बदलते मौसम में और सर्दी के कारण बच्चों के छाटी में कफ जमने की समस्या तेजी से बढ़ जाती है। सीने में कंजेशन के कारण बच्चों को सही तरह से सांस लेने और बोलने में परेशानी हो सकती है। छाती में कफ जमने की समस्या बड़े-बड़ों को भी परेशान कर देती है। छोटे बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों के मुकाबले काफी कमजोर होती है, जिस कारण उन्हें सर्दी, खांसी और कफ की समस्या जल्दी हो जाती है। कई बार पेरेंट्स भी बच्चों की तकलीफ से परेशान हो जाते हैं, लेकिन वे उन्हें एंटी-बायोटिक दवाइयां देने से बचना चाहते हैं। ऐसे में अगर आपके बच्चे के सीने में भी कफ जमने की समस्या है तो आप नेचुरोपैथी स्पेशलिस्ट डॉ. निताशा गुप्ता के बताए इस कच्ची हल्दी के काढ़े का पिला सकते हैं।
कफ से राहत के लिए काढ़ा पीने के क्या फायदे हैं?
1. कफ को खत्म करता है
कच्ची हल्दी के सूजनरोधी और म्यूकोलाईटिक गुण बच्चों की छाती में जमे कफ को ढीला करके बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे सांस लेने का रास्ता साफ हो जाता है।
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2. इम्यूनिटी बढ़ाता है
कच्ची हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो इंफेक्शन से लड़ने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करता है, जिससे बार-बार सर्दी-जुकाम, खांसी और कफ जैसी बीमारियों का जोखिम कम होता है।
3. इंफेक्शन कम करें
कच्ची हल्दी का सेवन सांस से जुड़ी समस्याओं को कम करने में फायदेमंद होता है। बच्चों की डाइट में कच्ची हल्दी शामिल करने से बैक्टीरिया, वायरल या फंगस को खत्म करने में मदद मिलती है।
4. रेस्पिरेटरी सिस्टम को आराम दे
कच्ची हल्दी औऱ गुड़ का ये मिश्रण बच्चे के शरीर को गर्मी देने में मदद करता है, जिससे कंजेशन के कारण सांस लेने में होने वाली परेशानी से राहत मिलती है।
5. सुरक्षित विकल्प
दवाओं के मुकाबले ये काढ़ा बच्चे के लिए केमिकल फ्री विकल्प है, जिसे सही मात्रा में देने से आपके बच्चे को कफ और सर्दी-जुकाम की समस्या से राहत मिल सकती है।
कफ से राहत के लिए काढ़ा कैसे बनाएं?
बच्चों की छाती में जमी कफ निकालने के लिए आप कच्ची हल्दी का काढ़ा बना सकते हैं। कच्ची हल्दी का काढ़ा बनाने के लिए आप सबसे पहले एक इंच कच्ची हल्दी को अच्छी तरह धो लें। फिर इसके बाद इसे बारिक कद्दूकस कर ले और इसके रस को निचोड़कर अलग कर लें। अब एक कटोरी में इस रस को डालें और इसमें 1 इंच के बराबर ही गुड़ डालकर अच्छी तरह मिला लें। बस आपको काढ़ा तैयार है। बच्चों को सुबह और रात को सोने से पहले उनके उम्र के अनुसार ये काढ़ा पिलाएं।
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बच्चों को कितनी मात्रा में काढ़ा पिलाना चाहिए?
- 6 से 1 साल तक के शिशुओं को सुबह और रात को सोने से पहले 2-2 बूंदें काढ़ा की पिलाएं।
- 1 से 5 साल तक के बच्चों को दिन में दो बार सुबह और रात में 1/4 चम्मच काढ़ा दें।
- 5 साल से बड़े बच्चों को सुबह और रात को सोने से पहले आप आधा चम्मच काढ़ा पिला सकते हैं।
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कच्ची हल्दी और गुड़ का ये काढ़ा न सिर्फ बच्चों को कफ से राहत दिलाने में मदद करता है, बल्कि उनके रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए और इम्यूनिटी के लिए ये काफी फायदेमंद होता है। लेकिन शिशुओं को ये काढ़ा देने से पहले एक बार चाइल्ड स्पेशलिस्ट से कंसल्ट कर लें और मात्रा पर जरूर ध्यान दें।
Image Credit: Freepik
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