धूम्रपान (स्मोकिंग) से आपकी आंखों पर पड़ता है बुरा असर, डॉक्टर से जानें इसके 6 दुष्प्रभाव

धूम्रपान सिर्फं फेफड़े को ही नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि ये आंखों को भी नुकसान पहुंचाता है। डॉक्टर से जानें धूम्रपान से आंखों को होने वाली परेशानी। 
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धूम्रपान (स्मोकिंग) से आपकी आंखों पर पड़ता है बुरा असर, डॉक्टर से जानें इसके 6 दुष्प्रभाव


स्मोकिंग करने वाले सभी लोगों को सिर्फ कैंसर ही नहीं होता है, बल्कि उन्हें कई अन्य प्रकार की बीमारियां भी होती है। स्मोकिंग करने वाले ज्यादातर लोगों की आंखों पर इसका बुरा असर पड़ता है।स्मोकिंग करने वाले ज्यादातर लोग आपको चश्मा पहने दिखेंगे। स्मोकिंग आंखों की कोशिकाओं पर असर करता है, जिससे दिखना कम हो जाता है। देश में आंखों की रोशनी जाने का बड़ा कारण मोतियाबिंद की बीमारी है। इससे करीब 50 प्रतिशत लोग प्रभावित हो रहे हैं। पहले इसका कारण बढ़ती है उम्र ही होती थी। लेकिन अब मोतियाबिंद के कई कारण हो गए हैं, जिससे आंख खराब होती है। इसमें सबसे बड़ा कारण स्मोकिंग करना और खराब जीवनशैली है और तनाव भी है। जमशेदपुर के साकची के आई हॉस्पिटल के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर अमजद खान से जानेंगे कि स्मोकिंग आंखों को कितना प्रभावित करती है। धूम्रपान की लत आपको अंधा भी बना सकती है। धूम्रपान का असर शरीर के कई अंगों पर पड़ता है। आईए आपको बताते हैं कि धूम्रपान आपके आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाती है। जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल।

धूम्रपान करते हैं तो तत्काल छोड़ें

डॉक्टर बताते हैं कि यदि आप धूम्रपान करते हैं तो उसे तत्काल छोड़ दें, नहीं तो कैंसर के साथ आंखों से जुड़ी ये बीमारियां होने का खतरा रहता है। इतना ही नहीं यदि आपके आसपास कोई सिगरेट पीता है तो उससे भी दूरी बनाने की आवश्यकता है। क्योंकि सिगरे का धुआं आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप स्मोकिंग करते है तो इसे तुरंत छोड़े दें, नहीं तो इससे आपको चश्मा नहीं लगा तो चश्मा लग जाएगा। अगर चश्मा लग गया है तो मोतियाबिंद हो जाएगी या आंखों की रोशनी चली जाएगी। सहित कई बीमारी होने की संभावना रहती है।

Smoking cause eye problem

1. सिगरेट का धुआं आंखों की कोशिकाओं को करता है प्रभावित 

डॉक्टर बताते हैं कि सिगरेट में कई तरह के ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आंखों के लिए खतरनाक होते हैं। सिगरेट में कई तंबाकू,  हानिकारक कैमिकल्स- रसायन होते हैं। जो इसके धुएं को बहुत ही ज्यादा जहरीला बनाती है। इस धुएं से कंजक्टिवा की ग्लोबल कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं, जिससे आंख की सतह पर हमेशा नमी बनी रहती है। इससे कारण आंखों में गीलापन भी रहता है। इससे हमें धुंधला दिखाई पड़ता है और आंखों में खुजली होती है। सिगरेट के जहरीले धुएं से हमारे आंखों की रोशन भी जा सकती है।

