अगर आप अपने बच्चों को जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ बनाने के लिए कड़े अनुशासन में रखते हैं तो शायद आप उन्हें तनावग्रस्त बनाने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में हुए शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि जो बच्चे ज्यादा कड़े अनुशासन में रहते हैं वे ज्यादा तनावग्रस्त होते हैं। वहीं जिन युवाओं को उनके बचपन में माता-पिता ने ध्यान देकर पोलन-पोषण किया होता है वे कम तनावग्रस्त होते हैं।
ये शोध जापान के कोबे विश्वविद्यालय की एक टीम ने की है। जापान में बच्चों के पालन-पोषण के तरीकों का पता लगाने से जुड़े इस अध्ययन के लिए अध्ययन दल ने एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। इस शोध में युवाओं के समुह पर शोध किया गया। पहले समूह में उन युवाओं को रखा गया जिनको बचपन में उनके माता-पिता ने उचित देखभाल करके पालन-पोषण किया था। वहीं दूसरे समूह में उन युवाओं को रखा गया जिनका बचपन कड़े अनुशासन में बीता था।
शोध में निष्कर्ष निकला की सकरात्मक माहैल में पले-बढ़े युवा कम तनावग्रस्त थे और किसी भी फैसले को लेने में ज्यादा झिझकते नहीं थे। साथ ही इनकी भी आय और खुशहाली का स्तर भी अधिक रहा और युवा होने पर नैतिकता का बोध भी उनके अंदर बहुत अधिक रहा।
वहीं दूसरे समूह के युवा, जिनका बचपन कड़े अनुशासन में गुजरा था वे भी ऊंची आमदनी व अकादमिक उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे। लेकनि वे इसके साथ तनावग्रस्त भी अधिक रहते हैं औऱ काम के बोझ को ज्यादा झेल नहीं पाते।
जापान के कोबे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निशिमुरा काझूओ ने कहा, “हालांकि ऐसे लोगों में पाया गया कि वे युवा होने पर उतने खुश नहीं रहते, साथ ही उनमें तनाव का स्तर अधिक रहता है जिससे विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं।” शोध के निष्कर्ष में मिले इन आंकड़ों का इस्तेमाल कर चार प्रमुख कारक, रुचि, भरोसा, नियम और स्वतंत्रता, की पहचान की गई। इस शोध में पालन-पोषण की छह श्रेणियां, सहयोगात्मक, सख्त, नम्र, आराम तलब, निष्ठुर और औसत, रखी गई थीं। ये शोध परिणाम जापान की नीति विचार मंच रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनोमी, ट्रेड एंड इंडस्ट्री (आरआईईटीआई) में पेश किया जाएगा।
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