20 से 50 साल की उम्र में बढ़ रही है पाइल्स की समस्या, जानें कारण और निदान

बदलती जीवनशैली, फास्ट फूड का सेवन और तनाव से कब्ज की शिकायत बढ़ी है। इससे 30 से 35 साल की उम्र में ही पाइल्स की समस्या होने लगी है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
20 से 50 साल की उम्र में बढ़ रही है पाइल्स की समस्या, जानें कारण और निदान

बदलती जीवनशैली, फास्ट फूड का सेवन और तनाव से कब्ज की शिकायत बढ़ी है। इससे 30 से 35 साल की उम्र में ही पाइल्स की समस्या होने लगी है। इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, कई बार संकोचवश भी मरीज डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए नहीं पहुंचते। इससे धीरे-धीरे समस्या बढ़ती जाती है, सुबह फ्रेश (शौच जाने) होने के साथ रक्तस्राव और असहनीय दर्द होता है। इससे लोगों का काम भी प्रभावित हो रहा है। सर्जन डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि 20 से 50 साल की उम्र में पाइल्स की समस्या बढ़ी है। एक अनुमान के तहत 50 साल की उम्र के हर दूसरे व्यक्ति को पाइल्स की समस्या है। ग्रेड वन के मरीजों में दवा और इंजेक्शन से इलाज संभव है। इसके लिए मरीज को हॉस्पिटल से दो घंटे बाद छुट्टी दे दी जाती है। पाइल्स के ग्रेड तीन और चार के मरीजों में ऑपरेशन किया जाता है। अब स्टेपल विधि से भी ऑपरेशन होने लगा है। मगर, ऑपरेशन के बाद भी सावधानी बरतनी होती है।

इसे भी पढ़ें : बढ़ती उम्र के साथ सर्दियों में रहें सतर्क, इन 6 बीमारियों में जरूर बरतें सावधानी

पाइल्स होने के क्या कारण हैं

  • बवासीर होने का प्रमुख कारण है लम्बे समय तक कठोर कब्ज बना रहना।
  • सुबह-शाम शौच न जाने या शौच जाने पर ठीक से पेट साफ न होना।
  • शौच के समय जोर लगाना
  • टॉयलेट में काफी देर तक बैठना
  • हेरिडिटि (वन्शानुगत कारण)
  • डायरिया की समस्या।
  • भोजन में पोषक तत्तवों की कमी के कारण।
  • अधिक तला या मसालेदार भोजन खाने से।
  • अत्यधिक दवाओं के सेवन से।
  • ओवरवेट होने के कारण विशेषकर पेट व श्रोणी पर ज्यादा वजन पड़ता है जिससे श्रोणी के नसों पर दबाव बढ़ जाता है।
  • प्रसव के दौरान बवासीर होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि एनस क्षेत्र पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
  • ज्यादा दिनों तक हृदय व लीवर से संबंधित बीमारी होने से बवासीर का खतरा हो सकता है।  

पाइल्स के लक्षण

  • ऐनस के इर्द-गिर्द एक कठोर गांठ जैसी महसूस हो सकती है। इसमें ब्लड हो सकता है, जिसकी वजह से इनमें काफी दर्द होता है।
  • टॉयलेट के बाद भी ऐसा महसूस होना कि पेट साफ नहीं हुआ है।
  • शौच के वक्त लाल चमकदार रक्त का आना।
  • शौच के वक्त म्यूकस का आना और दर्द का अहसास होना।
  • ऐनस के आसपास खुजली होना और उस क्षेत्र का लाल और सूजन आ जाना।

पाइल्स से बचने के लिए बदलें जीवनशैली

  • 12 से 14 गिलास पानी पीएं।
  • दिन में आधा किलो फल खाएं, इसमें पपीता, सेब और जामुन को शामिल करें।
  • दिन में तीन किलोमीटर टहलें।
  • बाजार का खाना और फास्ट फूड का सेवन करने से बचें।
  • बैठने का काम है, तो हर दो घंटे बाद टहलें। टाइट कपड़े ना पहने।
  • कई घंटे खड़े रहने पर भी पाइल्स की आशंका बढ़ जाती है।
  • कब्ज ना होने दें, ज्यादा देर तक शौचालय में ना बैठें।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Other Diseases In Hindi

Read Next

बढ़ती उम्र के साथ सर्दियों में रहें सतर्क, इन 6 बीमारियों में जरूर बरतें सावधानी

Disclaimer