
वायु प्रदूषण सेहत के लिए कई तरीकों से हानिकारक होता है। इसस न केवल फेफड़े बल्कि, हार्ट और किडनी समेत शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है। हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक वायु प्रदूषण से वैश्विक स्तर पर जल्दी मरने के साथ ही साथ विकलांगता का खतरा भी बढ़ रहा है। बुधवार को जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित हुए शोध की मानें तो साल 1990 से 2019 तक 204 देशों डेटा निकाला गया, जिसके बाद यह वायु प्रदूषण से मरने के आंकडों का अंदाजा लगाया गया है।
2019 में 3.5 मिलियन लोगों की मौत
शोधकर्ताओं के मुताबिक वायु प्रदूषण लोगों की सेहत पर लंबे समय से असर डाल रहा है। साल 1990 में प्रदूषण से मरने वाले लोगों की संख्या 2.5 मिलियन थी, जबकि साल 2019 तक आते-आते यह 3.5 तक पहुंच गई थी। यही नहीं इसके बाद भी मरने वालों का आंकड़ा 31 फीसदी तक बढ़ा है। पीएम2.5 और एनओ2 के संपर्क में आने से लोगों में फेफड़ों के अलावा कैंसर होना का खतरा भी बढ़ जाता है।
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वायु प्रदूषण से होने वाले अन्य नुकसान
वायु प्रदूषण केवल हार्ट और किडनी पर असर नहीं डालता बल्कि, अस्थमा, सांस से जुड़ी अन्य समस्याएं और पल्मोनरी डिजीज भी हो सकती है। ब्रॉन्काइटिस, स्ट्रोक और कैंसर का भी खतरा रहता है। वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से लंग कैंसर होने की भी आशंका बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति होने पर सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और नाक बंद होने की भी समस्या होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक वायु प्रदूषण से नेफ्रोपैथी नामक बीमारी भी हो सकती है। इस बीमारी के होने से किडनी पर काफी असर पड़ता है। यही नहीं प्रदूषण आपको मानसिक रूप से भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में मस्तिष्क में मौजूद कण पर भी असर पड़ सकता है।
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