आंखों के अंदर ट्यूमर (ऑर्बिटल ट्यूमर) के क्या हो सकते हैं कारण? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और इलाज के तरीके

आंख के आईबॉल के अंदर होने वाले ट्यूमर को ऑर्बिटल ट्यूमर कहा जाता है, एक्सपर्ट डॉक्टर से जानें इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज। 
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आंखों के अंदर ट्यूमर (ऑर्बिटल ट्यूमर) के क्या हो सकते हैं कारण? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और इलाज के तरीके

आपने शरीर के अलग-अलग अंगों में होने वाले ट्यूमर के बारे में सुना होगा। दरअसल ये असामान्य कोशिकाओं के समूह होते हैं जो गांठ के रूप में बढ़ते हैं। ट्यूमर शरीर की किसी भी कोशिका में हो सकता है। हर प्रकार के ट्यूमर कैंसर का कारण नहीं बनते लें समय रहते इनका इलाज नहीं किये जाने पर मरीज को गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आंख के भीतरी हिस्से में होने वाले ट्यूमर को 'ऑर्बिटल ट्यूमर' कहा जाता है। ऑर्बिटल ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है और एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल भर में एक हजार से अधिक मामले इस बीमारी के आते हैं। ये ट्यूमर आंखों की मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावित करते हैं। आंख में होने वाले ऑर्बिटल ट्यूमर को लेकर जानकारी दे रही हैं दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ उमा मल्लया (Dr. Uma Mallaiah), आइये जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

क्या होता है ऑर्बिटल ट्यूमर? (What is Orbital Tumor?)

ऑर्बिटल ट्यूमर आंखों में होने वाला एक ट्यूमर है जो आईबॉल के पीछे होता है। यह एक ऐसा ट्यूमर है जिसे आप देख नहीं सकते हैं, इसके लक्षण दिखने पर ही बीमारी का पता चलता है। ये ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है। ऑर्बिटल ट्यूमर आंख की कक्षा में होने वाला ट्यूमर है जो शरीर में और से मेटास्टेसाइज हो सकते हैं। ऑर्बिटल ट्यूमर अलग-अलग हो सकते हैं जिसमें  इसमें सिस्ट, संवहनी घाव (रक्त वाहिकाओं से उत्पन्न), लिम्फोमा, बिनाइन ट्यूमर, न्यूरोजेनिक ट्यूमर (नसों से उत्पन्न), और माध्यमिक ट्यूमर (मेटास्टेटिक या आसपास के साइनस से सीधे फैलते हैं) शामिल हैं।

Orbital-Tumors-Causes-Symptoms-Treatment

(image source - shutterstock.com)

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ऑर्बिटल ट्यूमर के कारण (What Causes Orbital Tumor?)

किसी भी व्यक्ति में ऑर्बिटल ट्यूमर कई कारणों से हो सकते हैं। बच्चों में जन्म के समय से होने वाला ऑर्बिटल ट्यूमर आनुवांशिक कारणों से होता है। इसके अलावा शरीर के किसी भी भाग जैसे स्तन, फेफड़े, या प्रोस्टेट कैंसर के फैलने से भी यह हो सकता है। मेलेनोमा (स्किन कैंसर) भी ऑर्बिटल ट्यूमर का कारण हो सकता है। इस बीमारी का कोई एक सटीक कारण नहीं होता है। शरीर में होने वाले दूसरे ट्यूमर की वजह से भी आंखों में ऑर्बिटल ट्यूमर फैल सकता है। ऑर्बिटल ट्यूमर होने के पीछे कोई एक वजह नहीं होती है इसके कई रिस्क फैक्टर हो सकते हैं।


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ऑर्बिटल ट्यूमर के लक्षण (Orbital Tumor Symptoms)

कुछ मामलों में ऑर्बिटल ट्यूमर बिना लक्षण के भी हो सकते हैं और लंबे समय तक रहने पर ये धीरे-धीरे अपने लक्षण विकसित करते हैं। कुछ मरीजों में ये ट्यूमर तेजी से लक्षणों के साथ फैलना शुरू करते हैं। ऑर्बिटल ट्यूमर में मरीज की स्थिति के अनुसार अलग-अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कई रोगियों में ऑर्बिट से आंख का उभार (प्रोप्टोसिस या एक्सोफ्थाल्मोस) विकसित हो जाता है जिसमें ट्यूमर होता है। ऑर्बिटल ट्यूमर में दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

ऑर्बिटल ट्यूमर का इलाज (Orbital Tumor Treatment)

मरीज में ऑर्बिटल ट्यूमर का लक्षण दिखने पर चिकित्सक एमआरआई की जांच करते हैं। जांच के बाद मरीज की स्थिति के हिसाब से इस बीमारी का इलाज किया जाता है। जरूरत पड़ने पर मरीज की जांच के लिए अल्ट्रासोनोग्राफी, कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) सही दूसरे इमेजिंग परीक्षण भी किये जा सकते हैं। ऑर्बिटल ट्यूमर की स्थिति के हिसाब से डॉक्टर कई तरह के उपचार करते हैं। गंभीर मामलों में इस बीमारी के इलाज में सर्जरी भी की जाती है। हालांकि सभी ऑर्बिटल ट्यूमर के मामलों में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। गंभीर मामलों में न्यूरोसर्जरी, ओटोलरींगोलॉजी, विकिरण ऑन्कोलॉजी, रेडियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी का भी सहारा लिया जा सकता है।

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