
कोविड से रिकवरी के बाद कौन से टेस्ट करवाने चाहिए? कई जरूरी टेस्ट हैं जिनको पोस्ट कोविड रिकवरी के दौरान लक्षण दिखने पर करवाना चाहिए, इससे पता चलेगा कि वायरस ने आपके शरीर पर कैसे रिएक्ट किया और कहीं अब भी बॉडी में कोरोना के अंश मौजूद हैं या नहीं। ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की। डॉ सीमा ने बताया कि आपको कोविड रिकवरी के बाद के लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना है। इस बात का ध्यान रखें कि इस वायरस के बारे में हमें सीमित जानकारी पता है और हर बॉडी पर ये अलग तरह से अपना असर छोड़ता है। जिन लोगों को कोविड हो चुका है उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि कोविड अब नहीं होगा या जल्दी नहीं लौटेगा, कई केस ऐसे भी हैं जिनमें मरीज की तबीयत पोस्ट कोविड रिकवरी के दौरान गंभीर हुई इसलिए लक्षणों का पता लगते ही डॉक्टर के पास जाएं और टेस्ट करवाएं।
पोस्ट कोविड चेकअप के फायदे (Benefits of post covid recovery)
इन टेस्ट को करवाने से पता चलेगा कि आपके शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी बन रही हैं या नहीं जो वायरस का सामना कर सके। इसके अलावा कोविड के चलते वायरस ने आपकी बॉडी पर कितना असर छोड़ा है इसका भी पता चलेगा। पोस्ट कोविड चेकअप का सबसे बड़ा फायेदा है कि अगर कोविड से रिकवर होने के बाद कोरोना के अंश बाकि रह जाते हैं तो तुरंत उनका पता लगाकर इलाज शुरू किया जा सकता है। फेफड़ों की स्थिति जानने के लिए ये टेस्ट खासकर जरूरी है क्योंकि कोविड फेफड़ों को बुरी तरह से प्रभावित करता है। बहुत से मरीज ऐसे भी हैं जो कोविड से रिकवर करने के बाद गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचे हैं और उनमें से कुछ की तो जान भी चली गई। इन बातों का ध्यान रखते हुए डॉक्टर इन दिनों व्यक्तिगत तौर पर कुछ जरूरी टेस्ट करवाने की सलाह दे रहे हैं।
1. कंप्लीट ब्लड काउंट (Complete Blood Count)
कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट, अलग-अलग टाइप के ब्लड सैल्स का एक माप होता है। इससे पता चलता है कि ब्लड सैल्स का सर्कुलेशन बॉडी में कैसा है। इनमें रेड ब्लड सैल्स, प्लेटिलेट्स और पांच तरह के वाइट ब्लड सैल्स शामिल हैं। कंप्लीट ब्लड काउंट से आपको ये पता चलेगा कि कोरोना वायरस का इन ब्लड सैल्स पर क्या असर हुआ है क्योंकि आपके लिए ये जानना जरूरी है कि कोविड रिकवरी के बाद आपकी बॉडी किस तरह से रिस्पांस कर रही है। कई बार कोविड जैसे बड़े इंफेक्शन के असर से सैल्स की संख्या घट जाती है।
2. किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test)
कोविड से रिकवर होने के बाद डॉक्टर आपको किडनी फंक्शन टेस्ट करवाने की सलाह भी दे सकते हैं। किडनी फंक्शन टेस्ट से किडनी की सेहत, इलेक्ट्रोलाइट जैसे सोडियम, क्लोराइड, पोटैशियम और बाइकार्बोनेट का लेवल पता चलता है। ये सभी इलेक्ट्रोलाइट आपके बॉडी में मसल्स फंक्शन और नसों के लिए जरूरी हैं। इलेक्ट्रोलाइट से बॉडी में हाइड्रेशन और ब्लड में पीएच लेवल भी पता चलता है। डैमेज टिशू को रिपेयर करने में इलेक्ट्रोलाइट अहम भूमिका निभाते हैं। कोविड के गंभीर मामलों में भी डैमेज टिशू के लक्षण देखे गए हैं इसलिए भी किडनी फंक्शन टेस्ट जरूरी है।
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3. सीआरपी टेस्ट (CRP Test)
