
बाल चिकित्सा के जर्नल में प्रकाशित एक नये अध्ययन के सुझाव के अनुसार प्रोबायोटिक्स बच्चों को पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ प्रदान नहीं करता। प्रोबायोटिक्स बच्चे के पेट में मौजूद बैक्टीरिया के समुदाय को बदलने की कोशिश के रूप में दिया जाता है, लेकिन शोधकर्ताओं के सुझाव अनुसार यह व्यर्थ साबित हो सकता हैं।
शोधकर्ता ने कहा कि, प्रोबायोटिक्स से कब्ज, शिशु का पेट दर्द, दीर्घकालीन जटील व्रणोत्पत्ती (ulcerative) बृहदांत्रशोथ या क्रोहन्स रोग में कोई राहत नही मिलती ऐसा पाया गया हैं।
प्रोबायोटिक्स याने जीवित बैक्टीरिया युक्त खाद्य उत्पाद होते है, जो उपभोक्ता के पेट के बैक्टीरिया की संरचना को बदलने में मदद करते हैं। प्रोबायोटिक्स लेना प्रवृत्ति बन गई हैं और मोटे तौर पर उसे दही, सोया दही, या पूरक आहार के रुप में लिया जाता है। अमेरिका में मैडिसन के मेरिटर अस्पताल के बाल चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ. फ्रैंक ग्रीर के अनुसार, माता पिता को अपने बच्चों के दैनिक आहार में इसको शामिल करने के अतिरिक्त प्रयास करने की सिफारिश नही की जाती हैं। वह कहते है कि, भले ही एक बच्चे को पांच अलग प्रोबायोटिक्स के साथ दही दिया जाये, उसका प्रभाव जैसे ही बच्चे को उसे खाना बंद करते हैं, वापस लौट जाएगा।
कुछ पिछले अध्ययनों से पता चला है कि प्रोबायोटिक्स दस्त रोकने में फायदेमंद होता हैं। हालांकि, आप को यह जान कर आश्चर्य होगा कि इस तरह के प्रभाव तो बहुत मामूली हैं। आजकल तो प्रोबायोटिक्स (दही में बहुत आम) पेय के रूप में और अन्य रूपों में भी उपलब्ध हैं, लेकिन वे आपके बच्चे के लिए अच्छे हैं। बच्चों के लिए वे अधिक स्वास्थ्य लाभ नही देते, ऐसा वैज्ञानिकों का सुझाव हैं।
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