सॉना बाथ यानि कि स्टीम बाथ का नाम सुनकर कुछ लोगों को लगता है कि इसे सिर्फ सर्दियों में ही लिया जाता है। जबकि ऐसा नहीं है सॉना बाथ को किसी भी सीजन में लिया जा सकता है। यह त्वचा के रोमछिद्रों को खोलने के साथ ही हमारी बॉडी को डिटॉक्स भी करता है। जिसके चलते विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इस तरह ऑक्सीजन मिलने से त्वचा की मृत कोशिकायें निकल जाती हैं और नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है। आइए जानते हैं सॉना बाथ के लाभ—
वजन होता है कम
इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि भाप लेने से आपकी त्वचा से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं। हालांकि, यह सच है कि इससे आपके छिद्र खुल जाते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग इस बात से अनजान होते हैं कि स्टीम बाथ वजन कम करने में भी कारगार है। जब आप स्टीम भाप लेते हैं तो शरीर की काफी कैलोरी पसीने के रूप में निकल जाती है। इसे लेने के बाद पूरा शीर पसीने की बूंद बूंद से भर जाता है। जिसके चलते व्यक्ति का वजन तेजी से कम होने लगता है।
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दिल के लिए सॉना बाथ
बहुत कम लोगों को सॉना बाथ के फायदों के बारे में जानकारी है। सॉना बाथ से शरीर को एक प्रकार के नवजीवन का एहसास होता है क्योंकि इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है, साथ ही दिन भर के तनाव से मुक्ति भी मिलती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, जल्दी-जल्दी सॉना बाथ लेने से दिल की बीमारी की आशंका और दिल की बीमारी से अचानक होने वाली मौत का खतरा कम होता है। पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि सॉना बाथ बेहतर हीमोडायनेमिक फंक्शन के लिए लाभकारी है। हालांकि दिल की बीमारी और सभी कारणों से होने वाली मौत और सॉना के उपयोग के बीच संबंध पता नहीं था।
सॉना बाथ के अन्य लाभ
फिनलैंड के लोग हमेशा से मानते हैं सॉना के बहुत से स्वास्थ्यवर्धक लाभ हैं। स्टीम बाथ करने से शरीर में रक्त का संचालन अच्छा होता है और तनाव से मुक्ति मिलती है जो दिल को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है। मांसपेशियों को आराम मिलने के कारण यह अर्थराइटिस के रोगी को दर्द से कुछ हद तक राहत दिलाने में भी बहुत मदद करता है। सॉना से शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे रक्त वाहिकायें खुल जाती है। जिसके कारण शरीर से विषाक्त पदार्थ पसीना के रूप में बाहर निकल जाता है। पसीना निकल जाने के कारण यह त्वचा को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।
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कैसे लेते हैं सॉना बाथ
स्टीम बाथ तब तक लें जब तक कि आपको आराम मिले। लेकिन ट्रीटमेंट के तौर पर एक बार में 15 मिनट से अधिक न लें। अगर किसी भी प्रकार की समस्या या दिक्कत हो तो स्टीम बंद कर दें। स्टीम बाथ से पसीना बहुत निकलता है। इसलिए पानी खूब पी लें। स्टीम लेने से पहले एक ग्लास भर कर पानी जरूर पी लें। ट्रीटमेंट के बाद कुछ तरल पदार्थ जरूर लें। नीबू, नमक पानी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। स्टीम रूम में जाने से पहले शॉवर ले लें। बाथ लेने के बाद कमरे के तापमान में पहले सामान्य अवस्था में आएं फिर ठंडे या गर्म पानी से नहाएं। अगर आप दोबारा स्टीम सेशन लेना चाहती हैं तो पहले सामान्य अवस्था में आएं।
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