ओरल कैंसर यानी मुख के कैंसर मुंह तो प्रभावित होता ही है, साथ ही होंठ और जुबान पर भी इसका असर पड़ता है। वैसे यह गाल, मुंह के तालु, मसूड़ों और मुंह के ऊपरी हिस्से में यह कैंसर होता है।मुंह के कैंसर का जल्द पता नही चलता। जो व्यक्ति धूम्रपान करते हैं, गुटखा खाते है, या अधिक शराब पीते है उनमें ओरल कैंसर होने की आशंकाअधिक होती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में ओरल कैंसर के मरीज पूरे विश्व में सबसे अधिक हैं। ओरल कैंसर के करीब 90 प्रतिशत मरीज तंबाकू का सेवन करते हैं।
अधिकतर लोग तंबाकूयुक्त गुटखा मुंह में या दांतों व गाल के बीच में दबाकर रखते हैं। इसके कारण ही कैंसर का खतरा होता है। यदि मुंह के कैंसर का निदान शुरूआत में हो जाये तो इसके इलाज में आसानी होती है। आइए जानें वो कौन से लक्षण है जिससे ओरल कैंसर के होने का पता चलता हैं।
ओरल कैंसर के शुरूआती लक्षण और संकेत
- बिना किसी कारण नियमित बुखार आना।
- थकान होना, सामान्य गतिविध करने से थक जाना।
- गर्दन में किसी प्रकार की गांठ का होना।
- ओरल कैंसर के कारण बिना कारण वजन का कम होता रहता है।
- मुंह में हो रहे छाले या घाव जो कि भर ना रहे हों।
- जबड़ों से रक्त का आना या जबड़ों में सूजन होना।
- मुंह का कोई ऐसा क्षेत्र जिसका रंग बदल रहा हो।
- गालों में लम्बे समय तक रहने वाली गांठ।
- बिना किसी कारण लम्बे समय तक गले में सूजन होना।
- मरीज की आवाज में बदलाव होना।
- चबाने या निगलने में परेशानी होना।
- जबड़े या होठों को घुमाने में परेशानी होना।
- अनायास ही दांतों का गिरना।
- दांत या जबड़ों के आसपास तेज दर्द होना।
- मुंह में किसी प्रकार की जलन या दर्द।
- ऐसा महसूस करना कि आपके गले में कुछ फंसा हुआ है।
- ओरल सेक्स को भी ओरल कैंसर का एक कारण माना जाता है।
ज्यादातर स्थितियों में ओरल कैंसर के लक्षण कुछ गंभीर बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं। यदि इसके लक्षण आपको दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक दिखें तो आप तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
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