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सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) से जुड़ी इन 5 गलत बातों पर लोग करते हैं यकीन, एक्सपर्ट से जानें सच्चाई

Myths About STIs: सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से जुड़ी कई बाते सामने आती हैं। लेकिन क्या यह सच में सही हैं? 

 

Isha Gupta
Written by: Isha GuptaUpdated at: May 04, 2023 17:55 IST
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) से जुड़ी इन 5 गलत बातों पर लोग करते हैं यकीन, एक्सपर्ट से जानें सच्चाई

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सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन यानि एसटीआई एक प्रकार का इन्फेक्शन है, जो यौन संबंध के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। शरीर की नरम जगहों पर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो सेक्स के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे में फैलते हैं। कुछ कारणों में एसटीआई बाहरी कारणों से भी फैल सकता है, लेकिन इसकी संभावनाएं काफी कम होती हैं। इसके कारण यूरिन पासआउट करते हुए दर्द, वजाइना और एनस में खुजली जैसी परेशानियां हो सकती हैं। अगर समय रहते एसटीआई के लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या बढ़ने का कारण भी बन सकता है। सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से जुड़ी कई बाते सामने आती हैं, लेकिन क्या ये सच में सही हैं? इस बारे में जानने के लिए हमने बात की क्लाउड नाइन हॉस्पिटल (गुड़गांव सेक्टर 14) की वरिष्ठ सलाहकार और एपेक्स क्लीनिक (गुड़गांव सेक्टर 31) की डायरेक्टर डॉ रितु सेठी से, जिन्होनें हमें एसटीआई से जुड़े कुछ खास मिथक के बारे में बताया।

myths related to STI

आइए जानते हैं एसटीआई से जुड़े कुछ खास मिथक की सच्चाई (Myths and Facts about STIs) 

1. अगर किसी को लक्षण नहीं है यानि उसे एसटीआई नहीं है 

कई बार एसटीआई एक साइलेंट इन्फेक्शन की तरह होता है, जिसके लक्षणों का पता नहीं चल पाता है। साइलेंट एसटीआई ज्यादा नुकसानदायक माना गया है। इसके कारण ट्यूब्स ब्लॉक होना, पेट में पानी भरना और बच्चे दानी में इन्फेक्शन होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी नहीं कि एसटीआई के लक्षण हमेशा सामने आएं। बिना टेस्ट के इसके लक्षणों का पता लगाना भी मुश्किल है।

2. टॉइलेट सीट से एसटीआई हो सकता है

सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इंटरकोर्स के दौरान ही फैलता है। लेकिन कई बार टॉइलेट सीट पर मौजूद जीवाणु भी इन्फेक्शन होने का कारण हो सकते हैं। इन्फेक्टिड टॉइलेट सीट इस्तेमाल करने से महिला को यूटीआई होने का खतरा हो सकता है। वहीं टॉइलेट सीट से फंगल इन्फेक्शन जैसे कि केंडिडा इन्फेक्शन होने का खतरा हो सकता है, जो एक प्रकार का सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन भी है। इससे महिला इन्फेक्टिड टॉइलेट सीट इस्तेमाल करने से एसटीआई  की चपेट में आ सकती है।

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3. कंडोम इस्तेमाल करने से एसटीआई से बचा जा सकता है

सेफ सेक्स और हाइजीन के लिए कंडोम इस्तेमाल करना फायदेमंद माना जाता है। कंडोम इस्तेमाल करने से सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के खतरे को कम किया जा सकता है। लेकिन यह पूरी तरह इसका समाधान हो सकता है। कंडोम पूरी तरह से इन्फेक्टेड एरिया को कवर नहीं करता है। इसके साथ ही कंडोम फटने पर इन्फेक्शन होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। 

4. एसटीआई होने के बार दोबारा एसटीआई नहीं होता 

ऐसा जरूरी नहीं कि एसटीआई होने के बाद यह इन्फेक्शन आपको दुबारा प्रभावित नहीं कर सकता। दूबारा होने पर इसके लक्षण कम हो सकते हैं, लेकिन इसके कारण ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आपको एसटीआई  हुआ है, तो इसका पूरी तरह इलाज जरूर लें।

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5. गर्भ निरोधक दवाएं एसटीआई से बचा सकती हैं

एक्सपर्ट के मुताबिक बर्थ कंट्रोल के सभी तरीके एसटीआई से बचने के लिए इस्तेमाल नहीं किये जा सकते हैं। आप कंडोम, फोम, जेलिज जैसे सेफ तरीको को इस्तेमाल करके सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के खतरे को कम कर सकते हैं। 

 
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