
स्वस्थ रहने के लिए त्रिफला चूर्ण महत्वपूर्ण है। त्रिफला सिर्फ कब्ज दूर करने ही नहीं बल्कि कमजोर शरीर को एनर्जी देने में भी प्रयोग हो सकता है!
त्रिफला (Triphala) एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लामेट्री और एंटी बैक्टीरियल प्रभावों से युक्त एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है। त्रिफला में विभिन्न प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जैसे- मुख स्वास्थ्य और पाचन तंत्र को बेहतर बनाना और त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए जाना जाता है।
त्रिफला तीन फलों का एक मिश्रण है, जिसका प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं के तौर पर किया जाता है। इसमें तीन भारतीय देसी फलों को मिलाकर तैयार किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं:
- अमालकी (आंवला- Emblica officinalis)
- बिभितकी (बहेड़ा- Terminalia bellirica)
- हरितकी (हरड़- Terminalia chebula)

आयुर्वेदिक चिकित्सा में, शरीर में तीन प्रकार की ऊर्जा या दोष के बारे में बताया गया है। वात, पित्त और कफ। चिकित्सकों का मानना है कि इन तीन दोषों को संतुलित करने से व्यक्ति खुद को स्वस्थ रख सकता है। कुछ का मानना है कि त्रिफला में मौजूद तत्व तीनों दोषों का समर्थन करते हैं। कई वैज्ञानिक जांचों के परिणाम बताते हैं कि त्रिफला के औषधीय लाभ इसके एंटीऑक्सिडेंट गुणों और कुछ दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता से आते हैं।
त्रिफला का सेवन करने के फायदे (Health Benefits Of Triphala In Hindi)
- त्रिफला के नियमित सेवन से मसूड़े की सूजन, प्लाक या दांतों की मैल और फंगल इंफेक्शन की समस्या देर होती है।
- डायबिटीज एक गंभीर जीर्ण स्थिति है, जिसका इलाज नहीं है, लेकिन ब्लड शुगर को नियंत्रित कर इसे रोका जा सकता है। कई शोधों में त्रिफला को ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने वाला बताया गया है।
- त्रिफला और इसका चूर्ण वात, पित्त व कफ दोषों को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे आप कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
- बालों के खराब होने और समय से पूर्व सफेद होने से भी त्रिफला के सेवन से बचा जा सकता है। इसके अलावा, यह त्वचा की समस्याओं का भी समाधान करता है। चेहरे की झुर्रियां, दाग, धब्बे और मुंहासे को दूर करने में त्रिफला मददगार है।
- कुछ सीमित शोध बताते हैं कि त्रिफला पेट के अल्सर को ठीक करने में मदद कर सकता है। जानवरों में एक अध्ययन में पाया गया कि त्रिफला ने इन अल्सर की गंभीरता को कम कर दिया और पेट में स्वस्थ एंजाइमों को बहाल करने में मदद की।
- कुछ साक्ष्य यह बताते हैं कि, त्रिफला अपशिष्ट पदार्थों को सुचारू रूप से बाहर कर आंतों की स्थिति में सुधार करने में मदद करता है। जैसे, यह कब्ज के इलाज में मदद कर सकता है।
- कई शोध में यह साबित हुआ है कि, त्रिफला तनाव और अवसाद को दूर करने में भी मददगार हैं।

त्रिफला का सेवन कैसे करें?
- हमेशा मौसम के हिसाब से त्रिफला का सेवन करना चाहिए। यानी मौसम को ध्यान में रखकर त्रिफला के साथ गुड़, सेंधा नमक, सोंठ का चूर्ण, पीपल छोटी का चूर्ण, शहद इत्यादि मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
- सुबह के समय खाली पेट ताजे पानी के साथ त्रिफला का सेवन करें और इसके बाद एक घंटे तक पानी के अलावा कुछ ना लें। इसके अलावा आप त्रिफला को पानी में भिगो दें और इसे आग पर रखकर उबालें, थोड़ी देर बाद पानी को छानकर ठंडा कर लें और इसे पीएं। इस पानी की मात्रा एक कप से अधिक न हो।
- रात में आप सोने से पहले भी एक चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
- त्रिफला का सेवन करने से पहले या तो आप किसी अनुभवी वैद्य से संपर्क करें जिससे साथ त्रिफला का सही-सही लाभ उठा सकें।
त्रिफला का सही रूप से नियमित सेवन करने से कुछ समय बाद ही आप अपने आपको एकदम चुस्त, निरोगी महसूस करेगे। साथ ही आप पाएंगे कि आपकी याददाश्त पहले से कहीं अधिक तेज हो गई है और आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई है।
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