Signs That Indicate Mood Swings In Children In Hindi: आमतौर पर माना जाता है कि मूड स्विंग टीनेजर्स और महिलाओं में ज्यादा होता है। इसकी वजह हार्मोन में बदलाव को समझा जाता है। अगर बच्चों की बात करें, तो ज्यादातर लोग इस पर बात यकीन नहीं करते हैं उनके साथ भी ऐसी परेशानियां हो सकती हैं। जबकि विशेषज्ञों की मानें, तो बच्चों का भी मूड स्विंग होता है। लेकिन, पेरेंट्स इस ओर विशेष ध्यान नहीं देते हैं। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि बच्चे मूड में हो रहे बदलाव को समझ नहीं पाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चे के मूड स्विंग को समझें। अगर आपके लिए यह किसी चैलेंज की तरह है, तो बारे में हम आपकी मदद कर देते हैं। इस लेख में हम ऐसे संकेतों का जिक्र कर रहे हैं, जिनसे आपको समझने में आसानी होगी कि बच्चा मूड स्विंग से गुजर रहा है। इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।
उदास रहना- Sadness
अगर आपका बच्चा टीनएज की उम्र से कम है, तो भी आप जान जाएं कि उसका भी मूड स्विंग हो सकता है। मूड स्विंग होने पर बच्चा काफी उदासीन रहने लगता है। वह दूसरों से बातचीत बंद कर देता है। यहां तक कि वह अपने दोस्तों, भाई-बहनों और पेरेंट्स से भी अपने मन की बात शेयर नहीं करता। असल में उसे समझ नहीं आता है कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चे से बातचीत करे और उसके मूड को बेहतर करने की कोशिश करे।
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मोटिवेशन की कमी- Lack Of Motivation
कुछ समय पहले तक जहां बच्चे को खेलना-कूदना अच्छा लगता था, अचानक उसे कोई भी चीज करना अच्छा नहीं लगता है। ऐसा अक्सर हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। अगर आपके बच्चे के साथ भी हो रहा है यानी उसे मोटिवेशन की कमी महसूस हो रही है, तो आप इसकी अनदेखी न करें। उसके साथ आप भी उसकी पसंदीदा हॉबी या एक्टिविटी में हिस्सा लें। धीरे-धीरे उसके मूड में बेहतर बदलाव होने लगेगा।
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थका हुआ महसूस करना- Loss Of Energy Or Fatigue
मूड स्विंग का एक लक्षण यह भी है कि बच्चा न सिर्फ दूसरों से कटने लगता है, बल्कि अक्सर थकान हुआ महसूस करता है। मूड स्विंग होने पर बच्चे को खेलना-कूदना बिल्कुल पसंद नहीं आता है। इसके विपरीत, अगर बच्चा खेलता है, तो वह दूसरे बच्चों की तुलना में जल्दी थक जाता है। इस तरह की सिचुएशन होने पर पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे की डाइट पर ध्यान दे और उन चीजों से दूर रखे, जो उसे डिमोटिवेट करती है।
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चिड़चिड़ेपन से भर जाना- Changes In Behaviour
चिड़चिड़ा होना भी मूड स्विंग का एक संकेत है। अगर पेरेंट्स को लगे कि बच्चा बात-बात पर उखड़ जाता है, अक्सर फिजूल की जिद करता है और अपनी बात मनवाने के लिए हर तरह की तरकीबे अपनाता है। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को एलर्ट हो जाना चाहिए। इस तरह के चिड़चिड़ापन की वजह कोई मामूली नहीं होती है। मूड स्विंग होने पर बच्चा न चाहते हुए भी इस तरह से पेश आने लगता है। ऐसे बच्चे अक्सर पेरेंट्स के लिए परेशानी की वजह बन जाते हैं। लेकिन पेरेंट्स को चाहिए कि वे धैर्यपूर्वक अपने बच्चे के साथ पेश आए और हैंडल करे।
गुस्सैल स्वभाव का होना- Anger
मूड स्विंग होने पर कभी-कभी बच्चे को बहुत ज्यादा गुस्सा भी आने लगता है। ध्यान रखें कि गुस्सा आना कोई गलत बात नहीं है। अपनी बात रखने का यह तरीका भर है। वहीं, अगर बच्चा गुस्से में चीजें तोड़ने लगे, अपने पेरेंट्स का अपमान करने लगे, तो यह सही नहीं है। मूड स्विंग की वजह से बच्चा अपने इमोशंस को कंट्रोल नहीं कर पाता है। ऐसे में बच्चा गुस्सैल स्वभाव का हो जाता है। मगर गुस्सा होने पर उसको डांटना-फटकारना सही नहीं है। इसके बजाय बच्चे को शांति से समझाएं। वह गुस्सा क्यों है, इस बात पर काम करें।
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