वैरिकोज वेन्स, पैरों की वे नसें हैं, जो पैरों पर उभरी हुई नीली नसें दिखती हैं। यह पैरों में दर्द, सूजन, त्वचा के काले पड़ने और यहाँ तक कि खुले घावों का कारण बन सकती हैं। यह कुछ खराब वाल्व या नसों के कारण होती हैं, जो नसों में खून के ठहराव का कारण बनता है।
वैरिकोज वेन्स के क्या प्रभावी उपचार हो सकते हैं। इस पर इंटरवेंशनल और रेडियोलॉजी ट्रीटमेंट ऑफ वैस्कुलर डिजीज एट द वेन्स सेंटर, मुंबई के डॉ. सौरभ जोशी बताते हैं, वैरिकोज वेन्स, आपके शरीर की किसी भी नस में विकसित हो सकती हैं, लेकिन यह पैरों को आमतौर पर प्रभावित करती हैं। हालांकि डॉक्टरों और विशेषज्ञों का प्रमुख रूप से मानना है कि जो लोग बहुत ज्यादा खड़े रहते हैं वे इस बीमारी के संपर्क में आते हैं। लेकिन इसके पीछे एक मजबूत आनुवंशिक कारक भी है, क्योंकि यह परिवारों में पीड़ी दर पीड़ी के लिए देखा जाता है।
वैरिकोज वेन्स की समस्या
यह एक ऐसी स्थिति है, जो आपकी नसों में दोषपूर्ण वाल्व का एक परिणाम है। जिससे कि खून को हृदय में वापस पंप करने की अनुमति नहीं मिलती। इसके कारण, रक्त परिसंचरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाता है। वैरिकोज नसें इस प्रकार बन सकती हैं, जब भी आपकी नसों के अंदर ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो वहां ये वैरीकोज वेन्स बन सकती हैं। यह आनुवांशिकी, मोटापा, जीवनशैली या अन्य स्वास्थ्य स्थिति के कारण हो सकता है। वैरिकोज नसें हमेशा एक दर्द नहीं है। हालांकि, कुछ के लिए यह अत्यधिक असुविधा और दर्द का कारण हो सकता है। इस प्रकार, बहुत से लोग इससे अनजान हैं और इस बीमारी के साथ सामान्य रूप से अपना जीवन जीते हैं, जबकि कुछ के लिए यह परेशानी भरा हो सकता है।
यहां डॉ. जोशी ने वैरिकोज वेन्स के कुछ प्रभावी इलाज के तरीके बताए हैं:
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वेनासील ट्रीटमेंट (VenaSeal treatment)
यह इलाज पश्चिम में शुरू हुआ, यह प्रणाली ठीक वैसी ही है, जैसा कि इसके नाम से पता चलता है। आपकी नसों में पड़ी दरारों को चिपकाने वाली एक सील। यह सील वैरिकोल नसों के इलाज के लिए है और आपको लगभग तुरंत लक्षणों को ठीक करने में भी मदद करती है। प्रभावित नसों में खून की आपूर्ति को काटने के लिए एक चिपकने वाला एजेंट का उपयोग किया जाता है।
फायदे:
- यह एक सुई चुभन प्रक्रिया है।
- इसे ठीक करने में कम समय लगता है।
- मरीज उसी दिन स्वस्थ होना और चलना-फिरना शुरू कर सकता है।
- कम्प्रेशन सॉक्स पहनने की कोई जरूरत नहीं पड़ती।
- प्रक्रिया के दौरान रोगी को कम दर्द का अनुभव होगा।
ट्रांसक्यूटेनियस लेजर (Transcutaneous Laser)
वैरिकोज नसों के प्रारंभिक चरण, जिसे स्पाइडर वेन्स भी कहा जाता है, जो एक तरह से कॉस्मेटिक समस्या से अधिक होते हैं। लक्षित ट्रांसक्यूटेनियस लेजर को लागू करके इलाज किया जा सकता है। इस तकनीक में, इन स्पाइडर वेन्स के लिए एक विशिष्ट वेवलेन्थ का लेजर प्रकाश डाला जाता है। यह त्वचा के करीब 2 मिमी व्यास से स्पाइडर वेन्स के स्थानीय तौर पर जला देता है।
सर्जरी (Surgery)
पहले, विस्तृत सर्जरी ही एकमात्र तरीका था। सर्जिकल रूप से, इसे स्ट्रिपिंग सर्जरी के रूप में भी जाना जाता था, जिसमें प्रभावित क्षेत्र को चीरकर पूरा खोला जाता था और नसों की खराबी को ठीक किया जाता थाफ इस सर्जरी में, खराब या दोषपूर्ण शिराओं को काट दिया गया था और प्रभावित क्षेत्र से हटा दिया गया था, ताकि इसकी वृद्धि को रोका जा सके।
