्रति दृढ़ रहना चाहिए और अपने लोगों और उनकी जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

डॉ लीला जोशी: डॉ जोशी एक प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जिन्हें 'रतलाम की माँ' के रूप में जाना जाता है। लोगों को एनीमिया के खतरे से बचने में मदद करती हैं। 

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