बहुत खतरनाक है बच्चों का भोजन को मुंह से निकालना, पेट की मसल्स में हो सकता है इंफेक्शन

अक्सर छोटे बच्चों को इस तरह की प्रतिक्रिया भोजन के साथ देते हुए देखा जाता है। वे पेट के बिना पचे भोजन को फिर से बाहर निकाल देते हैं। 
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बहुत खतरनाक है बच्चों का भोजन को मुंह से निकालना, पेट की मसल्स में हो सकता है इंफेक्शन


अक्सर छोटे बच्चों को इस तरह की प्रतिक्रिया भोजन के साथ देते हुए देखा जाता है। वे पेट के बिना पचे भोजन को फिर से बाहर निकाल देते हैं। लेकिन बीते कुछ सालों में इस समस्या का प्रभाव किशोरों और वयस्कों पर भी देखा जा रहा है। यही नहीं मानसिक रूप से कमजोर बच्चों में भी इसका प्रभाव देखा जा चुका है। इसके अंतर्गत पीड़ित पेट में से बिना पचे भोजन के छोटे से भाग को मुंह में ले आते हैं और फिर या तो उसे फिर से चबाकर खा लेते या फिर उगल देते हैं। यानी पूरा भोजन नहीं बल्कि उसका एक छोटा सा हिस्सा ही पेट से बाहर आता है। ऐसा वे बिना जाने ही कर जाते हैं। यह स्थिति पेट की मसल्स में होने वाली अनैच्छिक सिकुड़न के कारण पैदा होती है। खास बात यह है कि सामान्यतौर पर होने वाली उल्टी की तरह इस समस्या के समय किसी प्रकार की बदबू, सीने की जलन, घबराहट, जी घबराना या पेट दर्द जैसी कोई समस्या नहीं पनपती।

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डिप्रेशन से भी जुड़ सकते हैं तार

इस तकलीफ का प्रभाव हालांकि कई अलग तरह के लोगों के साथ हो सकता है। इसके कारण पेट की अंदरूनी कार्यप्रणाली का प्रबंधन गड़बड़ा सकता है। इसोफेगस यानी भोजन की नली और पेट पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। कब्ज, दस्त, पेट दर्द, दांतों में खराबी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। वहीं कई विशेषज्ञ यह मानते हैं कि इस स्थिति के पीछे डिप्रेशन जैसी परिस्थितियां भी हो सकती हैं। वहीं जिन लोगों में किसी प्रकार के ईटिंग डिसॉर्डर का पारवारिक इतिहास होता है उनमें यह समस्या अन्य परेशानियों से जुड़ी हुई हो सकती है। अधिकांश पीड़ित इस स्थिति को ठीक से समझ नहीं पाते क्योंकि इसके लक्षण कई अन्य पेट की समस्याओं की तरह के होते हैं। और कुछ समय बाद इस स्थिति से अन्य दूसरी समस्याएं जुड़ने लग सकती हैं।

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बढ़ती-घटती परेशानी

इस समस्या से परेशान लोगों में खाने को उगलने की आवृत्ति और तीव्रता अलग-अलग हो सकती है। साथ ही लक्षण और गंभीरता भी भिन्न हो सकती है। भोजन शुरू करने के बाद उसे उगलने की परेशानी निरंतर बनी रहती है जब तक इलाज का असर न हो जाए। कुछ लोगों में यह परेशानी किसी विशेष प्रकार के भोजन से जुड़ी होती है लेकिन ज्यादातर मामलों में यह सभी प्रकार के भोजन से जुड़ती है। चाहे फिर मामला बिस्किट के छोटे से टुकड़े का हो या किसी दावत का। भोजन के साथ किसी प्रकार के पेय से भी यह समस्या उपज सकती है।

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