हालांकि, इस सर्जरी की मुख्य रूप से तीन कमियां थीं:
- सर्जरी के बाद उस हिस्से में लंबे समय तक दर्द बना रहना।
- फिर से बीमारी उभर आने के मामले।
- घाव भरने में अधिक समय लगना (चूंकि टांके बैठने में वक्त लगता है)।
- टांगों पर अलग-अलग आकार के निशान पड़ जाना (नसों की लंबाई के अनुसार)।
स्क्लेरोथेरेपी (sclerotherapy)
स्क्लेरोथेरेपी दवा को इंजेक्ट करने की एक प्रक्रिया है, जो नसों की दीवार को आंतरिक रूप से नुकसान पहुंचाती है। यह उपचार लोकप्रिय था क्योंकि इसने बहुत सारे लोगों को उनकी नसों का पूरी तरह से इलाज करके और एक अच्छा परिणाम देने में मदद की है।
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एन्डोवीनस लेजर ट्रीटमेंट/ एन्डोवीनस लेजर एब्लेशन (ईवीएलए) (Endovenous laser treatment)
अनुसंधान के इस क्षेत्र में सबसे सफल प्रगति में से एक एन्डोवीनस लेजर ट्रीटमेंट है, जहां एक सुई की तरह IV प्रभावित क्षेत्र में इंजेक्ट किया जाता है और दोषपूर्ण नसों की ओर भेजा जाता है।
फायदे:
- यह इनवेसिव अल्ट्रासाउंड-निर्देशित तकनीक आपको उसी दिन अपने पैरों पर खड़ा कर सकती है।
- प्रोसीजर के दौरान लोकल एनीस्थीसिया का प्रयोग किया जाता है।
- कोई दर्दनाक चीर-फाड़ नहीं की जाती है।
- परिणाम बहुत जल्दी मिलते हैं।
- बीमारी के फिर से उभरने की संभवना काफी हद तक कम होती है।
प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ अनेक डॉक्टर आज इस तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। इसे अल्ट्रासाउंड गाइडेंस का उपयोग करते हुए संपन्न किया जाता है और इस प्रोसीजर की सफलता में डाइग्नोस्टिक अल्ट्रासाउंड की दक्षता एक प्रमुख कारक होती है।
एम्बुलेटरी फ्लेबेक्टॉमी (Ambulatory Phlebectomy)
इस उपचार में एक सक्शन डिवाइस शामिल है, जिसमें गार्डेड ब्लेड होते हैं, जो वैक्यूम क्लीनर की तरह नसों को हटाते हैं। दूसरे शब्दों में, द्रव को नसों के चारों ओर शामिल किया जाता है, जो बाद में शक्तिशाली प्रकाश की मदद से त्वचा के नीचे से जगमग रौशनी पैदा करता है। यह तकनीक फ्लेबेक्टॉमी के लिए चीरा लगाने की संख्या को कम कर सकती है। यह तरीका काफी फायदेमंद है:
- वैरिकोज नसों वाले उन मरीजों को विशेष रूप से राहत मिलती है, जिनकी नसों की गांठें बड़ी हो चुकी हैं या ज्यादा संख्या में मौजूद हैं।
- शरीर पर बहुत कम या कोई दाग नहीं पड़ता।
- अन्य उपचारों के मुकाबले स्वस्थ होने में बहुत कम समय लगता है।
- प्रोसीजर के दौरान दर्द भी कम रहता है।
रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (Radiofrequency Ablation)
यह प्रोसीजर लेजर एब्लेशन से इस प्रकार अलग है कि लेजर ट्रीटमेंट में ऊष्मा ऊर्जा का उपयोग नसों के उपचार के लिए किया जाता है। जबकि यह रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग करके नस को तिरछा करता है। इस प्रोसीजर में दबाव डालते हुए कमर के हिस्से में कुंद सिरे वाली किसी बेहद पतली और लचीली रॉड को धीरे-धीरे खींचा जाता है। ऐसा ल्यूमेन को बंद करने के लिए किया जाता है।
फायदे:
- आमतौर पर रिकवरी के लिए बहुत कम समय लगता है।
- प्रोसीजर वाले हिस्से में रक्त के थक्के जमने की संभावना बहुत कम होती है।
- सर्जरी के बाद का दर्द कम से कम है।
- त्वचा में दाग पड़ जाने की बेहद कम या कोई संभावना नहीं रहती।
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