17 मई को दुनिया उच्च रक्तचाप की जागरुकता बढ़ाने के लिए विश्व हाइपरटेंशन दिवस को मनाया जाता है। हाइपरटेंशन (Hypertension) लाइफस्टाइल के कारण होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है। तीन में से एक व्यक्ति उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित है। बच्चे भी इस बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं। हमारी आबादी का लगभग एक तिहाई 2020 तक इससे पीड़ित होगा। वर्तमान में, अनुमान है कि शहरी इलाकों में उच्च रक्तचाप की घटनाएं 20 से 40% तक और ग्रामीण क्षेत्रों में 12 से 17% तक होने की संभावना है।
तथ्य है कि इस बीमारी से ग्रस्त 90 प्रतिशत रोगियों को हाइपरटेंशन के कारण के बारे में भी जानकारी नहीं है। अधिकतर लोगों को तो यह भी मालूम नहीं है कि उन्हें उच्च रक्तचाप की शिकायत है। इस वजह से स्थिति के और भी गंभीर होने की आशंका बढ़ जाती है।
- आहार में नमक और वसा सामग्री की मात्रा कम करें।
- रेड मीट का भी कम मात्रा में सेवन करें।
- नियमित अभ्यास कार्यक्रमों में भाग लें।
- धूम्रपान बंद कर दें और शराब के सेवन को कम करें।
हाइपरटेंशन के कारण
हाइपरटेंशन का मुख्य कारण है एथेरोक्लेरोसिस-हदय से शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने वाली रक्त वाहिनियों में कोलेस्टाॅल, वसा पदार्थ, कोशिकाओं का अनुपयोगी पदार्थ, कैल्शियम और फाइब्रिन से प्लाक का निर्माण हो जाता है जिससे एथेरोक्लेरोसिस नामक बीमारी हो जाती है। इससे शरीर में रक्तचाप का स्तर बढ़ जाता है। इसके लिए कुछ अन्य कारक भी जिम्मेवार हैं:
टॉप स्टोरीज़
- समय पर भोजन ना करने
- युवाओं द्वारा अधिकतर समय स्मार्टफोन पर बिताना क्योंकि वे शारीरिक रूप से घूमने और लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलने की बजाय वर्चुअल वल्र्ड में रहना पसंद करते है
- अस्वास्थ्यकर आहार और गतिहीन जीवन शैली आज उच्च रक्तचाप के मुख्य कारण हैं। ज़्यादातर खाना जो हम खाते हैं जैसे की फास्ट फूड या संरक्षक और रसायनों के साथ पैक किये गए आइटम , यह खाना शरीर में पाचन समस्या पैदा करता है। बिगड़ा हुआ पाचन ए एम ए (जहर) के संचय की ओर जाता है, जो आगे जा के उच्च रक्तचाप का कारण बन जाता है।
नियंत्रण है जरूरी
डॉ. राकेश चुघ, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट (श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट) बताते है की उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करना मुश्किल नहीं है। स्वस्थ जीवनशैली व खान-पान की आदतों में सुधार करके इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।
- दिन भर में एक चम्मच से ज्यादा नमक का सेवन न करें।
- फल और हरी पत्तेदार सब्जियों के माध्यम से प्रचुर मात्रा में पोटैशियम लें।
- व्यायाम अवश्य करे
- तनाव से दूर रहें और अपना वजन संतुलित रखें।
- उच्च रक्तचाप से संबंधित लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
- हर साल हेल्थ चेकअप जरूर करवाएं। इसमें रक्तचाप के साथ-साथ शरीर के अन्य जरूरी अंगों की जांच की जाती है। शुरुआत में पकड़ में आने पर दवा व लाइफस्टाइल में सुधार से इस पर काबू पाया जा सकता है।
- 25 साल की आयु के बाद साल में एक बार रक्तचाप जांच जरूर करवाएं।
- डिब्बा बंद फल व सब्जियां, अधिक नमक व प्रिजरवेटिव्स वाले प्रोसेस्ड फूड व बेकरी प्रोडक्ट्स, चीनी, सेचुरेटेड व ट्रांस फैट युक्त चीजें, कैफीन व एल्कोहल का अधिक सेवन करने से बचें।