
त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है। जिसमें अमलकी, बिभीतक (बहेडा) और हरितकी (हरड़ Terminalia chebula) के बीज निकाल कर बराबर मात्रा में लिया जाता है। ये न सिर्फ बालों के लिये बल्कि पूर्ण स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है।
त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है। त्रिफला औषधि का त्रिफला चूर्ण के रूप में भी उपयोग किया जाता है। त्रिफला अन्य कई लाभकारी औषधियों की तरह ही फायदेमंद आयुर्वेदिक नुस्खा हैं। यह भूख बढ़ाने, लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने व शरीर में वसा की अवांछनीय मात्रा को हटाने आदि में बाहद लाभदायक होता है। साथ ही यह बैलों के झड़ने को रोकता है और त्वचा के रंग व टोन में सुधार लाता है। तो चलिये आज जानते हैं कि बालों को झड़ने से बचाने व उन्हें सुंदर बनाने में त्रिफला कैसे मदद करता है।
क्या है त्रिफला
त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फॉर्मुला है, जिसमें अमलकी (Emblica officinalis), बिभीतक (बहेडा Terminalia bellirica) और हरितकी (हरड़ Terminalia chebula) के बीज निकाल कर बराबर मात्रा में लिया जाता है। त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ "तीन फल" होता है।
क्यों झड़ते हैं बाल
बाल गिरने या झड़ने के कई कारण हो सकते हैं। इसलिए इनको रोकने के लिए सबसे पहले इन कारण को ढूंढ़कर उनके हिसाब से उपचार किया जाना चाहिए। आजकल बाल गिरने के चार मुख्य कारण जैसे, डैंड्रफ का होना, रसायन युक्त शैम्पू का इस्तेमाल, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी तथा पेट की बीमारियां आदि देखे जा रहे हैं। हलांकि इस सभी से निपटा जा सकता है।
त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि
त्रिफला चूर्ण बनाने के लिये आपको ठीक प्रकार से सूखी हुयी बड़ी हरड़, बहेड़ा और आंवला चाहिये होते हैं। तीनों ही फल स्वच्छ व बिना कीड़े लगे होने चाहिये। चूर्ण बनाने के लिये इनकी गुठली निकाल दें और फिर बचे हुये भाग का अलग-अलग चूर्ण बना लें। बारीक छने हुये तीनों प्रकार के चूर्णों को 1 : 2 : 4 के अनुपात में मिलायें। त्रिफला चूर्ण तैयाय हो जाएगा।
बालों को गिरने से रोकने के लिए त्रिफला
बालों को गिरने से रोकने के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन कभी मददगार होता है। इसके लिये एक ग्राम आंवले के चूर्ण में एक रत्ती रजत या चांदी भस्म मिलाकर दिन में एक बार पानी के साथ सेवन करने से बाल गिलना रुकते हैं और घने भी होते हैं। चांदी का वर्क लगे हुए आंवले के मुरब्बे का सेवन भी बाल झडने की समस्या को रोकने में फायदेमंद साबित होता है।
लगाने की विधी
आयुर्वेद में बालों के लिए सबसे फायदेमंद रीठा, शिकाकाई और त्रिफला होते हैं। इन सबके बीज निकालकर मिश्रित पाउडर बना लें। यदि आपके बाल लम्बे हैं तो दो कप पानी में चार चम्मच पाउडर मिलाकर रात को भिगोकर रख दें। सुबह इसे ठीक प्रकार से सर में लगा लें और आधे घंटे बाद पानी से धो लें। इस तरह सप्ताह में तीन दिन इसका प्रयोग करें। यह बालों को गिरने से रोकने में सहायक होता है और रूसी को भी खत्म करता है।
खाने की विधि
किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति त्रिफला का सेवन कर सकता है। लेकिन इसके लिये पहले बेड टी की आदत को छोड़ना होगा। पूर्ण लाभ के लिये सुबह उठने के तुरंत बाद कुल्ला करके ताजे पानी के साथ त्रिफला का सेवन करना होता है। इसके बाद कम से कम एक घंटे तक किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। हां पानी पिया जा सकता है। इसकी मात्रा का निर्धारण उम्र के हिसाब से किया जाता है। जितनी उम्र है उतने रत्ती त्रिफला का दिन में एक बार सेवन करना होता है।
बरहाल तो त्रिफला बिल्कुल सुरक्षित और असरदार आयुर्वेदिक दवा है लेकिन बिना किसी चिकित्सकीय परामर्श लेते रहने से कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं। दरअसल, पुराने जमाने में लोगों को एक साथ कई रोग नहीं होते थे, लेकिन आज के समय में एक साथ कई रोग हो जाते हैं। ऐसे में अगर वह बिना डॉक्टर की सलाह के त्रिफला या ऐसी अन्य दवाएं लेता है तो हो सकता है कि उसे दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़े। हालांकि इसे बालों पर लगाने में कोई समस्या नहीं।
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