2. आंखों में जलन की होती है समस्या 

एक्सपर्ट बताते हैं कि सिगरेट में निकोटिन वाले तंबाकू होते हैं। यह शरीर पर बुरा असर डालते हैं। इससे खून में निकोटिन बढ़ जाती है। स्मोकिंग करने से आपके आंख में जलन की समस्या हमेशा होगी। अगर स्मोकिंग को बंद नहीं करेंगे तो यह आंखों की कोशिकाओं को खराब करता है, जिससे रेटिना को नुकसान पहुंचता है। हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी वाले लोगों को धूम्रपान से नहीं करना चाहिए।

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3. मोतियाबिंद का हो सकता है कारण

एक्सपर्ट बताते हैं कि सिगरेट के धुएं से आंखों के सेल्स कमजोर होते हैं। इससे कम उम्र में ही आपको मोतियाबिंद जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है जबकि मोतियाबिंद ज्यादा उम्र वाले लोगों को होने वाली बीमारी है। स्मोकिंग करने वालों में आम लोगों की तुलना में मैक्यूलर डिजनरेशन होने का खतरा दोगुना होता है। कम उम्र में आपको आंखों की समस्या हो रही है तो हो सकता है आपको मोतियाबिंद की समस्या हो। इसका बड़ा कारण स्मोकिंग होता है।  

4. कलर ब्लाइंडनेस के हो सकते हैं शिकार

डॉक्टर बताते हैं कि सिगरेट के धुएं से आंखों की रेटिना प्रभावित होती है। इससे आंख का वो हिस्सा जो किसी दृश्य को मस्तिष्क तक भेजता है उसे खराब कर देता है। यानि रेटिना को खराब कर देता है, जिसके कारण हमें किसी चीज का रंग अलग-अलग दिखता है। जिसे हम कलर ब्लाइंड कहते हैं। सिगरेट के कारण खून में केमिकल्स कंपाउंड की मात्रा ज्यादा हो जाती है, वहीं खून में ऑक्सीजन कम हो जाती है। रेटिना के ऑप्टिकल नसों पर सिगरेट के निकोटिन प्रभाव डालते हैं। इससे आंखों पर प्रभाव पड़ता है और आंखों को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। सिगरेट पीने वाले लोगों में आंख खराब होने का चांस दोगुना होता है।  

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Eye disease

5. ऑप्टिक न्यूरोपैथी की समस्या आने से साफ नहीं दिखता 

डॉक्टर बताते हैं कि किसी चीज को देखने के लिए ऑप्टिक और रेटिना का सही होना बहुत ही जरूरी है। लेकिन स्मोकिंग में मौजूद निकोटिन आंखों के ऑप्टिक नर्व की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं, जिससे कोई चीज साफ नहीं दिखती है। इसे एम्बलायोपिया और ऑप्टिक न्यूरोपैथी हो जाती है। आंखों से जुड़ी ये गंभीर बीमारियों में से एक है। 

6. मैक्यूलर डीजनरेशन की होती है दिक्कत

डॉक्टर बताते हैं कि धूम्रपान करने से आंखों में मैक्यूलर डीजनरेशन होने का खतरा ज्यादा होता है। इस बीमारी में रेटिना में कमी आ जाती है। यह दूसरों के उम्र की अपेक्षा जल्दी हो जाता है। यह बीमारी नार्मल लोगों में ज्यादातर 60 वर्ष के बाद होती है, लेकिन स्मोकिंग करने वालों में यह बीमारी कम उम्र में शुरू हो जाती है।

बीमारी से बचाव के लिए समय रहते लें डॉक्टरी सलाह

डॉक्टर बताते हैं कि यदि आपको भी आंखों में इसी प्रकार की समस्या आ रही है तो समय रहते डॉक्टरी सलाह लें। ताकि बीमारियों से बचाव किया जा सके। इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सिर्फ परामर्श के लिए है। अगर आपको स्मोकिंग से आंखों की ऐसी समस्या होती है तो तुरंत आई स्पेलिस्ट से मिलें। ताकि समय रहते उसका बचाव किया जा सके। 

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