किशोरों पर अपने दोस्तों द्वारा पर शेयर की गई तस्वीरों का असर पड़ता है। नए अध्ययन से यह बात साफ हुई है कि फेसबुक और ट्विटर आदि सोशल साइट्स पर तस्वीरों में दोस्तों को सिगरेट और शराब पीते हुए देखकर किशोर इससे दूर नहीं रह पाते।
किशोरों की सिगरेट और शराब पीने वाली तस्वीरें देखने के बाद उनके दूसरे साथियों के ऐसे व्यवहार में शामिल होने की आशंका बढ़ जाती है। अध्ययन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के थॉमस डब्ल्यू वेलेन्टे ने बताया कि मित्रों की ऑनलाइन तस्वीरें किशोरों को शराब और सिगरेट के प्रति प्रोत्साहित कर सकती हैं।
वेलेन्टे ने कहा कि यह पहला अध्ययन है जिसमें ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स के कारण किशोरों के धूम्रपान करने और शराब पीने के कारणों का पता लगाया गया। वेलेन्टे और उनकी टीम ने किशोरों में सोशल मीडिया के साथ धूम्रपान व शराब की खपत की जानकारी के लिए अक्टूबर 2010 से अप्रैल 2011 तक दसवीं कक्षा के छात्रों के बारे में जानकारी की।
शोधकर्ताओं ने लॉस एंजल्स काउंटी स्थित एल मोंटे यूनियन हाई स्कूल के 1,563 छात्रों के ऑनलाइन और ऑफलाइन दोस्तों के नेटवर्क, उनके सोशल मीडिया के उपयोग और धूम्रपान की आदत के बारे में जानकारी की। उन्होंने पाया कि पार्टियों में दोस्तों को शराब पीने और धूम्रपान करने वाली तस्वीरों की तरफ इनका रुझान ज्यादा था।
ग्रेस सी हुआंग ने बताया कि जिन किशोरों के करीबी दोस्त शराब नहीं पीते, उनके भी ऑनलाइन तस्वीरों से प्रभावित होने की ज्यादा आशंका नजर आई। इस अध्ययन में उत्तर देने के लिए अलग-अलग मूल के औसतन 15 वर्ष की आयु वाले किशोरों को शामिल किया गया था। वर्ष 2011 में देखा गया कि अध्ययन में शामिल होने वाले छात्रों में से करीब 30 फीसदी ने धूम्रपान और आधे से ज्यादा ने शराब का सेवन किया था।