कही आप गलत राह पर तो नहीं जा रहे ?

बुरी आदतें आरामदायक बिस्तर की तरह होती हैं जिसमें जाना तो आसान होता है, पर उससे निकलना मुश्किल होता। लेकिन इनमें से कई इस बात का भी संकेत होती हैं कि आपकी लाइफ ऑफ ट्रेक है।
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कही आप गलत राह पर तो नहीं जा रहे ?


क्या आप खुद को असहज और बंधा-बंधा सा महसूस करते हैं? या कही आपको ऐसा तो नहीं लगता कि आप अपने रास्ते से भटक रहे हैं, या फिर आप जिस रास्ते पर चल रहे हैं वो ठीक नहीं है। इस बारे में ठीक से कह पाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन हां एक सवाल बहुत महत्वपूर्ण है कि क्या हम जीवन में लगातार नए रास्तों का निर्माण कर रहे हैं, या फिर हमने पहले से ही एक अच्छी तरह बनाई पक्की सड़क पर चलने का निर्णय कर रखा था। जीवन में कई बार हम आउट ऑफ ट्रेक हो जाते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जो अलग-अलग व्यक्ति में भिन्न होते हैं। लेकिन कुछ ऐसे संकेत होते हैं जो हमको इस बात का अहसास कराते हैं कि हमारी जीवन की गाड़ी आउट ऑफ ट्रेक चल रही है। तो चलिए जानते हैं कौंन से हैं तो संकेत।

 

 

बुरी आदतें आरामदायक बिस्तर की तरह होती हैं जिसमें जाना तो आसान होता है, पर उससे निकलना मुश्किल होता। कई बार इन आदतों का पता नहीं चलता लेकिन आगे चलकर ये स्स्या का कारण बन जाती हैं। मनोविदों के अनुसार इस तरह की आदत एक दिन में नहीं पैदा होती। ये धीरे-धीरे बढ़ती हैं। किसी काम को करने पर बार-बार असफल होने पर भी इस तरह की आदत बन जाती है। ऐसे इंसान लगातार इस भ्रम में रहता है कि सब कुछ ठीक चल रहा है। अपनी कमियां सामने दिखने के बावजूद उन कमियों की अनदेखी करना और उन कमियों से होने वाले नुकसानों से सबक न लेना, इन आदतों के बुरे परिणाम होते हैं।

 

 

 

Off Track

 

 

 

 

मैं जो भी करता हूं वो सही है

अहम की भावना हमेशा नुकसानदायक होती है। हर बात में तर्क करना व हमेशा अपने को ही सर्वश्रेष्ठ बताना एक बुरी आदत ही नहीं बल्कि समस्या का संकेत भी है। किसी की सुनने की बजाय अपनी ही राय का फतवा जारी करना इनके स्वभाव के तौर पर होता है, जिससे हर व्यक्ति ऐसे इंसान से परेशान रहता है। इसलिए एक बार विचार मंथन करें और ये समझें कि आप हमेशा सही नहीं हो सकते।

 

 


खुद का नुकसान करने वाला व्यवहार

ज्यादा खाना, अधिक खरीदारी करना, अधिक पीने या कुछ भी तदात से ज्यादा करना, खुद का नुकसान करने वाला व्यवहार होता है। जी हां, शायद जरूरत से अधिक मेडिटेशन भी इसका ही लक्षण है। हम सभी के जीवन में कुछ न कुछ परेशानियां होती ही हैं लेकिन उपरोक्त लक्षण दर्शाते हैं कि अपके जीवन में चीजें संतुलन से बाहर हैं।


 

 

अत्‍यधिक काम और सब कुछ तितर-बितर

ज्‍यादा काम करने से आपकी सेहत तो खराब होती ही है, साथ ही ये समस्या का संकेत भी हो सकता है। अगर आपकी काम करने वाली टेबल पर और कमरे में सब कुछ तितर बितर पड़ा है तो होशियार हो जाएं। लम्बे समय तक ऐसा चलते रहने पर ये एक साफ संकेत होता है कि जीवन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।


 

 

Off Track in Hindi

 

 

 

हर समय डर लगना

अत्यधिक चिंता, बेचैनी, भविष्य का डर आदि इसका प्रमुख कारण हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि आपकी लाइफ ट्रेक से हट चुकी है। इससे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों ही स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसमें थकान, सिरदर्द और अनिद्रा रहती है। हो सकता है कि ये आगे चलकर एंजाइटी का रूप ले, जोकि एक मानसिक रोग है। हमारे देश में मानसिक रोग के प्रति जागरूकता का अभाव है। लगभग 90 प्रतिशत रोगी तो उपचार के लिए कभी हॉस्पिटल भी नहीं जाते। कई मामलों में अगर रोग का पता चल भी जाए तब भी मरीज और उसके परिवार के लोग खामोश ही रहते हैं। सहायता कहां से प्राप्त की जाए, उन्हें यह भी नहीं मालूम होता। अगर मरीज को सही समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराया जाए तो कई मानसिक रोगों का पूरी तरह इलाज संभव है।



 

 

सिजोफ्रेनिया

यह एक मानसिक रोग होता है। इसमें रोगी अपनी कल्पनाओं में जीने लगता है। इस रोग में रोगी के लिए वास्तविक और अवास्तविक चीजों में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। कई मरीजों को तो अजीब तरह की आवाजें भी सुनाई देने लगती हैं। वह अनेक प्रकार के भ्रमों में जीने लगता है। इसका मुख्य कारण एकाकीपन, बेरोजगारी, गरीबी, नशीली दवाओं का सेवन है। चपन में बच्चे की अधिक पिटाई भी आगे चलकर इस रोग का कारण बन सकती है।




संतुलित भोजन खानें, भरपूर नींद लेने, शारीरिक रूप से फिट रहने व मस्तिष्क का उपयोग करने, तनाव से दूर रहने व डॉक्टरी मदद से इन उपरोक्त समस्याओं से सामना किया जा सकता है और अपनी ऑफ ट्रेक लाइफ को ऑन ट्रेक किया जा सकता है।  


 

 

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