कोलन कैंसर के लक्षणों को कैसे पहचानें

कोलन कैंसर को बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है। जो महिलाएं फाइबर वाली चीजें कम खाती हैं जिससे उनमें कोलन कैंसर का खतरा अधिक होता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
कोलन कैंसर के लक्षणों को कैसे पहचानें


कोलन कैंसर को बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है। यह आदमी के कोलन यानी बड़ी आंत में होता है। आमतौर पर कोलन कैंसर पोलिप के रूप में शुरू होता है। पोलिप बड़ी आंत के अंदर अंगूर के दाने के आकार की छोटी गांठ को कहते हैं। हालांकि पोलिप कैंसर नही होते लेकिन यह कैंसर बन सकते हैं।

मानव शरीर कोलन कैंसर की पहचान होने पर इसको रोकने के लिए पोलिप्‍स को खोज कर उन्‍हें हटाया जाता है। पोलिप्‍स को हटाने के बाद कोलन कैंसर का जोखिम कम हो जाता है। कोलन पांच फीट लंबी मसक्यूलर ट्यूब होती है। कोलन कैंसर बड़ी आंत में या फिर रेक्टम (यह बड़ी आंत का अंतिम सिरा होता है) से शुरू हो सकता है।

आम बोलचाल में कोलन-रेक्टल कैंसर को ही कोलन कैंसर कहते हैं। खान-पान और लाइफस्‍टाइल के कारण कोलन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलायें कोलन कैंसर का ज्‍यादा शिकार हो रही हैं। जो महिलाएं फाइबर वाली चीजें कम खाती हैं जिससे उनमें कोलन कैंसर का खतरा अधिक होता है। आइए हम आपको कोलन कैंसर के लक्षणों के बारे में बताते हैं।


कोलन कैंसर के लक्षण 

  • डायरिया कोलन कैंसर का प्रमुख लक्षण है।
  • लंबे समय तक कॉन्सटिपेशन यानी कब्‍ज हो तो कोलन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • स्टूल में खून आना।
  • मल की रुकावट होना, पेट पूरी तरह से साफ न होना।
  • बिना किसी वजन के शरीर में खून की कमी होना।
  • अपच की शिकायत होना।
  • लगातार वजन घटना।
  • पेट के निचले हिस्से में लंबे समय से दर्द होना।
  • हर वक्‍त थकान महसूस होना।
  • लगातार उल्‍टी होना।



किसे हो सकता है कोलन कैंसर

  • 20 में से 1 आदमी को कोलन कैंसर होने का खतरा होता है।
  • जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है उतना इस कैंसर के होने का खतरा बढ़ता जाता है।
  • पोलिप्‍स और कोलन कैंसर के विकसित होने का खतरा प्रत्‍येक आदमी को होता है।
  • यदि 50 वर्ष तक की आयु तक इसका पता चल जाये तो इलाज संभव है।
  • यदि घर में किसी को कोलन कैंसर हुआ है तो इसके होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • धूम्रपान और एल्‍कोहल का सेवन करने वालों को कोलन कैंसर होने का खतरा होता है।




कोलन कैंसर की पहचान कैसे करें

स्टूल में खून हो तो यह कोलन कैंसर की पहचान का सबसे सरल तरीका है। स्क्रीनिंग के जरिए डॉक्टर इसकी पहचान कर सकते हैं। कोलनस्कोपी और सिटी पैट स्कैन के जरिए कोलन कैंसर की पहचान की जाती है। कोलन कैंसर के ट्रीटमेंट का एकमात्र तरीका सर्जरी है। कीमोथेरपी से इसका साइज कम किया जाता है उसके बाद सर्जरी की जाती है। अगर कैंसर सेल लीवर तक फैल जाती हैं तो मरीज को रेडियो फ्रीक्वेंसी एबलेशन ट्रीटमेंट दिया जाता है। कोलन कैंसर का इलाज तब तक ही संभव है जब यह आंतों तक ही सीमित हो।



ज्यादातर मामलों में मरीज कोलन कैंसर के लक्षणों को मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इससे कैंसर फैलकर लिम्फ नोड्स तक पहुंच जाता है, जो घातक होता है। इसलिए यदि आपको यह लक्षण दिखें तो चिकित्‍सक से तुरंत संपर्क करें।

 

 

Read More Articles on Colorectal Cancer In Hindi

Read Next

पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर से बचने के टिप्स

Disclaimer