फेफड़े श्वसन तंत्र का एक अहम अंग हाेता है। हमेशा स्वस्थ रहने के लिए फेफड़ाें का हेल्दी हाेना बेहद जरूरी हाेता है। आजकल फेफड़ाें के राेग बढ़ते जा रहे हैं। इसमें अस्थमा, सीओपीडी के साथ ही फेफड़ाें का कैंसर भी शामिल है। फेफड़ाें का कैंसर एक सामान्य कैंसर है। दुनियाभर में कराेड़ाें लाेग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। फेफड़ाें के कैंसर से हजाराें लाेग अपनी जान भी गंवाते हैं। इतना ही नहीं काेलन कैंसर, प्राेस्टेट कैंसर और स्तन कैंसर से अधिक मौते फेफड़ाें के कैंसर के कारण हाेती हैं।
धूम्रपान काे फेफड़ाें के कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है। लेकिन कई बार कुछ अन्य कारण भी इसका कारण बनते हैं। यहा तक की डायबिटीज भी फेफड़ाें में कैंसर का कारण बन सकता है। मधुमेह राेगियाें में फेफड़ाें के कैंसर की संभावना अधिक हाेती है। लेकिन इसके पीछे क्या कारण हाे सकता है? इस बारे में जानने के लिए हमने नानावती मैक्स इंस्टिट्यूट ऑफ कैंसर सेंटर के डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्काेलॉजिस्ट डॉक्टर मुजम्मिल शेख से बातचीत की-
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डायबिटीज और फेफड़ाें में कैंसर का संबंध (Relation Between Diabetes and Lung Cancer)
डॉक्टर मुजम्मिल शेख बताते हैं कि धूम्रपान करने वाले लाेगाें के साथ ही डायबिटीज राेगियाें में भी लंग कैंसर हाेने का खतरा अधिक रहता है। टाइप-2 डायबिटीज राेगियाें में खासकर लंग कैंसर का जाेखिम बेहद अधिक हाेता है। दरअसल, डायबिटीज के मरीजाें में फेफड़ाें की बीमारी का खतरा अधिक रहता है, जिससे उनकी सांस फूलने लगती है। फेफड़ाें की बीमारी बढ़ने पर कैंसर का खतरा अधिक हाे जाता है। ऐसे में अगर आप डायबिटीज राेगी हैं, ताे सिगरेट का सेवन बिल्कुल न करें। साथ ही अपने ब्लड शुगर लेवल काे भी कंट्राेल में रखें।
क्याें हाेता है फेफड़ाें का कैंसर (Lung Cancer)
फेफड़ाें के कैंसर काे लंग कैंसर भी कहा जाता है। फेफड़ाें का कैंसर क्या है? कैंसर एक गंभीर बीमारी है। वैसे ताे एक उम्र के बाद शरीर की काेशिकाएं खुद ही नष्ट हाेने लगती है। लेकिन कैंसर की स्थिति में ये काेशिकाएं बढ़ती जाती हैं और नष्ट हाेने की क्षमता खाे देती हैं। शरीर के जिस भी अंग की काेशिकाओं के साथ ऐसा हाेता है, उनमें कैंसर बनने लगता है। जब फेफड़ाें की काेशिकाएं लगातार बढ़ती जाती है, ताे इस स्थिति काे लंग कैंसर कहा जाता है।
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फेफड़ाें में कैंसर के लक्षण (Lung Cancer Symptoms)
फेफड़ाें में कैंसर हाेने के लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं। जैसे-जैसे फेफड़ाें में कैंसर बढ़ता है, वैस-वैसे इसके लक्षणाें में वृद्धि हाेती जाती है। एक स्टेज पर पहुंचने के बाद ही इसके लक्षणाें का पता चल पाता है। यह एक गंभीर स्थिति हाे सकती है।
- लगातार खांसी हाेना
- दवाई लेने के बाद भी खांसी ठीक न हाेना
- खांसी के साथ खून आना
- बलगम में खून आना
- सांस में तकलीफ हाेना
- छाती में दर्द
- गला बैठना
- सिरदर्द
- लगातार वजन कम हाेना
- हड्डियाें में दर्द हाेना
- फेफड़ाें में बलगम जमा हाेना
फेफड़ाें में कैंसर के कारण (Causes of Lung Cancer)
- जेनेटिक यानी अनुवांशिक
- धूम्रपान (जाे लाेग धूम्रपान करते हैं, उन्हें फेफड़ाें में कैंसर हाेने का खतरा अधिक रहता है। अधिकतर उन्हीं लाेगाें काे कैंसर हाेता है, जाे सिगरेट का सेवन करते हैं।)
- बीड़ी, सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना (धूम्रपान के धुएं के संपर्क में आने वाले लाेगाें काे भी फेफड़ाें में कैंसर का खतरा बना रहता है।)
- इन कारणाें के अलावा भी कई ऐसे कारण हैं, जाे फेफड़ाें में कैंसर का कारण बनते हैं। लेकिन धूम्रपान के अलावा फेफड़ाें में कैंसर के अन्य कारणाें का पता लगाना मुश्किल हाेता है।
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फेफड़ाें के कैंसर से बचाव (Lung Cancer Prevention Tips)
फेफड़ाें के कैंसर या लंग कैंसर से बचाव के लिए आपकाे अपने फेफड़ाें काे मजबूत और स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए आपकाे अपनी डाइट और एक्सरसाइज पर खास ध्यान देने की जरूरत हाेती है। लंग कैंसर से बचाव के लिए टिप्स-
- रेगुलर एक्सरसाइज करें। याेगा और प्राणायाम काे अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें।
- धूम्रपान, सिगरेट की आदत काे छाेड़ दें।
- प्रदूषण भी फेफड़ाें क कमजाेरी का एक कारण हाे सकता है। इसलिए घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनें
- फेफड़ाें काे मजबूत बनाने के लिए अच्छी डाइट लें। डाइट में फलाें और सब्जियाें काे शामिल करें।
- जंक फूड, फास्ट फूड से परहेज करें।
अच्छी आदताें से आप सिर्फ फेफड़ाें के कैंसर से नहीं बल्कि सभी तरह की बीमारियाें से बच सकते हैं।
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