डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसे कि साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। यानि यदि समय से डायबिटीज को कंट्रोल न किया जाए, तो यह धीरे-धीरे शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में समय से जीवनशैली में कुछ बदलावों के साथ डायबिटीज को कंट्रोल में किया जा सकता है। लेकिन हाल में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि स्लीप एपनिया डायबिटीज रोगियों के लिए खतरनाक शाबित हो सकता है। स्लीप एपनिया की समस्या डायबिटीज रोगियों मैक्यूलर एडिमा को विकसित कर सकता है, जो कि अंधेपन का कारण बन सकता है।
मैक्यूलर एडिमा आंख का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह आंख में रेटिना का वह हिस्सा होता है, जो कि आपको बारीक चीजों व दूर देखने में और रंगों को पहचानने में मदद करता है। जब रेटिना में तरल पदार्थ अधिक हो जाता हैं और रेटिना में सूजन आ जाती है, तो इसे मैक्यूलर एडिमा कहा जाता है। इसलिए गंभीर मैक्यूलर एडिमा अंधेपन का कारण भी बन सकता है।
क्या कहती है रिसर्च?
अध्ययन में रिसर्च टीम ने 'चांग गंग मेमोरियल हॉस्पिटल ताइवान' में 8 साल की अवधि में इलाज किए गए सभी रोगियों के डेटा को देखा। जिसमें कि "परिणामों के आधार पर, ताइवान से शोधकर्ता 'जुइफ़ान च्यांग' ने कहा ''स्लीप एपनिया को डायबिटिक मैक्युलर एडिमा के लिए जोखिम कारक के रूप में समझा जा सकता है।" इस स्थिति को 'डायबिटिक रेटिनोपैथी' कहा जाता है और यह अमेरिका में अंधेपन का एक प्रमुख कारण भी है।
इसे भी पढें: तनाव-डिप्रेशन दूर करना है तो दवा से ज्यादा फायदेमंद है सही डाइट, जानें क्या खाना है सही
शोधकर्ताओं ने कहा कि डायबिटिक मैक्यूलर एडिमा का इलाज उन रोगियों में और अधिक कठिन हो जाता है, जिन्हें कि स्लीप एपनिया की समस्या हो। जब डायबिटीज रोगियों के ब्लड शुगर नियंत्रण से बाहर होता है, तो आंख के पीछे की छोटी रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। कभी-कभी रक्त वाहिकाओं से छोटे-छोटे उभार फैलते हैं और जब यह द्रव और रक्त का रेटिना पर रिसाव होता है, तो यह द्रव रेटिना के एक भाग में सूजन या एडिमा का कारण बन सकता है। जो कि आपको स्पष्ट रूप से देखने में असमर्थ कर सकता है।
डायबिटीज और स्लीप एपनिया में संबंध
शोधकर्ताओं के अनुसार, स्लीप एपनिया इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाकर, सूजन को बढ़ाने और ब्लड प्रेशर को बढ़ाकर डायबिटिक रेटिनोपैथी के विकास और गंभीर बनाने में योगदान देता है। यह सभी आंख के पीछे रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इसे भी पढें: 5 साल से कम उम्र के 20 करोड़ बच्चों की सेहत पर खतरा, UNICEF ने जारी की चौंकाने वाली रिपोर्ट
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि स्लीप एपनिया, डायबिटिक मैक्यूलर एडिमा वाले रोगियों में बिना डायबिटिक मैक्यूलर एडिमा की तुलना में (80.6 प्रतिशत बनाम 45.5 प्रतिशत) काफी अधिक थी। उन्होंने यह भी पाया कि जिन रोगियों में स्लीप एपनिया की समस्या जितनी खराब थी, उनकी मैकुलर एडिमा उतनी ही खराब थी। यह अध्ययन अमेरिका में 'अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी' की 123 वीं वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया था।
Read More Article On Health News In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version