Mumps Outbreak in Kerala: केरल में मम्प्स जिसे गलसुआ भी कहा जाता है तेजी से फैल रहा है। केरल के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 10 मार्च को मम्प्स वायरल इंफेक्शन (Mumps Cases in Kerala) के 190 मामले दर्ज किए गए हैं। नए मामले सामने आने के बाद राज्य में इस वायरल इंफेक्शन से संक्रमित मरीजों की संख्या 2,505 हो गई है। गौर करने वाली बात यह है कि महज 2 महीने के भीतर केरल में मम्प्स वायरल इंफेक्शन के 11,467 मामले सामने आए हैं। केरल में बढ़ते मम्प्स इंफेक्शन को लेकर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की व्यापकता की निगरानी शुरू कर दी है। मम्प्स (Mumps Disease) क्या है, इसके लक्षण क्या है और इस संक्रमण से बचाव कैसे किया जा सकता है, आइए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है मम्प्स? - What is Mumps
बैंगलोर स्थित मदरहुड हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक कुमार एमके के अनुसार, मम्प्स एक तरह का वायरल इंफेक्शन है। यह इंफेक्शन दोनों गालों के किनारे पर मौजूद सलाइवा बनाने वाले पैरोटिड ग्लैंड को इफेक्ट करता है। इस इंफेक्शन की वजह से गालों में सूजन आती है और चेहरे की बनावट बिगड़ जाती है। कई बार मम्प्स इंफेक्शन में गर्दन में भी तेज दर्द होता है। वैसे तो मम्प्स इंफेक्शन किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन बच्चे इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं।
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मम्प्स के लक्षण क्या हैं?
मम्प्स संक्रमण के लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं। इसके लक्षण 2 से 3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं या बहुत हल्के लक्षण हो सकते हैं।
- निगलने में कठिनाई
- मुंह सूखना
- जोड़ों में दर्द
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- खाने का मन न करना
- थकान महसूस होना
- चेहरे के किनारों पर एक या दोनों ग्रंथियों की सूजन
- लार ग्रंथियों की सूजन होने जैसे लक्षण नजर आते हैं।
कैसे फैलता है मम्प्स संक्रमण?
मम्प्स संक्रमण हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। एक्सपर्ट का कहना है कि मुख्य रूप से मम्प्स संक्रमित व्यक्ति की लार व अन्य रिसाव आदि से स्वस्थ व्यक्तियों में फैलता है। इस स्थिति में किसी भी व्यक्ति का झूठा पानी, जूठा खाना या रुमाल का इस्तेमाल करने से बचें। अगर घर में किसी व्यक्ति में मम्प्स संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो शेयरिंग बेसिस पर तौलिये और बर्तन का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए।
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किसे चपेट में लेता है मम्प्स?
डॉ. आलोक कुमार की मानें तो आमतौर पर यह संक्रमण बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन कई बार व्यस्क और बुजुर्ग भी इससे संक्रमित हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और चेहरे-गले में सूजन जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या मम्प्स संक्रमण की वैक्सीन है?
डॉक्टर का कहना है कि वैसे तो मम्प्स संक्रमण को वैक्सीन से रोका जा सकता है, फिर भी कभी-कभी इसका प्रकोप हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों को मम्प्स संक्रमण से बचाने के लिए इसकी वैक्सीन डॉक्टर की देखभाल में दी जा सकती है।
With Inputs: Dr. Alok Kumar M K, Consultant - Pediatrician and Neonatologist, Motherhood Hospitals , Banashankari, Bangalore