
धूम्रपान करने वालों के पास धूम्रपान करने के अनेक कारण या बहाने होते हैं । बहाना चाहे कोई भी हो, पर हर हाल में धूम्रपान करना हानिकारक होता है, और यह चेतावनी सिगरेट व धूम्रपान संबधी हर उत्पादन के पैकेट पर दर्शाई जाती है, जिसे लोग जान बूझकर अनदेखा कर देते हैं।
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धूम्रपान न सिर्फ शरीर के कई अंगों को हानि पहुंचाता है बल्कि अनेक जान लेवा बीमारियों को भी जन्म देता है।
धूम्रपान से होने वाली कुछ आम बीमारियाँ इस प्रकार हैं:
धूम्रपान से ह्रदय और फेफड़ों में संक्रमण, सांस में दुर्गन्ध, मांसपेशियों में विकार, कमज़ोर दृष्टि, स्ट्रोक, मुख और धमनियों से जुड़ी बीमारियाँ, मुहं में छाले, अस्थमा, हार्ट एटेक, तपेदिक, गर्भ धारण करने की समस्याएँ भी पैदा हो सकती हैं।
धूम्रपान से अनेक प्रकार के कैंसर होने का भी खतरा होता है।
धूम्रपान से होने वाले मुख्य प्रकार के कैंसर संक्षेप में नीचे दिए गए हैं।
कैंसर 1 : लंग कैंसर
आपको यह सुनकर ताज्जुब और हैरानी होगी कि 90% धूम्रपान करने वाले लंग कैंसर यानी कि फेफड़ों के कैंसर के शिकार होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार विश्व भर में लंग कैंसर, कैंसर से होनेवाली मौत का एक मुख्य कारण होता है। धूम्रपान से होनेवाली यह अत्यधिक पुरानी और जानलेवा बीमारी कहलाई जाती है। करीबन 10% धूम्रपान करने वाले नीचे दिए गए कैंसर के शिकार होते हैं।
कैंसर २ : लैरिंक्स कैंसर
जो लोग दिन में एक से ज्यादा पैकेट सिगरेट पीते हैं, उनमे लैरिंक्स कैंसर के विकसित होने का ख़तरा ज्यादा होता है। धुंआ और तम्बाकू सांस द्वारा अन्दर लेने से, धूम्रपान करनेवालों का लैरिंक्स यानी कि कंठ जिसे में वौइस बॉक्स मौजूद होता है, वो बुरी तरह से त्रस्त और प्रभावित होता है, जिसके कारण उनके अन्दर लैरिंक्स कैंसर होने का ख़तरा, धूम्रपान न करने वालों से 5 से 25 गुना अधिक होता है।
धूम्रपान के धुंए में मौजूद रसायनों में कंठ में उपस्थित कोशाणुओं की परत के डी एन ऐ को परिवर्तित करने की क्षमता होती है। धूम्रपान से गले में जलन और खुजली का एहसास होता है जिसके परिणाम स्वरुप लैरिंक्स कैंसर विकसित होता है।
कैंसर ३ : एसोफेजिअल कैंसर
अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान का धुंआ, गले से उदर को जोड़ने वाली नली की परत के कोशाणुओं के डी एन ए को हानि पहुंचाता है, जिससे एसोफेजिअल ट्यूमर का निर्माण होता है। एसोफेजिअल कैंसर होने का खतरा महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा होता है। 80% एसोफेजिअल कैंसर की वजह धूम्रपान होता है।
कैंसर 4 : मुख के कैंसर
हालांकि मुहं के कैंसर के विकसित होने का ख़तरा तंबाकू चबाने वालों में ज्यादा होता है, लेकिन धूम्रपान करने वाले भी इससे बच नहीं सकते। अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान करनेवालों में मुहं के कैंसर होने का खतरा धूम्रपान न करनेवालों से 6 गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
कैंसर 5 : स्तन कैंसर
धूम्रपान करनेवाली महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि धूम्रपान से उन्हें स्तन कैंसर होने का ख़तरा हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, धूम्रपान करनेवाली महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा 30% ज्यादा होता है। वह महिलाएँ जो बीस साल की कम उम्र से या अपने पहले बच्चे के पैदा होने के पांच साल पहले से धूम्रपान शुरू करती हैं, उनमे स्तन कैंसर के विकसित होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
कैंसर 6 : गुर्दे का कैंसर
धूम्रपान के धुंए में निकोटिन यानी कि तंबाकू मौजूद होता है। जब अन्य नुकसानदेह तत्व जैसे की रसायन, टार, कार्बन मोनोओक्साइड के साथ शरीर में निकोटिन प्रवेश करता है, तो रक्तचाप, ह्रदय की गति,रक्त संचार और श्वसन में अनेक बदलाव हो जाते हैं। और ये सारे बदलाव गुर्दे की सामान्य प्रक्रिया में बाधा उत्पन करते हैं, जो गुर्दे के कैंसर का कारण बनते हैं।
कैंसर 7 : अन्य कैंसर
ऊपर बताई गयी कैंसर की बीमारियों के अलावा, धूम्रपान से होनेवाली अन्य कैंसर की बीमारियों में गले का कैंसर, पैनक्रिआटिक यानी कि पाचन ग्रंथियों का कैंसर, ग्रीवा संबधित कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, उदर का कैंसर, वगैरह का भी समावेश होता है।
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