Pregnancy Rhinitis: प्रेग्नेंसी एक नाजुक समय होता है। इस समय शरीर कई तरह की शारीरिक समस्याओं से होकर गुजरता है। प्रेग्नेंसी में इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण शरीर जल्दी बीमारी की चपेट में आ जाता है। बंद नाक ऐसी ही एक समस्या है। इसे राइनाइटिस के नाम से जाना जाता है। प्रेग्नेंसी राइनाइटिस वह स्थिति है जब प्रेग्नेंसी में म्यूकोसा प्रभावित होने के कारण नाक बंद हो जाती है और असुविधा महसूस होती है। राइनाइटिस होने पर नाक के हिस्से में दबाव महसूस होता है। सोने में दिक्कत होती है, कई बार कान भी बंद हो जाते हैं। इस दौरान कान में दर्द भी महसूस हो सकता है। राइनाइटिस की समस्या सामान्य सर्दी-जुकाम से अलग होती है। राइनाइटिस किसी फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण नहीं होता है। जानते हैं प्रेग्नेंसी में राइनाइटिस के कारण और इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
प्रेग्नेंसी में बंद नाक के कारण- Pregnancy Rhinitis Causes
प्रेग्नेंसी में राइनाइटिस या बंद नाक की समस्या होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। रिसर्च कहती है कि प्रेग्नेंसी में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। इस वजह से राइनाइटिस हो सकता है। प्रेग्नेंसी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स असंतुलित होते हैं। इस वजह से नेजल म्यूकस मेंब्रेन में सूजन आ जाती है और नाक बंद होने की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में नेजल पैसेज में ब्लड फ्लो तेजी से होता है और नेजल कंजेशन होने लगता है। जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उन्हें राइनाइटिस विकसित होने का खतरा ज्यादा रहता है।
प्रेग्नेंसी में राइनाइटिस का इलाज- Pregnancy Rhinitis Treatment
इस स्थिति को रोकने के लिए डॉक्टर उचित दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं। इस दौरान बुखार या सर्दी-जुकाम की दवा लेने से बचना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर नेजल स्प्रे भी देते हैं। सांस लेने में हो रही दिक्कत को दूर करने के लिए डॉक्टर नेजल स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। प्रेग्नेंसी में राइनाइटिस की समस्या आखिरी छह हफ्तों में ज्यादा देखी जाती है। कुछ मामलों में यह डिलीवरी के 1 से 2 हफ्तों बाद खुद ही ठीक हो जाता है। कुछ महिलाओं में यह समस्या पहली तिमाही में भी देखी जाती है। राइनाइटिस की समस्या सीधे गर्भस्थ शिशु को प्रभावित नहीं करती। हालांकि इस स्थिति में सोने में तकलीफ होती है। राइनाइटिस के कारण प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन, जेस्टेशनल डायबिटीज और प्रीक्लेम्पसिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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राइनाइटिस में इन बातों का ख्याल रखें- Rhinitis Precautions in Hindi
- प्रदूषण या धूल वाली जगह पर जाने से बचें।
- शरीर को हाइड्रेट रखें। राइनाइटिस की स्थिति में डिहाइड्रेशन से बचना चाहिए।
- नासिका मार्ग को साफ करने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।
- सांस की तकलीफ से बचने के लिए बिस्तर का सिरहाना ऊंचा रखें।
- घर में पेट्स हों, तो उनसे उचित दूरी बनाएं और पेड़-पौधों के ज्यादा करीब जाने से बचें।
- राइनाइटिस को दूर करने के लिए मौसमी फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करें।
- ज्यादा ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें।
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