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रस्टी पाइप सिंड्रोम क्या होता है? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और कारण

Rusty Pipe Syndrome During Breastfeeding: रस्टी पाइप सिंड्रोम ब्रेस्टफीडिंग की एक स्थिति है। इसमें ब्रेस्ट से निकलने वाला दूध भूरा या जंग के रंग का दिखता है। ब्रेस्ट से निकलने वाला दूध किसी गंदगी की तरह दिखता है।
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रस्टी पाइप सिंड्रोम क्या होता है? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और कारण


Rusty Pipe Syndrome During Breastfeeding Causes and complications: जन्म के बाद शिशु का मानसिक और शारीरिक विकास सही तरीके से हो, इसके लिए मां का दूध ही सही है। ब्रेस्ट मिल्क पीने से बच्चा न सिर्फ हेल्दी रहता है, बल्कि उसमें बीमारियों का खतरा भी कम होता है। लेकिन कुछ असामान्य स्थिति में मां अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पाती है। दरअसल कई बार महिलाओं के स्तनों से आने वाले दूध का रंग सफेद की बजाय गुलाबी, नारंगी, भूरा दिखाई देता है। कुछ गंभीर परिस्थितियों में ब्रेस्ट से दूध के साथ खून निकलता है। इस तरह की परेशानी उन महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है, जो पहली बार अपने शिशु को दूध पिला रही होती हैं। ब्रेस्ट मिल्क के साथ निकलने वाला खून कम मात्रा में हो तो इस पर ज्यादा गौर नहीं किया जाता है। लेकिन अधिक मात्रा में यह निकलने लगे तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ब्रेस्ट मिल्क के रंग का बदलना और दूध के साथ खून आना रस्टी पाइप सिंड्रोम हो सकता है। रस्टी पाइप सिंड्रोम क्या है और इसके लक्षण क्या हैं, इसकी जानकारी दे रही हैं गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की गायनोकॉलोजिस्ट आस्था दयाल।

रस्टी पाइप सिंड्रोम क्या है?- Rusty Pipe Syndrome in Hindi

डॉ. दयाल का कहना है कि रस्टी पाइप सिंड्रोम स्तनपान कराने वाली महिलाओं के बीच बहुत ही आम है। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को डिलीवरी के बाद ब्रेस्टफीडिंग के शुरुआती दिनों में इस घटना का अनुभव होता है, लेकिन यह आम तौर पर मां या बच्चे को बिना किसी नुकसान के खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है। लेकिन लंबे समय तक यह समस्या बनी रहती है महिलाओं को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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रस्टी पाइप सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?- Rusty Pipe Syndrome Symptoms in Hindi

  • निप्पल में दरार आना
  • निप्पल में घाव महसूस होना
  • ब्रेस्ट से निकलने वाले दूध का रंग सफेद की बजाय गुलाबी या भूरे रंग का दिखाई देना।
  • ब्रेस्ट या निप्पल का डैमेज होना

डॉक्टर का कहना है कि जन्म के बाद अगर शिशु बार-बार दूध पी रहा है, तो निप्पल से ज्यादा चूसने की वजह से उसमें दरारें पड़ जाती हैं। दरारों की वजह से निप्पल पर घाव हो जाते हैं। इस स्थिति में घाव वाले निप्पल से ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान निप्पल से खून निकलने लगता है। जो बच्चे निप्पल ज्यादा चूसते हैं, उन्हें दर्द और बेचैनी भी महसूस हो सकती है। इस स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं होती है। ये सामान्य स्थिति है।

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रस्टी पाइप सिंड्रोम का क्या कारण है?

डॉक्टर का कहना है कि रस्टी पाइप सिंड्रोम के कई कारण हो सकते हैं। जब नई मां अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाती है, तब मिल्क प्रोडक्शन के लिए ब्रेस्ट फूले हुए महसूस होते हैं। ब्रेस्ट का यह उभार, स्तन के ऊतकों में बढ़े हुए रक्त प्रवाह के साथ मिलकर, छोटी रक्त वाहिकाओं के फटने का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप निप्पल से खून आने और दूध के रंग बदलने की स्थिति देखी जाती है। वहीं, कुछ मामलों में लंबे वक्त तक शिशु को स्तनपान न करवाने की वजह से भी ब्रेस्ट सूज जाती हैं और निप्पल से खून आने लगता है।

रस्टी पाइप सिंड्रोम का इलाज क्या है?

डॉक्टर आस्था दयाल का कहना है कि रस्टी पाइप सिंड्रोम 10 में 8 महिलाओं में वक्त के साथ ठीक हो जाता है। इस सिंड्रोम से प्रभावित महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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शिशु को बार-बार दूध पिलाना

बच्चे को बार-बार दूध पिलाने से ब्रेस्ट में किसी तरह का उभार नहीं आता है। इस स्थिति में ब्रेस्ट में बनने वाले मिल्क का प्रवाह सामान्य होता है। इससे दूध में ठहराव के कारण निप्पल से खून आने की संभावना भी कम हो जाती है।

गर्म पानी का करें इस्तेमाल

स्तनपान से पहले गर्म सेक लगाने या गर्म पानी से नहाने से हैवी ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन से जुड़ी परेशानी कम होती है। साथ ही यह दूध कम निकलने में मदद मिल सकती है।

All Image Credit: Freepik.com

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