आपका मोबाइल फोन भी हो सकता है आपके चेहरे पर पिंपल्स का कारण

कई बार उपकरणों का हमारे शरीर और दिमाग पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। चेहरे पर पिम्पल या फिर अन्य तरह का कोई दाग चेहरे की खूबसूरती को बिल्कुल खराब कर देता है।
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आपका मोबाइल फोन भी हो सकता है आपके चेहरे पर पिंपल्स का कारण


आधुनिक लाइफस्टाइल और खानपान हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर रहा है। आज हम टेक्नोलॉजी से घिरे हुए हैं। तरह-तरह की मशीनों और उपकरणों से हमारे रोजमर्रा के काम और कई जटिल काम बेहद आसान हो गए हैं लेकिन कई बार इन उपकरणों का हमारे शरीर और दिमाग पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। चेहरे पर पिम्पल या फिर अन्य तरह का कोई दाग चेहरे की खूबसूरती को बिल्कुल खराब कर देता है। खासतौर से आजकल यानि कि बदलते मौसम में चेहरे पर मुंहासे होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। जिसके चलते चेहरे की सारी रंगत उड़ जाती है।

मोबाइल फोन और मुंहासे

आज के लोगों में खासकर युवाओं में स्मार्टफोन का क्रेज कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। छोटे-छोटे बच्चे भी आजकल स्मार्टफोन के सभी फीचर्स के बारे में ना सिर्फ जानते हैं बल्कि बखूबी इस्तेमाल करना भी जानते हैं। हालांकि इस चीज के अगर फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। ज्यादा स्मार्टफोन का नकारात्मक प्रभाव हमारे दिमाग पर तो पड़ ही रहा है साथ ही हमारी स्किन पर भी पड़ रहा है

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एक स्टडी के मुताबिक स्मार्ट फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोगों में मुहांसों की समस्या बहुत बढ़ रही है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम काफी देर तक स्मार्टफोन को कान में लगाकर बात करते हैं तो उसमें चिपके कई तरह के बैक्टीरिया हमारी स्किन के पोर्स में चले जाते हैं, जिससे मुंहासे हो सकते हैं। इसके अलावा स्मार्टफोन ज्यातादर लोगों के हाथ में ही रहता है। जिसके चलते कई तरह के अनदेखे कीटाणु फोन में चिपक जाते हैं और जब वही हाथ हम अपने चेहरे पर लगाते हैं तो कुछ ही देर में मुंहासे निकल आते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाएं। स्मार्टफोन से बात करते वक्त हमेशा या तो ईयर फोन का इस्तेमाल करें और या फोन के इस्तेमाल के साथ चेहरे पर हाथ लगाने से पहले हाथ अच्दी तरह धो लें।

तैलीय त्वचा को ज्यादा खतरा

मुंहासे ज्यादातर तैलीय त्वचा में होते हैं। मुंहासे होने के बड़े कारणों में दूषित खानपान और शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन हैं। मौसम में हुए बदलाव के कारण भी कई बार मुंहासे होने की समस्या हो जाती है। सर्दियों में तो मुंहासों के साथ बड़ी असमंजस वाली स्थिति पैदा हो जाती है, क्योंकि ऐसे में त्वचा को नमी की भी जरूरत होती है और वह त्वचा को नहीं मिल पाती है। मुहांसे होने के और भी कई कारण होते हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों पर कई तरह के दबाव हैं। ना सिर्फ बड़ों पर बल्कि छोटे-छोटे बच्चे भी आजकल पढ़ाई और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते तनाव के शिकार हो रहे हैं। तनाव भी चेहरे पर मुंहासे पैदा करने का एक बहुत बड़ा कारण है।

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केमिकल्स  वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स

इसके अलावा सुंदर दिखने के चलते कई लोग कोई भी क्रीम या कैमिकल प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कर लेते हैं, जिनसे भी चेहरे पर मुहांसे होते हैं। मुंहासों का ये कारण किशोरो में ज्यादा देखा जाता है। मुंहासों के इन कारणों के बारे में तो शायद आपने सुना ही होगा। लेकिन आज हम आपको मुंहासे होने का एक ऐसा कारण बता रहे हैं जिसे पढ़कर आप निश्चत ही चौंक जाएंगे।

मुंहासे और तनाव

कई लोग चेहरे पर हद से ज्यादा मुंहासे होने या अन्य किसी तरह की खराबी के चलते डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा शोध बताते हैं कि जिस समय व्यक्ति तनावग्रस्त होता है तब शरीर में कोर्टिसोल हार्मोंस का स्राव बढ़ जाता है जिसके कारण शरीर की त्वचा की ग्रंथियों से सीवम नामक हारमोन का स्राव ज्यादा होने लगता है जिसके कारण मुंहासे होते हैं। यानि कि मुंहासे और तनाव का गहरा संबंध है।

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