चेहरे का लाल होना हो सकता है रोजेशिया की निशानी, एक्सपर्ट से जानिए कारण और बचाव

स्किन पर लालिमा दिखना रोजेशिया की निशानी हो सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं आखिर क्या है रोजेशिया और इसके कारण।
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चेहरे का लाल होना हो सकता है रोजेशिया की निशानी, एक्सपर्ट से जानिए कारण और बचाव


रोजेशिया (Rosacea), एक स्किन संबंधी परेशानी है। इसमें चेहरे पर काफी लाल-लाल स्किन होने लगती हैं। रोजेशिया की वजह से स्किन पर छोटे-छोटे दाने, लाल और मवाद से भरे दब्बे दिखते हैं। रोजेशिया चेहरे पर कई सप्ताह और महीने तक रहते है। इसके बाद फिर कुछ समय के लिए लालिमा दूर हो जाती है। लोगों को आमतौर पर रोजेशिया नाक, माथे और गले की स्किन के आसपास होता है। नोएडा स्थित स्किनफाइन क्लीनिक के स्किन केयर एक्सपर्ट डॉक्टर अभिनव सिंह बताते हैं कि यह बीमारी किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। लेकिन मध्यम उम्र की महिलाओं को यह समस्या अधिक होगी है। इस बीमारी का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन इलाज के द्वारा इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। अगर समय पर इसका इलाज ना किया गया, तो रोजेशिया स्किन पर स्थाई रूप से नजर आते हैं। 

 

रोजेशिया के प्रकार  (Types of rosacea)

  • एरीथेमैटोटेलांगेस्टाटिक रोजेशिया (rythematotelangiectatic rosacea (ETR)) 
  • पॉपुलोपोस्टलर रोजेशिया (papulopustular or acne rosacea)
  • राइनोफाइमा रोजेशिया (rhinophyma rosacea) 
  • ओकुलर रोजेशिया (ocular rosacea)  

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रोजेशिया के लक्षण (Symptoms of Rosacea) 

रोजेशिया के प्रकार के आधार पर इसके लक्षण भी अलग-अलग तरह के होते हैं। आइए जानते हैं अगल-अगल रोजेशिया के लक्षण-

एरीथेमैटोटेलांगेस्टाटिक रोजेशिया के लक्षण

  • चेहरे में लालिमा आना और गर्माहट महसूस होना
  • रक्त वाहिकाएं टूटी हुई दिखाई देना
  • स्किन सूजी हुई और संवेदनशील दिखना
  • स्किन पर जलन और चुभन होना।
  • खुरदुरी, सूखी और पपड़ीदार स्किन दिखाई देना।।

पॉपुलोपोस्टलर रोजेशिया के लक्षण

  • चेहरे पर अधिक मुंहासे और लालिमा दिखना
  • स्किन काफी ऑयली होना
  • संवेदनशील त्वचा
  • रक्त वाहिकाएं टूटी हुई दिखना
  • स्किन उभरे और धब्बेदार दिखना।

राइनोफाइमा रोजेशिया के लक्षण

  • स्किन की बनावट ऊबड़ खाबड़ (bumpy skin) होना।
  • नाक की स्किन मोटी होना।
  • गाल, माथे, कान और ठोड़ी (chin) की स्किन का अधिक मोटी दिखना
  • स्किन की छिद्र का बड़ा होना (large pores)
  • रक्त वाहिकाएं टूटी हुई दिखाई देना, इत्यादि।

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ओकुलर रोजेशिया के लक्षण

  • आंखें रक्तमय और गीली दिखना
  • आंखों में किरकिरा सा महसूस होना
  • आंखों के आसपास जलन और चुभन महसूस होना
  • आंखों में काफी ज्यादा खुजली होना।
  • देखने की क्षमता में कमी आना 

रोजेशिया का कारण (Rosacea Causes in Hindi)

एक्सपर्ट के अनुसार, रोजेशिया के सटीक कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट इस बीमारी को वंशानुगत और पर्यावरणीय कारणों से रोजेशिया होना बताते हैं। इसके साथ-साथ कुछ अन्य कारण भी हैं-

  • गर्म चाय और कॉफी का अधिक सेवन करना
  • अधिक मसालेदार भोजन का सेवन करना।
  • टमाटर, दाचीनी और चॉकलेट जैसी चीजों के अधिक सेवन से रोजेशिया हो सकता है। दरअसल, इन चीजों में सिनामाल्डिहाइड (cinnamaldehyd) यौगिक होता है, जो रोजेशिया की बीमारी को बढ़ाता है। 
  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) के कारण भी रोजेशिया हो सकता है। यह बैक्टीरिया आंतों में मौजूद होता है।
  • हल्की त्वचा (Light skin color) और सुनहरे बालों वाले लोगों को भी रोजेशिया होने की संभावना अधिक होती है। 
  • 30 से 50 के बीच उम्र होना
  • धुएं के अधिक संपर्क में रहने वाले लोगों को भी रोजेशिया हो सकता है।
  • अधिक एक्सरसाइज करने से भी आप रोजेशिया के शिकार हो सकते हैं। 
  • अधिक गर्म पानी से नहाने से भी रोजेशिया होने की संभावना बढ़ सकती है।

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रोजेशिया का इलाज ( Rosacea Treatment in Hindi)

एक्सपर्ट के अनुसार, रोजेशिया (चेहरे के लाल होने की बीमारी) का अभी तक कोई रामबाण इलाज नहीं मिल सका है। लेकिन कुछ इलाज के माध्यम से इस बीमारी को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। रोजेशिया (Rosacea) हर एक व्यक्ति को अलग-अलग रूप से प्रभावित करता है। रोजेशिया को कंट्रोल करने में काफी ज्यादा समय लगता है। इस बीमारी को कंट्रोल करने का तरीका यह है कि इसके कारणों को जानकर उन चीजों से परहेज बना लेना। परहेज करना ही इस बीमारी का सबसे अच्छा इलाज माना जाता है। हालांकि, डॉक्टर्स रोजेशिया को कंट्रोल करने के लिए कुछ ट्रीटमेंट भी देते हैं।

कुछ गंभीर मामलों में रोजेशिया को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर लेजर (lasers) और लाइट ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं। 

स्किन की मोटाई को कम करने के लिए डॉक्टर माइक्रोडर्माब्रेशन (microdermabrasion) ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं, इस ट्रीटमेंट के जरिए स्किन को पतला करने की कोशिश की जाती है। 

नेत्र सम्बन्धी समस्याएं बढ़ने पर डॉक्टर आंखों के लिए कुछ दवाएं और एंटीबायोटिक लेने के लिए कहते हैं। ओकुलर रोजेशिया (ocular rosacea) का इलाज इसी के जरिए किया जाता है।  

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