प्रसव के बाद भी महिला को हो सकती है दर्द की समस्‍या

प्रसव के बाद भी शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं, जानिए डिलीवरी के बाद होने वाले दर्द और इससे बचने के उपाय।
  • SHARE
  • FOLLOW
प्रसव के बाद भी महिला को हो सकती है दर्द की समस्‍या


महिला को गर्भावस्‍था के दौरान तो देखभाल की जरूरत होती ही है, लेकिन प्रसव के बाद भी उसे काफी संभलकर रहना पड़ता है। गर्भावस्‍था के दौरान शरीर में हार्मोन परिवर्तन के कारण कई बदलाव होते हैं, लेकिन प्रसव के बाद भी शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं।

दर्द से पीडि़त महिलाप्रसव के पहले सप्‍ताह में शरीर में बहुत परिवर्तन होता है जिसके कारण असहनीय दर्द होता है। युटरस में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर स्तनपान कराने पर क्योंकि इससे युटरस सिकुड़ने लगता है। स्तनों में दर्द भी महसूस हो सकता है। आइए हम आपको प्रसव के बाद होने वाले दर्द से निपटने के बारे में जानकारी देते हैं।

 

डिलीवरी के बाद क्‍यों होता है दर्द

प्रसव उपरान्त कुछ जटिलतायें हो सकती हैं। इसमें कुछ हैं - एक्लेम्पसिया (प्रसव के बाद पहले दो दिन या 48 घंटे के अंदर) संक्रमण और रक्त स्राव (तेज रक्त स्राव) होता है। संक्रमण, प्रायः दीर्घकालीन प्रसव वेदना या कोशिकाओं के समय से पहले डैमेज होने के कारण संक्रमण होता है, साफ-सफाई के कारण भी ऐसा हो सकता है।

यदि संक्रमण ज्‍यादा हो गया है तो बुखार, सिरदर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, योनि के रिसाव से बदबू आना तथा उल्टी व दस्त होना शुरू हो जाता है। रक्तस्राव प्रसव के बाद दस दिन या इससे अधिक दिनों के बाद भी हो सकता है। रक्‍तस्राव के दौरान रक्‍त में पीलापन हो जाता है इससे खून की कमी और नासूर हो सकता है।

डिलीवरी के बाद यूटरस अपने सामान्‍य अवस्‍था में आता है जिसके कारण कोशिकायें सिकुड़ती हैं इसकी वजह से दर्द होता है। प्रसव के 3 से 5 दिनों के बाद आपके स्तन दूध से भर जाएंगे। आपके स्तन सख्त और पीड़ादायक हो सकते हैं। कभी-कभी स्तनों से दूध टपक भी सकता है।

 

प्रसव के बाद दर्द से बचने के तरीके

  • प्रसव के बाद दर्द और ऐंठन होना सामान्य है, इससे घबराना नही चाहिए। धीरे-धीरे यह ठीक हो जाता है।
  • यदि सिजेरियन हुआ है तो टांकों के कारण जलन और टीस हो सकती है। जब भी आपको लगे कि इसे बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा है, दर्द की दवा ले सकती हैं।
  • रक्तस्राव के कारण गुदा में होनेवाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए स्प्रे या क्रीम जैसी किसी दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • संक्रमण और गंध को रोकने के लिए योनि और गुदा के आसपास के हिस्से (पेरीनियल पार्ट) को हमेशा साफ सुथरा रखें।
  • पेरीनियल पार्ट के दर्द पर काबू पाने के लिए इस हिस्से को गर्म पानी से सेंक सकते हैं।
  • प्रसव के बाद पहले दिन के दर्द और सूजन को कम करने के लिए अपने योनि और गुदा के आस पास के हिस्से पर थोड़ी-थोड़ी देर के लिए बर्फ का पैक रखें।
  • गुनगुने पानी से स्नान करें। अपने बच्चे को जन्म देने के 24 घंटे के बाद नहाना शुरू कर सकते हैं।
  • अपने सेनिटरी पैड को नियमित रूप से बदलते रहें।
  • अपने हाथ साबुन और पानी से साफ रखें, दिन में हाथों को बार-बार साफ कीजिए।

 

इसके अलावा खान-पान का विशेष ध्‍यान रखें और प्रसव के बाद भी नियमित जांच के लिए डॉक्‍टर के पास जाते रहें।

 

 

Read More Articles on Pregnancy in Hindi

Read Next

गर्भावस्‍था के दौरान सुरक्षित रेल यात्रा करने के लिए टिप्स

Disclaimer

TAGS