सी-रिएक्टिव प्रोटीन (C-Reactive Protein) एक तरह का कैमिकल है जिसे लीवर बनाता है। सीआरपी के हाई लेवल से हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है और कोविड का इंफेक्शन पूरी तरह से न गया हो इसकी आशंका रह सकती है। इस कैमिकल की मदद से डेड सैल्स ठीक होते हैं और इम्यूनिटी अच्छी होती है इसलिए कई बार डॉक्टर कोविड से रिकवर हुए मरीज को सीआरपी टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।
4. आयरन टेस्ट (Iron Test)
कोविड से रिकवर होने के बाद आयरन टेस्ट करवाने से आपको आयरन और टोटल आयरन बाइडिंग कैपेसिटी का पता चलेगा। खून में आयरन की कमी एनीमिया का लक्षण होता है। टोटल आयरन बाइडिंग कैपेसिटी से पता चलता है कि आपकी बॉडी कितना आयरन स्टोर का पा रही है। आयरन के टेस्ट से आपके लीवर की हेल्थ भी सुनिश्चित होती है क्योकि आयरन स्टोरेज को ट्रांसफेरिन की जरूरत होती है जिसको बनाने का काम लीवर करता है इसलिए आयरन टेस्ट से लीवर की हेल्थ और आयरन लेवल दोनों का पता चलता है।
5. विटामिन डी टेस्ट (Vitamin D Test)
हमारी बॉडी में विटामिन डी का काम होता है कैल्शियम और फॉस्फोरस को रेगुलेट करना और हड्डियों की अच्छी सेहत सुनिश्चित करना। विटामिन डी की मदद से इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होता है, ब्रेन और नर्वस सिस्टम ठीक तरह से काम करता है साथ ही लंग्स और हार्ट भी हेल्दी रहते हैं। इसलिए कोविड के दौरान मरीजों को विटामिन डी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। जिन मरीजों को कोविड हुआ है उनमें पोस्ट रिकवरी सिम्टम में बॉडी पेन या मसल्स पेन देखा गया है ऐसा विटामिन डी की कमी से हो सकता है जिसे ठीक करने के लिए डॉक्टर आपकी बॉडी में विटामिन डी के स्तर की जांच करते हैं जिसके लिए ये टेस्ट जरूरी है।
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6. igG एंटीबॉडी टेस्ट (Antibody Test)
कोरोना से रिकवर होने के बाद आपको igG एंटीबॉडी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इससे ये अंदाज लगता है कि आपका इम्यून सिस्टम बॉडी को ठीक से रख पा रहा है या नहीं। वहीं ये टेस्ट प्लाज्मा डोनेट करने के लिए भी मददगार है। इंफेक्शन से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज की जरूरत होती है और ये टेस्ट एंटीबॉडीज के स्तर की जांच करता है। बॉडी को एंटीबॉडी बनाने में कम से कम दो हफ्तों का समय लगता है इसलिए रिकवरी के बाद कुछ समय लेकर ये टेस्ट करवाएं। वहीं अगर आप आगे चलकर प्लाज्मा डोनेट करते हैं तो भी इस टेस्ट को जरूर करवाएं।
पोस्ट कोविड रिकवरी के बाद कुछ अन्य जरूरी टेस्ट (Other important tests after post covid recovery)
ऊपर दिए 6 सबसे जरूरी टेस्ट के साथ आप कुछ अन्य टेस्ट भी करवा सकते हैं जैसे ग्लूकोज और कोलेस्ट्राल टेस्ट। कोविड के कारण मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या आ रही है जिसके चलते मरीजों में ग्लूकोज और ब्लड प्रेशर लेवल चढ़-उतर रहा है। अगर आपको दिल की बीमारी या डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो रिकवरी के बाद इन टेस्ट को जरूर करवाएं। कुछ मरीजों में कोविड रिकवरी के बाद न्यूरो प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। साइकोलॉजिकल दिक्कतों के चलते मरीजों में एंग्जाइटी, बेहोशी, ब्रेन फॉग जैसी समस्या हो सकती है।
कोरोना से रिकवर होने के बाद अपनी इम्यूनिटी पर ध्यान दें, विटामिन और मिनरल, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स का सेवन करें और किसी भी गंभीर लक्षण को नजरअंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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