पति-पत्नी के झगड़े हर घर में होते हैं पर क्या हो जब आप पैरेंट्स बनने वाले हों, इससे आपके होने वाले बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जो कपल्स लड़ाई करते हैं उनके होने वाले बच्चे पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। डॉक्टर गर्भवती महिला को हर हाल में प्रेगनेंसी के दौरान खुश रहने की सलाह देते हैं। अगर गर्भवती महिला किसी भी तरह के तनाव में रहेगी तो इससे हार्ट रेट बढ़ जाता है, बीपी तेज हो जाता है और गर्भ में पल रहे शिशु की ऑक्सीजन सप्लाई पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि पति-पत्नी के झगड़े का क्या असर होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
image source: fertilityfamily
बच्चे का मानसिक विकास बिगड़ सकता है (Mental development of baby)
प्रेगनेंसी में ज्यादा चिल्लाना या गुस्सा करना गर्भस्थ शिशु की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु का मानसिक विकास बाधित हो सकता है। इससे बच्चे के सोचने की शक्ति पर प्रभाव पड़ता है और तनाव के कारण बच्चा जन्म के बाद एंग्जाइटी का शिकार हो सकता है।
इसे भी पढ़ें- गर्भ में बच्चे का तिरछा या आड़ा होने पर कौन सी सावधानियां हैं जरूरी, जानें डॉक्टर से
टॉप स्टोरीज़
गर्भस्थ शिशु की जान को खतरा
झगड़े के दौरान अगर बात शारीरिक लड़ाई तक पहुंच गई तो चोट के कारण गर्भ में पल रहे शिशु को जान का खतरा भी हो सकता है जिसे आपको पूरी तरह से अवॉइड करना है। ब्लीडिंग होने पर मिसकैरेज के लक्षण माने जाते हैं। पति-पत्नी के बीच लड़ाई होना आम बात है पर ये आपके होने वाले बच्चे की सेहत को बिगाड़ सकता है और जब बात सेहत की हो तो मां और बच्चे की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।
बच्चे की इम्यूनिटी घट सकती है (Low immunity)
अगर प्रेगनेंसी के दौरान कपल आपस में झगड़ रहे हैं तो इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर दबाव पड़ सकता है और भविष्य में बच्चा बीमारियों का शिकार हो सकता है। मां का तनाव बढ़ने का बुरा असर बच्चे पर भी पड़ता है।
गर्भस्थ शिशु के शरीर में घट सकता है ऑक्सीजन (Low oxygen supply)
image source: marriage.com
प्रेगनेंसी के दौरान लड़ने से गर्भवती महिला का हार्ट रेट बढ़ सकता है और बीपी हाई हो सकता है जो कि तनाव की स्थिति में होता है। इस कारण से गर्भाशय में ऑक्सीजन कम हो सकती है और बच्चे को खून की सप्लाई नहीं होगी। इससे उसकी जान खतरे में पड़ सकती है। गुस्से के कारण बॉडी में एड्रेनालाईन व एपिनेफ्रिन का लेवल बढ़ता है जिससे तनाव बढ़ जाता है।
इसे भी पढ़ें- महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी से शरीर में दिखते हैं कई लक्षण, जानें इसका इलाज
प्रेगनेंसी के दौरान झगड़े से कैसे बचें कपल्स? (How to avoid fight during pregnancy)
प्रेगनेंसी के दौरान जहां एक तरफ शरीर में आ रहे बदलाव से तालमेल बिठाना होता हे वहीं मानसिक तनाव से जूझना भी एक मुश्किल काम साबित होता है। प्रेगनेंसी में हार्मोन्स में बदलाव होता है और भावनाओं के बदलने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है। कपल्स को कुछ आसान टिप्स अपनाने चाहिए जिनकी मदद से वो प्रेगनेंसी के दौरान मानसिक तनाव से बच सकते हैं-
- होने वाले बच्चे की गतिविधियों को पार्टनर के साथ शेयर करें और उनकी राय जानें और आप साथ में बच्चे के लिए प्लानिंग (baby planning in hindi) कर सकते हैं।
- एक-दूसरे के लिए समय निकालें, अगर आप दोनों वर्किंग है तो भी आपको दिन में कुछ समय साथ में बिताना चाहिए।
- साथ वॉक पर जाएं और मेडिटेशन, योगा व एक्सरसाइज को समय दें ताकि मन शांत रहें और आप झगड़े में न पड़ें।
- डॉक्टर के पास एक साथ जाएं, इससे आप दोनों शारीरिक बदलावों को समझ पाएंगे।
प्रेगनेंसी हर कपल के लिए खास मौका होता है। इस दौरान आप दोनों ही खुशी और उत्साह के साथ बच्चे का स्वागत करने की तैयारी करें और आपसी मन-मुटाव को नजरअंदाज करें।
main image source: cdnparenting