लकवा गंभीर बीमारी है। इसके होने से शरीर का अंग काम करना बंद कर देता है। इससे मरीज की देखभाल करना जैसे खाना खिलाना, रोजमर्रा के काम करना आदि कराने में काफी परेशानी हो जाती है। आज के इस आर्टिकल में हम होमियोपैथिक डॉक्टर नागेंद्र से बात करेंगे जो जमशेदपुर के राहरगोड़ा में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। वहीं जानने का प्रयास करेंगे कि लकवा के इलाज के दौरान दवा के अलावा किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए। वहीं बीमारी अगर कम स्टेज में हो लाइफस्टाल में बदलाव कर बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है।
जानें क्या है लकवा
डॉक्टर बताते हैं कि लकवा की बीमारी में शरीर के अंग व भाग में ब्लड फ्लो करना बंद कर देता है तो वो हिस्सा काम कर देना बंद कर देता है। उसे पैरालिसिस कहा जाता है। लेकिन यदि ब्लड फ्लो कम हो तो उसे नंबनेस कहा जाता है। इस बीमारी का होमियोपैथिक पद्दिति में उपचार संभव है। लेकिन मरीज को लंबे समय तक डॉक्टर के सुझाव की आवश्कता होती है। बीमारी का उपचार करते वक्त मरीज को दवा देने के साथ फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है। ताकि जल्द से जल्द मरीज रिकवर कर सके।
होमियोपैथी इलाज में इस बात का रखें ख्याल
होमियोपैथिक डॉक्टर बताते हैं कि होमियोपैथिक पद्दिति से क्रॉनिक केस में इलाज लंबा चलता है। होमियोपैथी पद्दिति से यदि किसी मरीज की क्रॉनिक बीमारी (लंबे समय त चलने वाली बीमारी) जैसे लकवा, पुराना गठिया आदि का इलाज चल रहा है। वहीं बीच में मरीज को एक्युट परेशानी आ जाए जैसे कि बुखार व डायरिया जिसका इलाज एलोपैथी पद्दिति से करना एकदम जरूरी है तो उस कंडीशन में पुरानी होमियोपैथी की दवा को एक से दो दिन रोक कर एलोपैथी की दवा देनी चाहिए। ताकि एक्युट बीमारी को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके।
गंभीर स्थिति में यह करें
यदि मरीज लकवा की बीमारी से ग्रसित है व गंभीर है। ऐसे में होमियोपैथि की दवा को एक से दो घंटे के लिए रोककर एलोपैथी की दवा मरीज को देनी चाहिए। तभी कारगर होता है। बावजूद इसके यह करने के पहले डॉक्टरी सलाह लेना बेहद ही जरूरी है। डॉ. नागेंद्र बताते हैं कि वैसे हम मरीजों को प्लंबम मेटैलिकम, फास्फोरस, नक्स वोमिका, लैथिरस सैटिवस, जेल्सीमियम सेम्परविरेंस, क्यूरेयर, कास्टिकम, एगारिकस मस्कैरियस आदि दवा मरीज के लक्षण आदि को देखकर दी जाती है।
इसे भी पढ़ें : आंख और सिर में दर्द जैसे लक्षणों से शुरू होता है 'आंखों का लकवा', डॉक्टर से जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज
आहार और जीवन शैली में ऐसे करें बदलाव
- एक्सरसाइज करें : होमियोपैथिक ट्रीटमेंट करवाने के लिए इस बीमारी से जो लोग ग्रसित हैं उन्हें नियमित तौर पर एक्सरसाइज करना चाहिए। इसके लिए भी डॉक्टरी सलाह ले लेनी चाहिए। यदि वो शारिरिक रूप से एक्सरसाइज करने में सक्षम हैं तभी उन्हें करना चाहिए।
- स्वच्छ वातावरण में रहें : बीमारी से बचाव के लिए लोगों की कोशिश यही होनी चाहिए कि वो स्वच्छ वातावरण में रहें। क्योंकि गंदे वातावरण में रहने से कई अन्य प्रकार की बीमारी हो सकती है। बीमारी से ग्रसित लोग अपने शरीर को साफ रखें।
- खानपान पर दें ध्यान : लकवा की बीमारी से ग्रसित लोगों को खानपान पर विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए उन्हें भोजन में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए, जैसे कि सीजनल हरी सब्जियां, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, सीजनल फल आदि का सेवन करना चाहिए।
- योगा व एक्सरसाइज करें : हार्ड एक्सरसाइज करने की बजाय इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति यदि टहल भी पाएं तो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा। इसके अलावा योगाभ्यास करना उनके लिए बेहतर होगा।
- दवा को नियमित सेवन करने के साथ सुरक्षित रखें : डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा को सुरक्षित स्थान पर रखने के साथ बताए गए समय पर ही दवा का सेवन करें। जानें लोगों को क्या नहीं करना चाहिए
इसे भी पढ़ें : पैरालिसिस (लकवा) के मरीजों को क्या खाना चाहिए और किन चीजों से करना चाहिए परहेज, जानें पूरा डाइट प्लान
इन एहतियात को बरतना चाहिए
लकवा की बीमारी से ग्रसित लोगों को काफी कुछ एहतियात बरतना चाहिए। वहीं खानपान में सिर्फ व सिर्फ पौष्टिक खाद्य पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए। वहीं फास्ट फूड सहित इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचाव करना चाहिए।
- मसाले युक्त खाद्य पदार्थों को न खाएं : इस बीमारी से ग्रसित लोगों की कोशिश यही होनी चाहिए कि वो खाने में अधिक मसाले, चीनी, नमक आदि का सेवन न करें।
- बीमारी से पीड़ित लोगों को अधिक गुस्सा नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे वो मानसिक रूप से थक जाते हैं। मानसिक रूप से तनाव न लें।
- पर्याप्त नींद लेना जरूरी, लेकिन बीमारी से पीड़ित लोगों को दोपहर में सोने से बचना चाहिए।
- फ्रिज के सामान आदि को खाने से बचना चाहिए
- सॉस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
- घर में रूप फ्रेशनर, बॉडी स्प्रे आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- शराब व नशीले पदार्थं आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
- कॉफी, चाय आदि का सेवन करने से बचाव करना चाहिए
डॉक्टरी सलाह लें
बीमारी का इलाज कराने के लिए लोगों को डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है। लाफइस्टाइल और खानपान में क्या बदलाव करें इसको लेकर लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। ताकि बीमारी से जल्द से जल्द रिकवर करना चाहिए। वहीं डॉक्टर द्वारा सुझाई गई बातों के अनुसार डाइट में परिवर्तन लाना चाहिए।
Read More Articles On Other Diseases
Read Next
कोविड के बीच केरल में 'निपाह वायरस' के नए मामले से हड़कंप, जानें इसके लक्षण, कारण, खतरे और इलाज
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version