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ये हैं पैन्क्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले 9 प्रमुख कारण, एक्सपर्ट से जानें इस कैंसर का इलाज

पैन्क्रियाटिक कैंसर अग्नाशय में होने वाला एक गंभीर कैंसर हैं, जानें इसके जोखिम कारक और इलाज के बारे में।
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ये हैं पैन्क्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले 9 प्रमुख कारण, एक्सपर्ट से जानें इस कैंसर का इलाज

अग्नाशय पेट में मौजूद एक महत्वपूर्ण अंग है जो भोजन के पाचन और डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए बहुत जरूरी होता है। अग्नाशय से जुडी समस्याओं की जानकारी के लिए पेट का सीटी स्कैन या एमआरआई जांच किया जाता है। अग्नाशय या  पैंक्रियाज पेट में अंदर की ओर होता है और अलग-अलग एंडाइमों को रिलीज करता है। पर कई बार पैंक्रियाज सही से काम नहीं करता है, जिसकी वजह से खाने पचाने के प्रोसेस में परेशानी होती है। पैंक्रियाज के फंक्शन की ये गड़बड़ी पैन्क्रियाटाइटिस के कारण हो सकती है। अग्नाशय या  पैंक्रियाज में होने वाले कैंसर को बहुत गंभीर माना जाता है और यह एक घातक कैंसर होता है। कई बार इस कैंसर के बारे में लोगों को लंबे समय तक पता नहीं चल पाता है जिसकी वजह से लोगों में यह समस्या गंभीर अवस्था में पहुंच जाती है। डॉ आर के चौधरी, सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मेट्रो हॉस्पिटल के अनुसार, इस बीमारी के परिणामों में सुधार करने के लिए, हमें अग्नाशय के कैंसर के कुछ संकेतों को पहचानना चाहिए। इस तरह के कैंसर के विकास में कई तरह के जोखिम कारकों की भूमिका होती है। आइये जानते हैं पैन्क्रियाटिक कैंसर के प्रमुख जोखिम कारकों के बारे में।

पैन्क्रियाटिक कैंसर के प्रमुख जोखिम कारक (Risk Factors For Pancreatic Cancer)

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पैन्क्रियाटिक कैंसर या अग्नाशय के कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कई कारक हो सकते हैं। कई लोगों में यह समस्या जीवनशैली और खानपान की वजह से भी हो सकती है। अधिकांश अग्नाशय के कैंसर (लगभग 90%) को छिटपुट माना जाता है। आनुवांशिक कारणों से कैंसर का खतरा होता है और यह कैंसर भी हो सकता है। इसके अलावा कई स्थितियां इसके लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।

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1. तंबाकू का अधिक सेवन

तंबाकू के सेवन से सभी लोगों को कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा तो होता ही है। तंबाकू का सेवन पैन्क्रियाटिक कैंसर के सबसे प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। स्मोकिंग न करने वाले लोगों की तुलना में स्मोकिंग करने वाले लोगों में इस तरह के कैंसर का खतरा दोगुना अधिक हो जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 25 प्रतिशत पैन्क्रियाटिक कैंसर तंबाकू के सेवन की वजह से होते हैं। स्मोकिंग बंद करने से आप इस खतरे से बच सकते हैं।

2. अधिक वजन

ओवरवेट होने से भी शरीर में कई तरह की बीमारियां पनप सकती हैं। वजन बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर अग्नाशय कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स 30 से ज्यादा होता है उनमें इस कैंसर का खतरा 20 गुना अधिक होता है। कमर के आसपास बढ़ी अतिरिक्त चर्बी भी इस कैंसर का कारण बन सकती है।

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3. डायबिटीज की समस्या

डायबिटीज के मरीजों में पैन्क्रियाटिक कैंसर की समस्या ज्यादातर होती है। अग्नाशय या पैंक्रियाटिक कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को होता है। इसके पीछे का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है लेकिन प्रमुख रूप से इसके लिए मोटापा और खानपान को जिम्मेदार माना जाता है।

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4. कुछ केमिकल्स के संपर्क में आने से

जो लोग ड्राई क्लीन और धातुओं से काम करने वाले उद्योग फैक्ट्री में काम करते हैं उनमें वहां इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ विशेष केमिकल की वजह से अग्नाशय के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

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5. बढ़ती उम्र

बढ़ती उम्र को भी अग्नाशय में होने वाले कैंसर का प्रमुख कारण माना गया है। ऐसा इसलिए है कि अग्नाशय में होने वाला कैंसर ज्यादातर 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों में ही पाया जाता है और 60 से 65 साल की बीच के उम्र वाले लोगों में इसके सबसे ज्यादा मरीज हैं।

6. कैंसर का पारिवारिक इतिहास

कैंसर का पारिवारिक इतिहास होने की स्थिति में अग्नाशयी कैंसर के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है।  हालांकि पारिवारिक इतिहास सिर्फ एक जोखिम कारक है, कई ऐसे लोग भी हैं जिनमें बिना किसी आनुवांशिक या पारिवारिक इतिहास के अग्नाशय का कैंसर होता है।

पैन्क्रियाटिक कैंसर का इलाज (Pancreatic Cancer Treatment)

पैन्क्रियाटिक कैंसर के लक्षण दिखने पर चिकित्सक सबसे पहले मरीज की जांच करते हैं। कुछ मरीजों में इसकी जांच एडवांस स्तर पर भी हो सकती है। इसके बाद मरीजों की स्थिति के आधार पर उनका विशेषज्ञ डॉक्टर की देखरेख में इलाज किया जाता है। ज्यादातर मामलों में इसका इलाज सर्जरी या कीमोथेरेपी की सहायता से किया जाता है। डॉक्टर मरीजों के पैंक्रियाज, स्मॉल इंटेस्टाइन और गॉलब्लैडर के छोटे हिस्से को काटकर निकाल देते हैं। कुछ लोगों में डिसटल पैंक्रियाटेक्टमी को भी काटकर निकाल दिया जाता है। इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप एक्सपर्ट डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

(all image source - freepik.com)

 

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