समय से पहले प्यूबर्टी यानी असामयिक यौवन भी बच्चों में एक समस्या है। इसे प्रीकोशियस प्यूबर्टी यानी समय से पहले आने वाली प्यूबर्टी के नाम से भी जाना जाता है। लड़कियों की बात करें तो ब्रेस्ट में चेंजेस आना, प्युबिक एरिया और अंडर ऑर्म में बाल आना और प्रमुख लक्षण है पीरियड्स की शुरूआत वहीं लड़कों की बात करें तो प्यूबर्टी के लक्षणों में टेस्टिस का बढ़ना, अंडर ऑर्म और प्यूबिक एरिया में बाल आना, आवाज का भारी होना आदि पर क्या हो अगर ये लक्षण समय से पहले नजर आने लगें। 8 से 11 साल के बीच नजर आने वाले ये लक्षण जब 6 या 7 साल की उम्र में नजर आने लगें तो उसे अर्ली प्यूबर्टी कहा जाता है। इस समस्या के कई रिस्क हैं, इस लेख में हम अर्ली प्यूबर्टी के नुकसान और बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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1. कद न बढ़ना (Delayed growth in kids)
बच्चे में प्यूबर्टी के अर्ली लक्षण के कारण हाइट जल्दी न बढ़ने की समस्या हो सकती है। बच्चों में हाइट बढ़ना रुक जाना विटामिन की कमी को भी दर्शाता है पर आपको लग रहा है कि बच्चे की उम्र के मुताबिक उसका कद नहीं बढ़ रहा है तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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2. ईटिंग डिसऑर्डर (Eating disorder in kids)
जो बच्चे अर्ली प्यूबर्टी के लक्षणों का शिकार होते हैं उनमें ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है। ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण में कई बच्चों को बुलिमिया यानी ज्यादा खा लेने का स्ट्रेस भी सताता है जिसके कारण वो खाना छोड़ देते हैं या बिंज ईटिंग का शिकार हो जाते हैं।
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3. वजन बढ़ना (Weight gain in kids)
अर्ली प्यूबर्टी के कारण बच्चे का वजन भी बढ़ सकता है। वजन बढ़ने का कारण मेंटल टेंशन भी हो सकती है। वजन कंट्रोल करने के लिए आपको बच्चे को हेल्दी डाइट देनी है और उसकी डाइट में फाइबर इंटेक को बढ़ाना है।
4. बच्चों को हो सकती हैं मानसिक समस्याएं (Mental problems in kids)
अर्ली प्यूबर्टी के कारण बच्चे को मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्या लड़कों से ज्यादा लड़कियों में देखने को मिलती हैं। अगर बच्चे में अर्ली प्यूबर्टी के लक्षण हैं तो बच्चे को स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्जाइटी आदि समस्याएं हो सकती हैं।
5. पीयर प्रेशर (Peer pressure in kids)
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हमउम्र लोगों को देखकर महसूस होने वाले प्रेशर को पीयर प्रेशर महसूस हो सकता है। पीयर प्रेशर भी एक समस्या है जो अर्ली प्यूबर्टी के कारण बच्चे को परेशान कर सकती है। आपको इसके बारे में बच्चे से बात करनी चाहिए। अगर उसे साइकोलॉजिस्ट की जरूरत है तो आप बच्चे को थैरेपी सेशन दिलवा सकते हैं पर उससे ज्यादा जरूरी है कि आप बच्चे के साथ फ्रैंक रहें ताकि वो अपनी बात अपसे शेयर कर सके।
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अर्ली प्यूबर्टी की समस्या से बच्चे को कैसे बचाएं? (How to prevent early puberty in kids)
आपको बच्चे को प्यूबर्टी की समस्या से बचाना चाहते हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें-
- बच्चे के लिए किसी भी उम्र में एक्सरसाइज बहुत जरूरी है, आप बच्चे को प्रेरित करें कि वो रोजाना एक्सरसाइज करे, बच्चे के लिए जरूरी है कि आप उसे आउटडोर एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें।
- डॉक्टर्स ऐसा मानते हैं कि बच्चे को हेल्दी डाइट जैसे जरूरी विटामिन, मिनरल और फाइबर रिच डाइट देकर आप अर्ली प्यूबर्टी की समस्या से बचा सकते हैं। आप बच्चे की डाइट में ताजी फल और सब्जियों को एड करें।
- बच्चे को जंक फूड से दूर रखें, जंक फूड के कारण भी बच्चे में मेंटल टेंशल, वजन बढ़ने के लक्षण, ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण सामने आ सकते हैं इसलिए आप बच्चे को जंक फूड से दूर रखें।
- कई बार इमोशनल स्ट्रेस और प्यूबर्टी की स्टेज से बच्चे को परेशानी हो सकती है जिससे बचने के लिए आप बच्चे को साइकोलॉजिस्ट के पास लेकर जाएं और ओरल थैरेपी दिलवाएं।
- अर्ली प्यूबर्टी की समस्या से बचने के लिए बच्चे का इमोशनली, मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग होना जरूरी है।
पैरेंट्स के लिए जरूरी है कि आपको बच्चे से बात करना चाहिए, अगर उसे ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो आपको बच्चे को चिकित्सा परामर्श दिलाना चाहिए।
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