अनिद्रा और चिंता से छुटकारा पाने के लिए लोग नींद की गोलियों का सहारा लेते हैं, लेकिन इससे जल्द मौत होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप भी मीठी और सुकून भरी नींद के लिये नींद की गोलियों लेने के आदी हो चुके हैं, तो जरा संभल जाएं। ये गोलियां लंबे समय तक और हाई डोज में लेने पर जानलेवा साबित हो सकती हैं। यह दावा कनाडा में लवल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ साइकोलॉजी के ताजा शोध में किया गया है।
शोध के अनुसार
शोध के अनुसार, नींद की दवा लेने से लोगों की सोचने समझने की क्षमता, सतर्कता और समन्वय की क्षमता प्रभावित होती है। इससे उनके दुर्घटनाएं करने की संभावना बढ़ जाती है। यही नहीं इससे सोने के दौरान सांस संबंधित समस्याएं होती हैं। इन दवाओं का केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है। इन दवाओं का लगातार सेवन करने से आत्महत्या करने की प्रवृत्ति भी बढ़ती है।
शोध के निष्कर्ष
शोधकर्ता जेनेविव बेलेविले के अनुसार, 'यह दवाइयां टॉफी नहीं होती। इनका सेवन शरीर के नुकसानदायक होता है।' यह शोध वर्ष 1994 से 2007 के बीच 14 हजार लोगों पर आधारित है। शोध के परिणाम कनाडियन जर्नल ऑफ साइकाइअट्री में प्रकाशित हुए हैं।
अन्य खतरे
दिल के दौरे का खतरा
डॉक्टरों के अनुसार, नींद की अधिक गोलियों का सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा 50 गुना अधिक बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि नींद की दवाओं के 35 मिलीग्राम के स्टैंडर्ड डोज लेने से दिल के दौरे का खतरा 20 प्रतिशत बढ़ जाता है जबकि साल में करीब 60 नींद की दवाएं लेने से यह रिस्क 50 प्रतिशत हो सकता है। शोध के दौरान करीब 50,000 लोगों का अध्ययन किया गया जिसमें उनके सोने की आदत, दवा का सेवन और दिल की सेहत का ब्यौरा लिया गया है।
कमजोर होती है याददाश्त
लंबे समय तक नींद की गोलियां लेने के कारण रक्त नलिकाओं में थक्के बन जाते हैं, याददाश्त कमजोर हो जाती है और बेचैनी की शिकायत आम हो जाती है। नींद की गोलियों का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कैंसर
बीएमजी ओपन पत्रिका में छपे अमेरिकी अध्ययन में कहा गया है कि नींद की गोलियों का संबंध असामान्य रूप से होने वाली मौत से है। इन दवाओं के अधिक इस्तेमाल से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा भी 35 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाता है।
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